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अपने वक्त की छात्रनेता, कर चुकी हैं डबल MA, फिर भी भीख मांगने को हुईं मजबूर: प्रसाशन ने ऐसे किया मदद: हंसी प्रहरी

हमारे देश में भिक्षावृत्ति एक सबसे बड़ी समस्या है। लाखों बच्चे भिक्षावृत्ति के इस दलदल में फंसकर अपनी काबिलियत और जिंदगी दोनों को घनघोर अंधेरे में डाल देते हैं। आज कई लोग भी ऐसे हैं जो उनकी जिंदगी को बर्बाद कर उनसे भिक्षा मंगवाकर उनके जरिए अपना काम-धंधा चला रहे हैं। आज की यह कहानी एक ऐसी लड़की है जो एक शिक्षित होते हुए भी भिक्षा मांगने के लिए मजबूर है। आईए जानते हैं कि इनके साथ क्या हुआ है जो वह भिक्षा मांगने लगी।

यह है हंसी प्रहरी

हंसी प्रहरी उत्तराखंड (Uttarakhand) के अल्मोड़ा (Almoda) से नाता रखती हैं। वह अपने माता पिता की छोटी बेटी हैं और 5 भाई-बहन हैं। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा वहीं से सम्पन्न की है। उन्होंने कुमाऊं यूनिवरसिटी से M. A और पोलिटिकल साइंस से डबल M. A. की है। उन्होंने 4 वर्षों तक सेंट्रल लाइब्रेरी में जॉब भी किया है। वर्ष 2000 में वह अध्यक्ष के तौर पर छात्रसंघ में चयनित हुई थी। लेकिन जो लड़की इतनी होनहार है वह आखिर भीख क्यों मांगेगी?

Hansi Prahari

आखिर भीख क्यों मांगती हैं हंसी

लगभग 12 साल पहले यह हरिद्वार आ गई थीं। इनकी जहां शादी हुई लोग इन्हें वहां बहुत तकलीफ दिया करते थे जिस कारण वह अपने ससुराल को छोड़ दीं। इनका शरीर इतना अच्छा नहीं था कि यह कोई जॉब कर अपना गुजारा करें कोई भी उपाय नहीं सूझने के बाद इन्होंने भीख मांगना शुरू कर दिया। मीडिया ने जिस हालत में देखा उसपर विश्वास करना असम्भव था। सड़क के किनारे एक भिखारन अपने बेटे को पढ़ा रही है वह भी इंग्लिश बोलकर। इनका लड़का मात्र 6 साल का है।

मदद के लिए आए आगे

जब यह जानकारी मीडिया के द्वारा SDM गोपाल सिंह को पता चला तो इन्होंने हंसी की मदद के लिए कहा कि इन्हें “समाज कल्याण आवास” जो कि भेल में स्थित है वहां महिलाओं के लिए सभी चीज मौजूद है इन्हें वहां रहने के लिए कमरा मिलेगा। फिर इनकी मदद के लिए रेखा आर्य जो की उत्तराखंड की ” महिला कल्याण और बाल विकास” मंत्री हैं उन्होंने सोशल साइट पर फोटोज शेयर की।

मुख्यमंत्री को लिखा है पत्र

हंसी ने यह जानकारी दी कि उनकी बेटी भी जो पढ़ने में बहुत तेज है लेकिन यह अपनी मां के साथ नहीं बल्कि ननिहाल में रहती है। उनकी बेटी ने उच्च विद्यालय की पढ़ाई में 97% मार्क्स लाए हैं। वह चाहती हैं कि अपने बेटे को भी पढ़ाएं लेकिन रहने के लिए घर नहीं है। इसके लिए इन्होंने मुख्यमंत्री जी को बहुत बार खत भी लिखा है।

कमजोरी इस कदर बढ़ी की हंसी को भीख मांगनी पड़ी लेकिन उन्होंने शिक्षा के महत्व को समझते हुए अपने बच्चे को पढ़ाने के लिए तैयार हैं। The Logically हंसी की मदद के लिए सरकार से अपील करता है।

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