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जानिए मकर संक्रांति 2021 का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, और खिचड़ी का महत्व

धर्म का अनोखा दृश्य जहाँ नीले आसमान के नीचे आस्था की हिलोरे कुछ इस प्रकार लगती हैं कि उस अविस्मरणीय छटा को देखकर यही प्रतीत होता है कि वास्तव में कही सच्ची समरसता का सौहार्द है तो वह यही है। ऐसा दृश्य आपको मकर संक्रांति के अवसर पर प्रमुख नदियों के तट पर दिख ही जाएगा। सनातन धर्म में मकर संक्रांति से त्योहारों की शुरुआत होती है। इस साल 2021 में ये पर्व किस दिन मनाया जाएगा ? इससे जुड़ी क्या मान्यता है ? और पूजा की विधि इन सब के बारे में हम एक – एक कर के जानेंगे।

इस साल 14 जनवरी को मनाई जाएगी मकर संक्रांति, ये है शुभ समय

हर साल जनवरी की 14 या 15 तारीख को मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है। इस साल यह त्योहार 14 जनवरी को मनाया जाएगा। साथ ही इस साल पुण्य काल के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 8.30 बजे से 12.30 बजे तक है, जिसकी अवधि 4 घंटे 26 मिनट है। वहीं, महापुण्य काल का समय सुबह 8.03 से 8.27 तक है, यानी यह अवधि केवल 24 मिनट की है।

 festival of Makar Sankranti 2021

पुराणों में पिता – पुत्र प्रेम की दी गई है तरजीह, जानिए इस अवसर से जुड़े इतिहास को

हिंदू पुराणों में वर्णित कथाओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य अपने पुत्र भगवान शनि के पास जाते हैं। उस समय भगवान शनि मकर राशि का प्रतिनिधित्व कर रहे होते हैं। शनि, मकर राशि के देवता हैं इसलिए इस दिन को मकर संक्रांति के रूप में मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस विशेष दिन पर जब कोई पिता अपने पुत्र से मिलने जाता है, तो उनकी सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं।

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इन बातों का रखें विशेष ध्यान

-इस दिन सुबह जल्दी उठकर नदी में स्नान करना जरूरी होता है। यदि आप तट पर नहीं जा सकते तो घर पर स्नान ही स्नान करें।

-नहाकर साफ वस्त्र पहनने होते हैं।

-एक साफ चौकी लेकर उस पर गंगाजल छिड़कें और लाल वस्त्र बिछाएं।

-चौकी पर लाल चंदन से अष्टदल कमल बनाएं।

-सूर्यदेव का चित्र या तस्वीर चौकी पर स्थापित करें।

-सूर्यदेव के मंत्रों का जाप करें। (ऊँ सूर्याय नम:)

-सूर्यदेव को तिल और गुड़ से बने हुए लड्डुओं का भोग लगाएं।

खिचड़ी का विशेष महत्व

चावल को चंद्रमा का प्रतीक माना जाता है और काली दाल को शनि का। वहीं, हरी सब्जियां बुध से संबंध रखती हैं। कहा जाता है कि खिचड़ी की गर्मी व्यक्ति को मंगल और सूर्य से जोड़ती है। इस दिन खिचड़ी खाने से राशि में ग्रहों की स्थिती मजबूत होती है।

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