Wednesday, December 13, 2023

नासा का ऑफर ठुकराकर खुद के दम पर हासिल की सफलता, केले के कचरे से बनाया थर्मोकोल

आज हमारे देश के युवा अपना करियर बड़ी कम्पनी में नौकरी नहीं बल्कि खेती, गार्डेनिंग तथा आविष्कारों की तरफ मोड़ रहे हैं। आज हम आपको बिहार के एक ऐसे युवा वैज्ञानिक के विषय में बताएंगे जिन्होंने नासा के ऑफर को ठुकराकर केले के कचरे से थर्माकोल के निर्माण का कार्य शुरू किया। हमारे देश के युवा हर बड़ी तथा छोटी समस्या का समाधान अपनी मेहनत के बदौलत निकाल लेते हैं। बिहार से ताल्लुक रखने वाले युवा गोपाल जी उन्हीं युवाओं में से एक हैं जिन्होंने केले के कचरे का सदुपयोग इस तरह किया है कि वह अन्य युवाओं के लिए रोल मॉडल बने हुए हैं।

हमारे देश के बिहार में राज्य के भागलपुर के निवासी गोपाल जी अपनी प्रारंभिक शिक्षा संपन्न की और आगे अच्छी-खासी डिग्री हासिल की। आगे उनका चयन नासा में हुआ लेकिन उन्होंने इस नासा के ऑफर को इंकार कर दिया क्योंकि उनका मानना है कि हम अपनी जरूरतों के अनुसार उस चीज का आविष्कार करेंगे जो सभी के लिए उपयोगी हो। गोपाल के पिताजी का नाम प्रेम रंजन कुमार है जो एक केले की बागानी किए हुए थे। -Eco-Freindly

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13 वर्ष की आयु में किया आविष्कार

बिहार के भागलपुर इलाके में लोगों को बाढ़ का सामना करना पड़ता है जिस कारण उन्हें अपने फसलों को लेकर अधिक नुकसान होता है। वर्ष 2008 में जब बाढ़ आया और उनके पिता के फसल नष्ट हो गए तब गोपाल ने निश्चय किया कि वह हरित ऊर्जा बनाने हेतु इस कचरे का उपयोग करेंगे। मात्र 13 वर्ष की आयु में ही उन्होंने बायोसिल का निर्माण किया और आगे उनके आविष्कार का कार्य चलता रहा। -Eco-Freindly

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गोपाल Avon Pacfo नाम की कंपनी में बतौर साइंटिस्ट कार्यरत है। उन्होंने इस कंपनी के सहयोग से केले के कचरे से सिंगल यूज प्लास्टिक तथा थर्मोकोल का निर्माण प्रारंभ किया। वह कहते हैं कि केले के कचरे से हम बेहतर प्लास्टिक तैयार कर सकते हैं। आगे उनके प्रोडक्ट बहुत जल्द मार्केट में आएंगे उनका प्रोडक्ट पूरी तरह इकोफ्रैंडली है इसमें किसी भी प्रकार के केमिकल का उपयोग नहीं किया जाता है। हम सभी के लिए बेहद उपयोगी होगा क्योंकि प्लास्टिक होते हुए भी यह प्लास्टिक इको फ्रेंडली है। -Eco-Freindly

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मिला है सम्मान

अपने कार्य तथा मेहनत के बदौलत आज वह हजारों युवाओं के लिए आदर्श बने हैं। उन्हें हमारे देश के साथ नासा में भी सम्मानित किया गया है। उन्होंने बहुत कम उम्र में वह उपलब्धि हासिल कर ली है जिसे हासिल करने में लोग वर्षों गवा देते हैं उनके द्वारा की गई यह आविष्कार सराहनीय है। -Eco-Freindly