हमारे जीवन में परिवार का बहुत महत्व होता है। यदि परिवार का साथ हो, तो हम कठिन-से-कठिन स्थितियों से भी लड़ सकते हैं, क्योंकि जिंदगी में चुनौतियां तो आती रहती हैं। ऐसे में उन सभी चुनौतियों से हमें ही लड़ना है और जीतना भी है। वहीं यदि किसी के जीवन में परिवार का साथ नहीं होते हुए भी कोई व्यक्ति सफलता के उंचाईयों को छुए, तो यह हम सभी के लिए प्रेरणा है।
गुरबीर सिंह (Gurbir Singh) की कहानी भी उपर्युक्त बातों से मिलती-जुलती है। 18 वर्ष पहले उनके परिवार का एक फैब्रिक मैन्युफैक्चर का बिजनेस था, लेकिन कुछ ही समय बाद परिवार के 5 सदस्यों की कैंसर से मौत हो गई, जिससे उनका परिवार टूट गया और बिजनेस भी खत्म हो गया। गुरबीर सिंह को क़र्ज़ चुकता करने के लिए पूर्वजों का घर तक बेचना पड़ा।
इतना सब होने के बाद गुरबीर सिंह (Gurbir Singh) फ़िर से उठ खड़े हुए और नया बिजनेस शुरु किया। उन्होंने किसानों को ऑर्गेनिक फार्मिंग (Organic Farming) के गुण सीखाना शुरु कर दिया। अभी तक उन्होंने 20 हजार से अधिक किसानों को ऑर्गेनिक फार्मिंग (Organic Farming) के गुणों को सीखाया है।
उन्होंने एक कैंपेन की शुरुआत भी की है, उनका हैशटैग #NoMorePoisonInMyFood है। गुरबीर सिंह का मानना है कि जीवन में कई चुनौतियां हैं, जिनसे हमें ही लड़ना भी है और जीतना भी है। परिवार में हुई इतनी बड़ी ट्रैजडी के बाद भी उन्होंने हिम्मत किया और घर की छत पर कम्प्यूटर इंटरनेट के एक साथ ऑफिस खोल दिया। उन्होंने बिना किसी स्टाफ के एक ट्रैवल एजेंसी शुरु किया।
गुरबीर सिंह ने वर्ष 2003 में दिलबीर फाउंडेशन बनाया, जिसका ऊद्देश्य सस्टनेबल लाइफस्टाइल, कल्चरल एसेट्स को सुरक्षित रखना और एकेडमिक एक्सीलेंस के लिए कार्य करना था। इस कार्य के लिए उन्होंने किसानों को प्रेरित करने वाला प्रोग्राम आरंभ किया। गुरबीर सिंह पंजाब से शुरु कर हिमाचल, हरियाणा और बाकी राज्यों तक अपनी पहुंच बनाने लगें। उन्होंने वर्ष 2016 में ऑर्गेनिक फार्मर मार्केट खोल दिए (Organic Farmer Market)। अब यह कई शहरों में खुलने लगा।
गुरबीर सिंह लोगों को ऐसे कार्य के बारे में जनाकरी दे रहे हैं, जिसे घर बैठे भी किया जा सकता है। वे लोगों को रोज़गार के अवसर के बारे में भी बताते हैं। (Organic Farming)