Wednesday, December 13, 2023

‘जोया’ बनी देश की पहली ट्रांसजेंडर Photo Journalist, भीख मांगकर खरीदी थी सेकंड हैंड कैमरा

भारत मे आज भी ट्रांसजेंडर (transgender) समाज के लोगों को सामान्य लोगों के बराबरी में नौकरी नही मिलती तथा हमारे समाज में आज भी ट्रांसजेंडर (transgender) को वह इज्जत नहीं मिलती जिनके वह हकदार हैं। आज हम ज़ोया थॉमस लोबो (Zoya Thomas Lobo) नामक एक काबिल ट्रांसजेंडर की बात करेंगे, जिन्होंने अपने काबिलियत के बदौलत यह साबित कर दिया कि ट्रांसजेंडर भी अन्य लोगों की बराबरी कर सकते है, उन्होंने देश की पहली ट्रांसजेंडर फोटोजर्नलिस्ट (First Transgender Photojournalist) बन कर ट्रांसजेंडर समाज के नाम को पूरे देश मे गौरवान्वित किया है। — Zoya Thomas Lobo is the India First Transgender Photojournalist.

देश की पहली ट्रांसजेंडर फोटोजर्नलिस्ट (First Transgender Photojournalist) बनी ज़ोया थॉमस

ज़ोया थॉमस लोबो (Zoya Thomas Lobo), (Bharat) भारत के मुम्बई (Mumbai) की निवासी है, इनके अनुसार, वह देश की पहली ट्रांसजेंडर फोटोजर्नलिस्ट (First Transgender Photojournalist) बनी है। इन्होंने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए काफी मुश्किलों का सामना किया है। घर की आर्थिक स्थिति सही नही होने के कारण वह केवल 5वीं कक्षा तक ही अपनी पढाई को जारी रख पायी। ज़ोया का कहना है कि, जब वह मात्र 11 साल की थी, तब इनको पहली बार महसूस हुआ कि वह बाकि लड़कों से अलग है। —Zoya Thomas Lobo is the India First Transgender Photojournalist.

transgender  Zoya Thomas lobo

गुरु जी ने किया अलग पहचान दिलाने में मदद

जोया (Zoya Thomas Lobo) ने बताया कि, जब वह 18 साल की थी तब उनकी मुलाकात एक गुरु जी से हुआ और उस गुरु जी ने इनकी अलग पहचान दिलाने में इनकी खूब सहायता की। इन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान यह बताया कि, समाज मे ट्रांसजेंडर के लिए कोई काम नही दिया गया है, इस वजह से इनको अपना पालन-पोषण हेतु लोकल ट्रेनों में भीख मांगना पड़ता है।

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सेकंड हैंड कैमरा खरीदा

जोया को बचपन से ही कैमरा रखने की शौक था तथा खास पलों को कैमरा में कैद करने का सपना था लेकिन कैमरा खरीदने के लिए इनके पास पैसे नही थे। वह अपना पेट पालने के लिए ट्रेनों में भीख मांगा करती थी। जोया को जो पैसे ट्रैन में भीख मांगने के दौरान मिले थे उन्ही पैसों को इकट्ठा करके अपने लिए एक पहला सेकंड हैंड कैमरा खरीदा।

transgender  Zoya Thomas lobo

कैमरा खरीदने के बाद भी नही सुलझी परेशानियां

जोया (Zoya Thomas Lobo) ने ट्रेन में भीख मांगे पैसों से अपना पहला सेकंड हैंड कैमरे खरीदा लेकिन सारे पैसे खर्च हो जाने के बाद उनको काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इनके पास अब कोई काम भी नही था, इसी बीच उनको एक शॉर्ट फिल्म में ट्रांसजेंडर का रोल निभाने का मौका मिला और उसी दौरान उनकी मुलाकात एक न्यूज चैनल के संपादक से हुई और उस संपादक ने उनको नई नौकरी करने का आफर दिया।

बतौर जर्नलिस्ट काम किया

जोया (Zoya Thomas Lobo) ने बताया कि, शॉर्ट फिल्म करने के दौरान उनकी मुलाकात एक न्यूज चैनल के संपादक से हुई और उन्होंने उनको बतौर जर्नलिस्ट जॉब करने का ऑफर दिया लेकिन उनको उस समय इस काम के बारे में ज्यादा जानकारी नही थी।

लॉकडाउन के दौरान मिली कामयाबी

जोया (Zoya Thomas Lobo) ने बताया कि, जब उन्हें बतौर जर्नलिस्ट काम करने का मौका मिला तो उस समय उनको इस काम के बारे में जानकारी नही थी लेकिन उनको कामयाबी तब मिली जब कोरोना महामारी के चलते देश मे लॉकडाउन लग गया और प्रवासी मजदूरों ने मुम्बई से पलायन करना शुरू कर दिया। तब जोया ने उन मजदूरों की तस्वीरे अपनी कैमरा से खींची और उसको अन्य पत्रकारों के साथ सांझा भी किया। यह वो समय था जब पत्रकारिता से जुड़े लोग उस फ़ोटो के वजह से जोया को जानना तथा पहचानना शुरू कर दिए और धीरे-धीरे इनके काबिलियत के बदौलत उनको इस जर्नलिस्ट लाइन ने प्रसिद्धि मिली।

transgender  Zoya Thomas lobo

बड़े स्तर पर दिखाना चाहती है अपनी प्रतिभा

जोया (Zoya Thomas Lobo) बतौर फ़ोटोजर्नलिस्ट काम करती है। उनका कहना है कि इस लाइन में काम करने के दौरान बहुत कुछ सीखने को मिला, बहुत कुछ जानने को मिला, जिस वजह से उनमें कई सकारात्मक बदलाव भी आये है। आगे उन्होंने बताया कि, अगर कोई बड़ा न्यूज़ चैनल उन्हें बतौर फ़ोटोजर्नलिस्ट का मौका दें तो वो अपने प्रतिभा को बड़े स्तर पर दिखा सकती है। —Zoya Thomas Lobo is the country First Transgender Photojournalist.

‘The Logically’ जोया थॉमस लोबो (Zoya Thomas Lobo) के जज्बे को सलाम करता है, जिन्होंने इतने मुश्किल वक्त में भी अपने मुकाम को हासिल किया तथा साथ भी अन्य लोगों से अपील करता है कि, अगर आपके भी घर मे या आस-पड़ोस कोई बच्चा ट्रांसजेंडर पैदा हो तो उसको सामान्य बच्चो के तरह ही पालन-पोषण करें और उसको अच्छी से अच्छी शिक्षा दे ताकि वो भी जीवन मे कुछ अच्छा कर सकें और उसको अन्य ट्रांसजेंडर के तरह सड़क पर या लोकल ट्रेनों में भीख न मांगनी पड़े।