Tuesday, December 12, 2023

3 सरकारी नौकरियों को छोड़कर शुरू की खेती, आज कमा रहे लाखों रूपए: प्रेरक किसान

आज के कम्पटीशन के युग में युवाओं के बीच सरकारी नौकरी पाने हेतु काफी होड़ देखने को मिल रही है। युवा दिन-रात एक करके मेहनत करते हैं फिर भी उन्हें अपने मन मुताबिक सफलता हासिल नहीं मिलती। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शख्स के विषय में बताएंगे जिन्होंने एक या दो नहीं बल्कि 3 सरकारी नौकरी को छोड़कर खेती के क्षेत्र में अपने करियर को बुलंद करने का निश्चय किया और आज खेती कर लाखों युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बने हुए हैं।

धनराज लववंशी (Dhanraj Lavavanshi)

वह युवा हैं राजस्थान से ताल्लुक रखने वाले धनराज लववंशी (Dhanraj Lavavanshi) जिन्होंने सरकारी नौकरी को छोड़कर खेती करने का निश्चय किया और आज वह इससे मोटी रकम हासिल कर रहे हैं। वह मल्टीक्रॉप हार्वेस्ट फार्मूला की मदद से खेती करते हैं एवं लोगों को रोजगार देने में सक्षम है। वह खेती के अतिरिक्त पशुपालन से भी अलग कमाई कर रहे हैं।

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खेती के लिए नहीं की सरकारी नौकरी की परवाह

29 वर्षीय धनराज मल्टीक्रॉप तकनीक की मदद से खेती करने वाले अपने इलाके के प्रथम किसान हैं। वर्ष 2019 में अकलेरा कोर्ट में क्लर्क के पद पर कार्यरत थे जिसे उन्होंने छोड़ दिया आगे वह तहसील में क्लर्क बने फिर आगे उनका वह थर्ड ग्रेड टीचर के लिए चयनित हुए। परंतु उनकी चाहत खेती में थी इसीलिए उन्होंने नौकरियों को छोड़ दिया और खेती में आगे बढ़े, हालांकि इस दौरान उन्होंने लोगों की बहुत खरी-खोटी सुनी।

Dhanraj Lovevanshi left 3 government jobs and started farming

खेती में कुछ नया और अलग करने का जुनून उन्हें महात्मा फूले कृषि विद्यापीठ रुहोरी महाराष्ट्र से मिली। उन्होंने यहां से खेती के छोटे-छोटे तमाम बारीकियों को प्राप्त किया एवं मल्टीक्रॉप फार्मूला के स्टडी द्वारा वेजिटेबल तकनीक एवं फसलों की क्वालिटी के विषय में सारी जानकारी प्राप्त की और फिर अपने यहां लौटे।

हुआ 38 लाख का लाभ

अब उन्होंने सोयाबीन की फसल की बुआई की और उन्हें पहले बार में ही बड़ी सफलता हाथ लगी। उन्हें इस खेती से 42 लाख रुपए की आमदनी हुई 45 बीघा जमीन में उनके खेती की लागत 4 लाख रुपए आई थी और मुनाफा 38 लाख रुपए का हुआ। आगे उन्होंने 40 बीघा जमीन में टमाटर, भिंडी, लौकी, करेला, गेंदा का फूल खरबूज, तरबूज आदि की बुआई की जिससे उन्हें उम्मीद रहा कि आमदनी करोड़ो रूपये होगी।

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लोगों को बनाया आत्मनिर्भर

उन्होंने अब लोगों को रोजगार देना प्रदान किया और आज उनके साथ 40 लोग जुड़े हुए हैं जो उनके फैसले की देखभाल करते हैं। उन्हें कब पानी देना है, कब खाद देना है, कब गिराई तथा गुड़ाई करनी है ये सारा कार्य यही लोग करते हैं। पौधों की सिंचाई के लिए उन्होंने वाटर डिपिंग तकनीक का उपयोग किया है जिसमें पौधों को आवश्यकतानुसार पानी दिया जाता है। 4 वर्ष पूर्व उन्होंने डेयरी फार्म शुरू किया जिसमें वह सफल रहे। वह बड़ी मात्रा में गाय तथा भैंस का दूध सप्लाई करते हैं। वह अपनी कमाई का आधा भाग खेती में खर्च करते हैं।