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इजराइल से खेती सीख भोपाल के हर्षित ने एवाकाडो की खेती कर सबको चौंका दिए, प्रति किलो हज़ार रुपये बिकता है

भारत के किसान अब धीरे-धीरे जागरूक हो रहे हैं और पारम्परिक खेती छोड़ तरह-तरह के फायदे वाली खेती की तरफ अपना रुख कर रहे हैं। यही कारण है कि आजकल किसान अलग-अलग प्रकार के फसलों की खेती करके अच्छा-खासा मुनाफा कमा रहे हैं। उन्हीं में से एक एवाकाडो की खेती जिसे अगर सही तरीके से की जाएं तो कमाई में चार चांद लग जाएगा।

भारत में आमतौर पर एवाकाडो (Avocado) को “बटर फ्रूट” (Butter Fruit) के नाम से जाना जाता है। एंटी ऑक्सीडेंट और विटामिन की प्रचुरता होने के कारण यह सेहत के लिए बहुत लाभदायक होता है। चूंकि, हमारे देश में इसकी खेती बड़े स्तर पर नहीं होती है जिसके कारण बाजार में इसकी कीमत 500 रुपये से लेकर 1200 रुपये प्रति किलोग्राम तक है। हालांकि, इसकी खेती के बारें में अभी लोगो को बहुत कम जानकारी है, लेकिन हर्षित (Harshit) पढ़ाई-लिखाई करने बाद नौकरी न करके एवाकाडो की खेती (Avocado farming) में करियर बना रहे हैं। इसी कड़ी में आइए जानते हैं उनके बारें में-

हर्षित (Harshit) के बारें में कुछ जनाकरी …

एक तरह जहां युवा शिक्षा ग्रहण करके अच्छी नौकरी करके लक्जरियस जीवन व्यतीत करना चाहते हैं, वहीं हर्षित यूके में पढ़ने के बाद भी नौकरी न करके खेती-बाड़ी करना अधिक पसंद करते हैं। दरअसल, 12 वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद वे UK चले गए और वहां से BBA की डिग्री हासिल की। फिटनेस पर अधिक ध्यान देने वाले हर्षित उस दौरान हर रोज एवाकाडो (Avocado) का सेवन करते थे।

एक दिन उनकी नजर उसके पैकेट पर पड़ी, जहां लिखा हुआ था कि इस फल को इजराइल से आयात किया गया है। इतना पढ़ने के बाद उनके मन में यह जानने की जिज्ञासा उठी कि जब इजराइल जैसी गर्म जलवायु में इसकी खेती हो सकती है तो फिर अपने देश भारत में क्यों नहीं? UK में शिक्षा ग्रहण करने के दौरान ही उन्होंने मन बनाया कि कुछ अलग करना है।

इजराइल जाकर सीखे इसकी खेती करने की पूरी प्रक्रिया

लंदन में इंटर्नशिप करने के दौरान ही Harshit ने एवाकाडो की खेती (Avocado Fruit Farming) करने की योजना बना रहे थे। हालांकि, कुछ नया करने के लिए उसके बारें में जानकारी इकट्ठा करना बहुत जरुरी होता है। हर्षित ने भी इस फल की खेती शुरु करने से पहले इजराइल गए और वहां की किसानों से इसकी खेती करने की प्रक्रिया के बारें में जानकारी हासिल की।

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पौधा तैयार होने में 3 से 4 वर्ष का लगता है समय

इजराइल से एवाकाडो फार्मिंग की पूरी प्रक्रिया सीखने के बाद हर्षित ने भोपाल में वर्ष 2019 में इसकी खेती करनी शुरु की। लेकिन कोरोना की लहर भी उसी दौरान चली जिसके कारण यह काम टलता गया। हालांकि, उन्होंने इजराइल से जुलाई 2021 में एवाकाडो के कुछ पौधें को मंगाया है, जिसे अभी नर्सरी में रखा गया है। इन्हें अक्टूबर माह में नर्सरी से निकालकर जमीन पर लगाया जाएगा। एवाकाडो के पौधें को तैयार होने में 3 से 4 वर्ष का समय लगता है और साथ ही इसमें फल भी आने शुरु हो जाते हैं।

