Wednesday, December 13, 2023

अपनी अच्छी खासी नौकरी छोड़ ग्रामीण बच्चों को सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग करा रहे हैं, गांव के बच्चों को दे रहे शिक्षा और रोजगार: Edugaon

आज टेक्नोलॉजी हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन गई है। दिन पर दिन नई आईटी कंपनियां अपने कदम जमाते जा रही हैं, जिसमें करियर का स्कोप भी अच्छा बनता जा रहा है। लेकिन कुछ बच्चे चाहते हुए भी इसमें अपना कैरियर नहीं बना पाते हैं, कारण है वे इस क्षेत्र में अपनी पढ़ाई नहीं कर पाते। बिहार की ही बात करें तो यहां कई ऐसे छोटे-छोटे जगह है जहां आईटी की पढ़ाई नहीं हो पाती है और उनके पास एक सिंपल ग्रेजुएशन का ही रास्ता बचता है। जिन बच्चों की आर्थिक स्थिति अच्छी है वो तो अपनी पढ़ाई के लिए बाहर निकल जाते हैं। लेकिन जो आर्थिक रूप से कमजोर या सामान्य हैं वे इस क्षेत्र में आगे नहीं बढ़ पाते हैं।

ऐसे ही बच्चों का कैरियर देखते हुए बिहार (Bihar) के सारण जिले के अमनौर प्रखंड के रहने वाले राहुल राज और विजय कुमार ने एडूगांव (Edugaon) के नाम से एक संस्था शुरू की जिसमें उन्होंने बच्चों को इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज़ की ट्रेनिंग देनी शुरू की। Edugaon के माध्यम से 10+2 के बच्चों को सॉफ्टवेयर इंजिनीरिंग की पढ़ाई करवायी जाती है और इसके तहत उन्हें क्लाउड कंप्यूटिंग, वेबसाइट बनाना, मोबाइल के ऐप बनाना, ये सारी चीजें सिखाई जाती है।

राहुल(Rahul)और विजय(Vijay) अमनौर प्रखंड के हैं जो बहुत ज्यादा विकसित नहीं है। जहां 10+2 के बाद बच्चों के पास ज्यादा ऑप्शन नहीं हुआ करते थे। बस बच्चों ने ग्रेजुएशन किया और साथ ही सरकारी नौकरी की तैयारी शुरू कर दी। जिन्होंने जेनरल कंपटीशन निकाला उन्हें नौकरी मिली और जो नहीं निकाल पाए वे वहीं-के-वहीं रह गए,और फिर उनके पास कुछ ही रास्ते बचते हैं जैसे- किसी मॉल में जॉब करना, एटीएम गार्ड या फिर ऐसी ही कोई छोटी-मोटी नौकरी . इस परिस्थिति में कुछ ऐसे बच्चे होते हैं जो पिछड़ते हीं जाते हैं। राहुल और विजय भी इसी छोटी जगह से थे। जिन्हें अपनी पढ़ाई के लिए बाहर निकलना पड़ा राहुल(Rahul) ने इस छोटी सी जगह से बाहर निकलकर अपनी बीसीए की पढ़ाई मगध यूनिवर्सिटी से पूरी की और फिर आईटी कंपनी में कुछ साल तक नौकरी किये । लेकिन राहुल के जहन में शुरू से ही अपने गांव के लिए कुछ कर गुजरने के तम्मन्ना थी और फिर वो नौकरी छोड़ कर गांव वापस आए और एडूगांव(Edugaon) की शुरुआत की। 

Vijay Kumar
Vijay Kumar

विजय ने भी अपनी पढ़ाई पूरी कर नौकरी की और अपनी नौकरी के साथ-साथ विजय एडूगांव के मैनेजमेंट और यहाँ के बच्चों की पढ़ाई भी देखते हैं। अपनी पढ़ाई IIT शिकागो से करने के बाद विजय (Vijay) टाटा डिजिटल में जॉब करते हैं और Edugaon के लिए एक मेंटर जैसे हैं। राहुल और विजय का मानना था कि जिस जगह से निकलकर हमें पढ़ाई करने का अवसर मिला ज़रूरी नहीं कि हर किसी को वो अवसर मिल सके। इसलिए हमें ऐसी जगह रहने वाले बच्चों के लिए भी कुछ करना चाहिए।

कैसे हुई शुरुआत

राहुल बताते हैं कि उन्होंने एडूगांव(Edugaon) की शुरूआत 19 मार्च 2019 को की थी। और तब उनके पास सिर्फ 6 बच्चे थे। लेकिन आज वह 6 बच्चों वाला बैच लगभग 25 बच्चों का बन चुका है। ये इनका पहला बैच रहा। जिसमें वे बच्चों को 3 साल का कोर्स देंगे। 2 साल की पढ़ाई के बाद इन बच्चों को तीसरे साल में जॉब की ट्रैनिंग दी जाएगी।Edugaon के माध्यम से बच्चों को न इमर्जिंग टेक्नोलॉजी की पढ़ाई करवाई जाती है, बल्कि इनके कम्युनिकेशन स्किल पर भी ध्यान दिया जाता है। यहां बच्चों को पढ़ाने के लिए भी वैसे ही शिक्षक रखे गए हैं जिनके पास आईटी के क्षेत्र में अनुभव रहा हो या अभी भी कार्यरत हों।

अभी भी लोगों को करते हैं प्रोत्साहित

राहुल की टीम महीने में दो बार गांव में घूमकर लोगों को इसके बारे में बताती भी है और लोगों को यह भी समझाती है कि इसमें क्या स्कोप है, बच्चों का कैरियर क्या होगा। ये बच्चों को ऑफलाइन क्लास तो देते ही हैं साथ ही उन्होंने हर शनिवार और रविवार को ऑनलाइन क्लास देनी भी शुरू कर दी है। इनके इस कार्य से प्रभावित होकर अटल ग्रामीण विकास योजना ने भी इनके साथ 3% का सहयोग किया है।

एडुगांव की कोशिश होगी कि अगले वर्ष वे बच्चों को छात्रवृत्ति और प्लेसमेंट भी दे सके ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चे इसमें अपना भविष्य बना सकें। इन छोटी जगहों के बच्चों का भी विकास हो सके और किसी कारणवश बिछड़ते बच्चे भी आगे बढ़ सकें। क्योंकि ग्रामीण भारत के विकास की ज़िम्मेदारी सिर्फ सरकार की हीं नहीं है बल्कि हमारी भी है।

सुविधाओं से दूर बिहार के ग्रामीण इलाके में इस अनोखी सोच के साथ आगे बढ़ रहे इन युवाओं के प्रयास को The Logically नमन करता है और साथ ही इनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता है।

The Logically के लिए इस कहानी को स्वाति सिंह ने लिखा है।