कई लोगों को खेती घाटे का सौदा लगती है, इसलिए ज्यादातर लोग इससे दूर भागते हैं, लेकिन खेती किसी भी फसल की हो, यदि अच्छी तरीके से की जाए तो अच्छी आमदनी कमाई जा सकती है। इस बात को बिहार के किसान सही साबित कर रहे हैं।
बिहार (Bihar) के किसान फूलों की खेती (Floriculture) से लखपति बन रहे हैं। बिहार के पूर्णिया (Purnia) में फूल (Flower) की खेती किसानों की किस्मत चमका रही है। धमदाहा अनुमंडल के कुछ किसान फूल की खेती कर प्रति एकड़ लाखों की आमदनी कमा रहे हैं। फूल (Flower) की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार अनुदान भी दे रही है।
पूर्णिया के चिकनी डुमरिया गांव के 15-20 किसान फूल (Flower) की खेती (Flower Farming) कर रहे हैं। वहां के किसान जम विलास और राम सून्दर सरकार ने कहा कि उनके गांव में लगभग 15 किसान गेंदे और चेरी के फूल (Flower) की खेती (Flower Farming) कर रहे हैं, जिससे वे 5 कट्ठे में लगभग 50000 की कमाई कर लेते हैं। हालांकि फूल (Flower) की खेती में खर्च और मेहनत अधिक लगती है। किसान फूल (Flower) तोड़कर उसका माला गुंथवाने के बाद पूर्णिया, बनमनखी और अन्य मार्केट्स में बेचते हैं। फूल (Flower) की मांग सबसे अधिक विवाह, पर्व, और चुनाव के सीजन में अधिक होती है।
चिकनी डुमरिया के पूर्व मुखिया अजीत झा का कहना है कि उनके गांव में 15 से 20 किसान गेंदा (Marigold), चेरी (Cherry) और गुलाब (Rose) के फूल की खेती (Floriculture) करते हैं। फूल (Flower) की खेती नहीं सभी किसानों की जिंदगी में खुशियां भर रही है, लेकिन कई बार बाढ़ के वजह से इसकी खेती नष्ट हो जाती है, जिसका खामियाजा किसान को भुगतना पड़ता है।
वहीं नगर प्रखंड उद्यान पदाधिकारी सुनील कुमार झा का कहना है कि राज्य बागवानी मिशन के NHM योजना के अंतर्गत फूलों की खेती (Floriculture) में 30 हज़ार रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान दिया जाता है। पूर्णिया के कई किसान इससे लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि फूल की खेती (Flower Farming) सही तरह से की जाए तो इससे अच्छी आमदनी हो सकती है।