आये दिन देश के कृषि विश्वविद्यालयों में नई तकनीक द्वारा फसलों का उत्पादन होता है।
बिहार (Bihar) के भागलपुर (Bhagalpur) में भी प्रथम बार काले अमरूद को उगाया गया है। – farming of black guava in Bihar agriculture university
2 वर्षों में ही तैयार हुआ फल
बिहार कृषि विश्वविद्यालय (Bihar Agriculture University) में इस पौधे को लगभग 2 वर्ष पहले लगाया गया था। विद्यालयों में लगे 1 पौधे से लगभग 4 या 5 किलो का फल प्राप्त हो रहा है। जिनमें एक अमरुद का वजन लगभग 100 ग्राम तक हो रहा है।
बिहार कृषि विश्वविद्यालय अब इस शोध में लग गया है कि अन्य किसान इस पौधे को किस तरह लगाएं और लाभ कमाए। विशेषज्ञों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस अमरूद की अभी कमर्शियल इस्तेमाल नहीं हो रहा है। – farming of black guava in Bihar agriculture university
प्रति किलोग्राम का मूल्य होगा 60 रुपए
कृषि विश्वविद्यालय के सह निर्देशक डॉ. फिजा अहमद ने बताया कि पहली बार बिहार कृषि विश्वविद्यालय में ये फल प्राप्त हुए हैं। यहां की मिट्टी काले अमरूद के लिए उपयुक्त है, जिस कारण मात्र दो ही वर्षों में ये फल देने लगी है।
अब हम इसकी एडवर्टाइजमेंट में लगे हैं ताकि ये मार्केट में भी अधिक-से-अधिक मात्रा में बिक सके। जहां तक हमें उम्मीद है कि आगे चलकर काला अमरूद 30-60 रुपए प्रति किलोग्राम तक बिकने वाला है। – farming of black guava in Bihar agriculture university
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी
उन्होंने बताया कि इसमे एंटी ऑक्सीडेंट ज्यादा मात्रा में पाई जाती है, जो किसी व्यक्ति को जल्द वृद्धावस्था में नहीं जाने देगा।
इसके अतिरिक्त इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ेगी। इसकी पत्तियों का आकर्षण इतना अधिक है कि लोग अपने घर की शोभा बढ़ाने के लिए काले अमरुद के पौधे को लगाएंगे। – farming of black guava in Bihar agriculture university
उन्होंने आगे बताया कि एरिया के सभी किसान इस कोशिश में लगे हैं कि वे जल्द ही इस अमरूद की खेती प्रारंभ करें। – farming of black guava in Bihar agriculture university