Wednesday, December 13, 2023

दूध बेच पढाई कर शिक्षक बने थे, अब रिटायरमेंट के 40 लाख रुपये गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए दान कर दिए

आज के समय में ज्यादा लोगों का झुकाव सरकारी नौकरी के तरफ है क्योंकि उन्हें यह लगता है कि सरकारी नौकरी मिल जाने के बाद आरामदायक जिन्दगी जिया जा सकता है और साथ हीं रिटायरमेंट के बाद जो पैसे मिलते हैं उसके तो कुछ अलग ही मजा है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शख्स से मिलवाने वालें हैं, जिन्होंने बिना किसी स्वार्थ भाव से सरकारी शिक्षक की नौकरी की और बाद में रिटायरमेंट के पैसे को भी गरीब बच्चों को दान कर दिया।

कौन हैं वह शिक्षक?

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पन्ना जिले के सरकारी स्कूल में सहायक शिक्षक विजय कुमार चंसोरिया (Assistant Teacher Vijay Kumar Chansoria) ने दूध बेचकर अपनी पढ़ाई पूरी की थी और रिक्शा चलाकर शिक्षक बनने तक के सफर को पूरा किया। जब वे रिटायर हुए तो रिटायरमेंट के 40 लाख रुपए गरीब बच्चों को दान कर दिया।

गरीबी में गुजरा बचपन

शिक्षक विजय कुमार चंसोरिया (Assistant Teacher Vijay Kumar Chansoria) ने अपने बचपन में गरीबी को बहुत हीं नजदीक से देखा था। उनके घर की आर्थिक हालात इतने खराब थे कि उनके पास पैसे नहीं थे कि वे अपनी कॉपी किताबे भी खरीद सके। लेकिन शुरू से हीं इनको पढ़ाई के प्रति एक अलग हीं जुनून था, जिसे पूरा करने के लिए उन्होंने दूध बेचना शुरू कर दिया और जैसे-तैसे अपने पढ़ाई पूरी की। उन्होंने बताया कि, नौकरी नहीं लगने के पहले उन्होंने घर का खर्च उठाने के लिए रिक्शा को भी चलाया।

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रिटायरमेंट के 40 लाख रुपए गरीब बच्चों को दिया दान

शिक्षक विजय कुमार चंसोरिया ने अपने सरकारी नौकरी 39 साल तक किया और जब वे रिटायर हुए तो उस दौरान वे खंदिया स्कूल में पढ़ाते थे।

विजय कुमार चौरसिया, मध्यप्रदेश शिक्षक

उन्होंने बताया कि, यह स्कूल एक आदिवासी गांव में स्थित है। इस गांव की आर्थिक हालात इतनी खराब है कि यहां के बच्चे बोर्ड द्वारा निर्धारित परीक्षा की फीस नहीं भर पाते हैं। और बच्चों की इस दुर्दशा को देखते हुए उन्होंने फैसला लिया कि रिटायरमेंट में मिलने वाले 40 लाख रूपये इन बच्चों को दान कर देंगे ताकि वे अपनी आगे की पढ़ाई अच्छे से कर सकें।

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अपनी आखिरी सांस तक बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में करना चाहते हैं मदद

शिक्षक विजय कुमार चंसोरिया (Assistant Teacher Vijay Kumar Chansoria) ने जनरल प्रोविडेंट फंड और ग्रेच्युटी में मिलने वाले लाखों रुपए गरीब बच्चों को दे दिया। उनका कहना है कि, शिक्षा एकमात्र ऐसा हथियार है, जिससे गरीबी को हराया जा सकता है। इसलिए वो अपनी आखिरी सांस तक बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में मदद करते रहना चाहते हैं।

“The Logically” शिक्षक विजय कुमार चंसोरिया द्वारा उठाए गए इस सराहनीय कदम की सराहना करता है और उनके समाज के प्रति बेहतरीन सोच को सलाम करता है

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