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कश्मीर में बना पहला इग्लू कैफे, जहां कुर्सी – मेज़ से लेकर सबकुछ बर्फ से बना: तस्वीर देखें

कश्मीर की वादियों में बर्फ से बना घर और उसके अंदर बैठकर आप चाय – कॉफी की चुस्कियों का आनंद ले रहें हो! सोचिए ये सब कितना अद्भुत होगा। ऐसा तो हमने मूवीज या फिर विदेशों में ही देखा था। लेकिन अगर मैं कहूं कि इसका आनंद अब आप भी ले सकते हैं तो? जी हां जम्मू – कश्मीर के गुलमर्ग में आप अपने इस शौक को पूरा कर सकते हैं।

First Igloo cafe

कश्मीर के पहले इग्लू कैफे में आपको क्या क्या मिलेगा?

वो ऐसे की कश्मीर के फेमस बर्फीले हिल स्टेशन गुलमर्ग (Hill station Gulmarg) में एक प्राइवेट होटल ने इग्लू कैफ ( Igloo cafe) बनाया है, जहां ठिठुरती ठंड में आप कश्मीरी कहवा या फिर कॉफी का स्वाद ले सकते हैं। इग्लू कैफे का आइडिया होटल के मालिक वसीम शाह (Waseem Shah) नाम का है। दरअसल, वह गुलमर्ग आने वाले पर्यटकों को एक नया अनुभव देना चाहते थे। कोल्हाई रिसॉर्ट्स के मालिक सैयद वसीम शाह ने आज तक को बताया कि, “गुलमर्ग में यह पहला मौका है जब लोग पूरी तरह बर्फ से बने इग्लू में कॉफी का मजा ले रहे हैं।”

इग्लू कैफे की खासियत जानकर हैरान हो जाएंगे

इग्लू करीब 22 फीट चौड़ा और 13 फीट से ज्यादा ऊंचा है। होटल के मालिक ने मीडिया को बताया कि वह इसमें एक बार में 16 मेहमानों को सर्व कर सकते हैं। इस इग्लू को बनाने में 15 दिन लगे। बता दें कि इसके अंदर मेज – कुर्सियां और इंटरियर डेकोर सबकुछ बर्फ से बना है। स्विट्जरलैंड, फिनलैंड और कनाडा जैसी जगहों पर यह पहले से ही मौजूद है पर अब हमारा कश्मीर भी इससे अछूता नहीं है।

धारा 370 हटने के बाद कर्फ्यू- लॉकडाउन की दोहरी मार के बाद कश्मीर टूरिज्म का हाल

कोरोना और लॉकडाउन के साथ धारा 370 हटने के बाद लगाए गए कर्फ्यू के कारण कश्मीर के उद्योग पर काफी असर पड़ा था। दो साल की मंडी के बाद अब चीजें वापस से पटरी पर लौट रही हैं। हाल ही में हुई बर्फबारी के कारण कई पर्यटकों वहां पहुंचे। ये टूरिज्म सेक्टर के लिए हरी झंडी साबित हुई है।

कश्मीर टूरिज्म को बेहतर बनाने की कोशिश

अच्छी खबर ये है कि गुलमर्ग और पहलगाम जैसे हिल स्टेशन पर्यटकों से भरे हुए हैं और एक अनुमान के मुताबिक अधिकांश होटलों में सर्दियों के अंत तक अग्रिम बुकिंग पूरी तरह से फुल है। जम्मू-कश्मीर सरकार, पर्यटन के सचिव सरमद हफीज का कहना है कि “यात्रा और यहां के लोगों दोनों के लिए यह खुशी की बात है। हम घाटी को एक पर्यटन स्थल के रूप में फिर से स्थापित करने के लिए पूरी कोशिश करेंगे।”

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