पिछ्ले कुछ वर्षों से हमारे देश के किसानों ने खेती करने के तरीके में बदलाव लाया है। वे पारम्परिक खेती में हो रहे घाटे से मॉडर्न और फायदें वाली फसलों की खेती कर रहे हैं जैसे औषधीय पौधों, फल और सब्जियों आदि की खेती कर रहे हैं। इन फसलों की खेती से किसान भाई को कम समय और कम लागत में ही बेहतर मुनाफा हो जाता है। उन्हीं फसलों में एक फसल का नाम अनानास (Pineapple) है।
अनानास एक फल है जिसका उत्पादन और निर्यात करने वालों देशों में भारत प्रमुख देश है। इस फल की खेती सालोंभर की जा सकती है, क्योंकि इसकी खेती करने का कोई तय समय नहीं होता है। यही वजह है कि अनानास सालों भर बाजार में उपलब्ध रहता है और इसका इस्तेमाल करके जूस और डिब्बा बन्द सलाइस आदि बनाए जाते हैं। चूँकि, मार्केट में अधिक डिमांड होने की वजह से किसान भाई कम लागत में ही अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
इसी क्रम में आइए जानते हैं सालोंभर उगने वाले इस फल की खेती करने के लिए आवश्यक बातें, ताकि बम्पर मुनाफा कमाया जा सके।
कैसी मिट्टी पर की जा सकती है अनानास की खेती?
जैसा कि आप जानते हैं हर फसल की खेती हर प्रकार की मिट्टी पर नहीं की जा सकती है, क्योंकि हर फसल को उसके अनुसार उपयुक्त मिट्टी की जरुरत होती है। ठीक उसी प्रकार अनानास की खेती (Pineapple Cultivation) लिए भी अधिक जिवांश वाली रेतीली दोमट मिट्टी या बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है। इसके अलावा यदि आप इसकी फसल को दूसरी मिट्टी पर उगाएंगे तो उसकी गुणवत्ता पर बुरा प्रभाव पड़ेगा जिससे उसकी गुणवत्ता कम हो जाती है। अनानास की खेती वैसी मिट्टी पर करना अच्छा होता है जिसका PH लेवल 5-6 तक हो और जहां अधिक जल-जमाव न हो।
कैसी जलवायु में होती है इसकी खेती
अनानास का पौधें अधिक गर्मी सहन नहीं कर पाते हैं, इसलिए इसकी खेती के लिए न तो अधिक गर्म और न ही अधिक ठंड जलवायु की जरुरत होती है। इसकी खेती के लिए आर्द्र जलवायु बेहतर मानी जाती है। दूसरे शब्दों में 22 से 32 डिग्री सेल्सियस टेम्परेचर में इसकी खेती की जा सकती है।
कई फसल ऐसे होते हैं जिन्हें कम पानी की जरुरत होती है, लेकिन अनानास के पौधें को अधिक सिंचाई की जरुरत होती है। इसकी खेती के लिए 100-150 सेन्टीमीटर तक बारिश अच्छी मानी जाती है। अर्थात इसकी खेती को ऐसे जलवायु में करना चाहिए जो 22 से 32 डिग्री सेल्सियस गर्म होने के साथ-साथ पर्याप्त मात्रा में नमीयुक्त हो।
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कब कर सकते हैं अनानास की खेती?
आमतौर पर इसकी खेती सालभर में दो बार की जाती है, पहली खेती जनवरी माह से लेकर मार्च महीने तक और दूसरी खेती मई से जुलाई के बीच की जाती है। लेकीन यदि जलवायु गर्म और नमीयुक्त हो तो वहां की मिट्टी पर इसे सालों भर उगाया जा सकता है। दूसरे शब्दों में अनानास बाकी फसलों से अलग है इसलिए इसकी खेती को वर्ष भर किया जा सकता है। मिट्टी, सिंचाई, मौसम और तापमान अगर सही है तो सालों भर इसका उत्पादन किया जा सकता है।
भारत में अनानास के किन किस्मों की खेती होती अधिक प्रचलित हैं?
