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नए बजट से लोगों को कुछ ज़्यादा हीं अपेक्षाएं; जानिए इस 2021-22 बजट के बारे में

हर नया साल अपने साथ कई उम्मीदें लेकर आता है और 2021 से लोगों को कुछ ज़्यादा हीं अपेक्षाएं हैं. ऐसे में आगामी वित्त वर्ष 2021-2022 के लिए सरकार द्वारा पेश किए गए नए बजट से आम आदमी को काफी उम्मीदें हैं. यह अगले एक साल तक भारत की दशा और दिशा दोनों तय करेगा.

साल 2021-22 के लिए मोदी सरकार ने केंद्रीय बजट पेश कर दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 1 फरवरी सोमवार को इस साल का बजट पेश किया जो 1 अप्रैल से लागू होगा. इस बार टैब (पेपरलेस) के माध्यम से केंद्रीय बजट पढ़ा गया है. पेश किए गए बजट पर सबकी अपनी-अपनी राय है, अलग-अलग विचार हैं. कोई इसे अच्छा बता रहा तो कोई बुरा. पर सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बजट में जो भी लक्ष्य या बातें निर्धारित की गई हैं, वह तय समय सीमा में अवश्य पूरी होनी चाहिए.

Nirmala Sitaraman

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट में ऐसा कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया है जिसका निवेशकों, कारोबारियों या करदाताओं पर नकारात्मक असर हो. वित्त मंत्री ने 2021-22 के लिए कुल 34,83,236 करोड़ रुपये के व्यय का बजट पेश किया है. देश में आयात की जाने वाली कई चीजों पर आयात शुल्क यानी कस्टम ड्यूटी (Custom Duty) कस्टम ड्यूटी में बदलाव किया गया है. केंद्रीय बजट 2021-22 के प्रस्तावों के मुताबिक :-

• इन्फ्रा, रियल एस्टेट और सबसे ज्यादा हेल्थकेयर सेक्टर में निवेश का ऐलान किया गया है.

• इंश्योरेंस, बिजली, स्टील उत्पाद, चमड़े के उत्पाद, जूते, नायलॉन के सामान, पॉलिस्टर कपड़े और पेंट जैसी चीजें सस्ती हो गई हैं.

• सोना-चांदी के दाम में कमी आएगी. सोने और चांदी पर कस्टम ड्यूटी में 5 प्रतिशत की कटौती की घोषणा की गई है. वर्तमान में सोने और चांदी पर 12.5 प्रतिशत आयात शुल्क चुकाना पड़ता है जो अब 7.5 प्रतिशत हो गया है.

• मोबाइल, चार्जर या कोई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, सूती कपड़े, ऑटो पार्ट्स और बच्चों के खिलौने भी महंगे हो जाएंगे.

• पेट्रोल पर 2.5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 4 रुपये प्रति लीटर का ‘एग्री इन्फ्रा सेस’ लगाया गया है.

• मटर पर 10 प्रतिशत, काबुली चना पर 30 प्रतिशत, मसूर पर 20 प्रतिशत, कपास पर 5 प्रतिशत, सेब पर 35 प्रतिशत एग्री इन्फ्रा सेस लगाने की बात कही गई है.

• अल्कोहलिक पदार्थों पर 100 प्रतिशत का एग्री इन्फ्रा सेस लगाने का भी प्रस्ताव रखा गया है.

• सस्ते मकान या फ्लैट (मकान की कीमत 45 लाख से ज्यादा नहीं होनी चाहिए) खरीदने के लिये बैंक लोन पर ब्याज भुगतान में 1.5 लाख रुपये की छूट. सीधे शब्दों में कहें तो अगर कोई 31 मार्च, 2022 तक मकान खरीदने के लिए लोन लेता है तो उस पर 1.5 लाख रुपये का ब्याज माफ हो जाएगा लेकिन इसका फ़ायदा तब मिलेगा जब मकान पहली बार लिया जा रहा हो.

• सामाजिक सुरक्षा का लाभ देते हुए महिलाओं को अब हर प्लेटफॉर्म पर काम करने की आज़ादी दी गई है, साथ ही नाइट शिफ्ट में भी काम कर करने की भी बात कही गई है.

• 75 वर्ष या इससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक जो केवल पेंशन और जमा से होने वाली ब्याज आय पर निर्भर हैं, उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग (ITR) की जरूरत नहीं होगी. बैंक उनकी आय पर आवश्यक टैक्स की कटौती कर लेगा. इस लाभ के लिए जरूरी है जिस बैंक में पेंशन आ रही है, उसी बैंक में जमा धन पर ब्याज मिल रहा हो अन्यथा यह छूट नहीं मिलेगी.

• इम्पोर्टेड सोलर इनवर्टर पर कस्टम ड्यूटी 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत और सोलर लैम्प पर 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है.

• मार्बल और ट्रेवनटाइन ब्लॉक्स पर कस्टम ड्यूटी (customs duty on marble and travertine blocks) अब 44 प्रतिशत से घटकर 40 प्रतिशत रह गई है.

• डिजिटल तरीके से अपना ज्यादातर काम करने वाली कंपनियों के लिये कर ऑडिट छूट की सीमा को दुगुना कर 10 करोड़ रुपये किया गया है.

बजट में उल्लेखित बातें लोगों को सरकार के प्रति आस बँधाने या विश्वास कायम रखने मात्र के लिए नहीं होनी चाहिए बल्कि उसे सही ढंग से क्रियान्वित कर राष्ट्र निर्माण की गति को बढाया जाना चाहिए. एक बार पुन: इस नए बजट से भारतवासियों को काफी उम्मीदें हैं.

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