किसान की अथक मेहनत से शायद हीं कोई होंगे जो वाकिफ नहीं होंगे। अपनी मेहनत से जिंदगी की सबसे बड़ी जरूरतों में से एक अन्न का उत्पादन करते हैं। धूप, बरसात और ठंड सभी मौसम में बिना थके वे अपनी खेती जारी रखते हैं। किसान को अन्नदाता कहा जाता है। अगर देखा जाए तो किसान मेहनत की पराकाष्ठा हैं। वैसे तो खेती करने वाले किसानों का परिश्रम अतुलनीय है लेकिन उन्हीं किसानों में अगर कोई किसान शारीरिक रूप से विकलांग हैं लेकिन मेहनत किसी आम किसान से तनिक भी कम नहीं तो उसे आप क्या कहेंगे। शायद यह बात अजीब लगेगी, विश्वास ना हो लेकिन यह सच है। आज एक ऐसे किसान की प्रेरणादायक कहानी प्रस्तुत है जिनका एक पैर नहीं है फिर भी वे वैशाखी के जरिए खेती कार्य में संजीदगी से लगे हुए हैं।

यहां तक की बरसात के मौसम में भी खेती के कार्यों में लगे रहते हैं। बस हमारे किसान को अपने आप से यही उम्मीद रहती है कि वह फसल को किसी भी तरह किसी भी कठिनाईयों का सामना करते हुऐ उगायें। ताकि मुझे मुनाफा भी हो और लोगों का आहार भी मिल सके। हमारा देश कृषि प्रधान देश है। यहां सिर्फ किसान परिवार में जन्म लेने वाले व्यक्ति ही नही बल्कि इंजीनियर की नौकरी छोड़ लोग भी खेती करते हैं। कुछ लोग सीए की नौकरी छोड़ भी खेती में लग जा रहें हैं ताकि लोगों का मनोबल बढ़े और वह भी खेती करें। बस यू माना या कहा जाए तो बच्चे, बुजुर्ग, युवक और महिलाएं भी खेती करने में रुचि दिखा रही हैं साथ ही अधिक-से-अधिक मुनाफा भी कमा रही हैं।
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एक पैर नहीं है, वैशाखी के सहारे करते हैं खेती
मधु मिथा IFS officer ने हमारे बीच एक वीडियो साझा करते हुए कुछ ऐसी बातें लिखी हैं, “कोई भी वर्ड इस वीडियो के साथ इंसाफ नहीं कर सकता है।” इनके द्वारा शेयर किये गये वीडियो को लगभग 2 लाख 19 हज़ार से अधिक व्यक्ति देख चुकें हैं। इस वीडियो में एक ऐसा शख्स है जिसका एक पैर नहीं हैं वह अपाहिज़ है। फिर भी यह किसान लकड़ी की बैशाखी हांथो में पकड़े अपनी लग्न से खेती कर रहा है।
No words can do justice to this video.
Thank you. pic.twitter.com/Qqj6P4kXtz— Madhu Mitha, IFS (@IfsMadhu) September 17, 2020
वैसे लोग जो अपनी विपरीत परिस्थितियों और अपंगता के कारण खुद को निराश कर अपनी जिंदगी यूं जाया कर देते हैं मधु मिथा के द्वारा साझा किया गया यह परिश्रमी किसान का वीडियो सभी व्यक्तियों के लिए प्रेरणा है। हम इस बात से भली-भांति परिचित हैं कि किसान किस तरह खेती में अपना पसीना बहा कर फसलों को सींचते हैं। लेकिन यह वीडियो उन सबसे परे है, क्योंकि सामान्य व्यक्ति तो खेती करते ही है, चाहे जैसे भी करें। लेकिन इस अपाहिज़ किसान ने अपनी मेहनत से ना किये जाने वाले कार्य को भी कर दिखाया है।
शारीरिक अपंगता को धत्ता बताते हुए वैशाखी के सहारे खड़े होकर जिस तरह से खेती कर रहे हैं वह प्ररेणा की पराकाष्ठा है। The Logically इस किसान की प्रशंसा करते हुए उन्हें कोटि-कोटि नमन करता है।