वैसे तो अनानास की कई किस्में हैं लेकिन हमारे भारत देश में क्यू, क्वीन, रैड स्पैनिश, मॉरिशस और जायनट आदि अनानास की प्रमुख किस्मों की खेती होती है। इसमे से एक क्वीन ऐसी किस्म है जो बहुत जल्द ही पक जाती है। लेकिन भारत में रैड स्पैनिश किस्म का अनानास काफी मशहूर है और इसकी खेती से किसानों को भी काफी लाभ होता है, क्योंकि इसमें न तो जल्दी कीड़े लगते हैं और न ही जल्दी खराब होता है।
कैसे करें अनानास की खेती?
किसी भी फसल की खेती करने के लिए सबसे पहले मिट्टी तैयार की जाती है। इसकी खेती के लिए भी सबसे पहले खेत की जुताई करके उसमें गोबर की खाद मिलाकर मिट्टी को भुरभुरा बनाया जाता है। किसान भाई चाहे तो उसमें जैविक खाद (Organic Fertilizer) या वर्मीकम्पोस्ट (Vermi Compost) आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं। मिट्टी तैयार करने के बाद अब बारि आती है फसल की बुवाई की।
बुवाई करते समय ध्यान रहें कि बारिश न हो। बता दें कि, अनानास का पौधा बोने के लिए उसके ऊपरी हिस्सा जिसे सकर या पायनेपल कहा जाता है, का इस्तेमाल क्या जाता है। इसे बोने से पहले 0.2% डाइथेन एम 45 के घोल में डूबोकर साफ किया जाता है और तत्पश्चात बुवाई की जाती है। इसको बोते समय ध्यान रखें कि, प्रत्येक पौधों के बीच की दूरी कम से कम 25 सेन्टीमीटर होना चाहिए।
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अनानास की खेती से कमा सकते हैं अच्छा-खासा मुनाफा
यदि आप एक हेक्टेयर खेत में अनानास की खेती (Pineapple Farming) करना चाहते हैं, तो आपको 16 से 17 हजार पौधें की आवश्यक्ता होगी। इतने पौधें से 3 से 4 टन अनानास का उत्पादन होता है और प्रत्येक फल का वजन 2 किलोग्राम होता है। यदि इसके बाजार की बात करें तो कुछ वर्षों से फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज में इसकी डिमांड अधिक बढ़ी है। वहीं बाजार में इसकी कीमत की बात करें तो इस्की कीमत 150-200 रुपये किलों तक होता है। इस हिसाब से देखा जाएं तो मांग अधिक बढ़ने से यदि किसान इसकी खेती करते हैं तो अच्छा-खासा मुनाफा कमा सकते हैं।
अनानास का इस्तेमाल जूस, डिब्बा बन्द स्लाइस आदि बनाने में किया जाता है।
भारत में पैदा होने वाले अनानास की मांग पूरे विश्व में होती है और 100 से अधिक देशों को यहां से अनानास का निर्यात किया जाता है। इसलिए इसकी खेती और अधिक लाभदायक है। भारत, अनानास का निर्यात करके लगभग 26 मिलियन डॉलर का बिजनेस करता है।
भारत में कहां होती है अनानास की खेती?
चूँकि, भारत 160 देशों में अनानास का निर्यात करता है तो जाहिर सी बात है कि यहां इसकी खेती भी अधिक की जाती है। हालांकि, आंध्र प्रदेश, मिजोरम, त्रिपुरा, केरल, पश्चिम बंगाल और असम में मुख्य रूप से सालों भर इसकी खेती की जाती है। लेकिन अब उत्तर प्रदेश और बिहार के किसान भी इसकी खेती करनी शुरु कर दिए हैं।