हालांकि, इजराइल से पौधों का आयात करने के बाद उसे क्वारैंटाईन किया जाता है। उसके 3 वर्ष बाद पौधों से फल ले सकते हैं।

फार्मिंग के लिए जरुरी बातें

सामान्य किसानों के लिए इस फल की खेती करना बहुत खर्चीला है, क्योंकि इजराइल से इसके पौधें को मंगाने का लागत मूल्य अधिक होता है। यदि इसकी खेती एक एकड़ में की जाएं तो 170 पौधों की आवश्यकता होगी। इसके एक पेड़ की कीमत 3 हजार रुपये है। इसकी खेती में सिंचाई के लिए ड्रिप इरिगेशन (Drip Irrigation) सिंचाई पद्धति का इस्तेमाल किया जाता है।

Harshit from bhopal starts avocado israel farming in india
अपने नर्सरी में हर्षित

कई राज्यों में हो चुकी है प्री बुकिंग

बजट होने के कारण हर्षित 5 एकड़ में इसकी खेती करने जा रहे हैं। अभी से ही लोगों के बीच इसकी खेती करने का रुझान बढ़ रहा है, जिसके वजह से उनके पास कई राज्यों से पौधें के ऑर्डर भी आने शुरु हो गए हैं। इसके लिए सिक्किम, पंजाब, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड समेत कई राज्यों में पहले से ही इसकी बुकिंग हो चुकी है। हालांकि, सभी जगहों की मिट्टी पर हर फसल की खेती अच्छे से नहीं हो पाती है। इसलिए किस जगह की मिट्टी पर एवाकाडो की पैदावार कैसी होती है, यह जानने के लिए वे अभी कम बुकिंग ले रहे हैं।

सोशल मीडिया के जरिए भारतीय किसानों को देते हैं एवाकाडो फार्मिंग की जानकारी

हर्षित (Harshit) मानते हैं कि, इजराइल से आयात करके एवाकाडो का सेवन करने से बेहतर होगा कि, हम उसे देश में उगे हुए इजराइली ब्रीड के एवाकाडो का सेवन करें। इसके अलावा इससे किसानों को भी फायदा होगा। वे चाहते हैं कि भारत के किसानों को भी इसके बारें में जानकारी मिले। इसके लिए वे सोशल मीडिया के माध्यम से देश के किसानों को इजराइली विशेषज्ञों की सहायता से इसकी फसल की खेती (Avocado Fruit Farming) करने के बारें में जानकारी मुहैया कराते हैं।

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मेट्रोपोलिटन सिटीज में डिमांड अधिक है

जैसा कि आप जानते हैं सभी फसलों की खेती के लिए अलग-अलग तापमान की जरुरत होती है। एवाकाडो की खेती भी 5 डिग्री सेल्सियस से 43 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच में किया जा सकता है। यदि इसके बाजार के बारें में गौर फरमाया जाएं तो दिल्ली और मुम्बई जैसे मेट्रोपोलिटन सिटीज में अधिक है।

इजराइली और भारतीय एवाकाडो में होती है भिन्नता

बता दें कि, इजराइली एवोकाडो और भारतीय एवाकाडो के बीच भिन्नता पाई जाती है। इसके बारे में हर्षित बताते हैं कि, जब इजराइली एवोकाडो पक जाता है तो उसका रंग काला हो जाता है, जबकि भारतीय एवोकाडो के साथ ऐसा नहीं है। पकने के बाद उसका रंग काला नहीं होता है।

आप जानते हैं कि सरकार द्वारा अमरूद, अनार और अंगूर जैसे फलों की खेती करने के लिए सब्सिडी दी जाती है। ऐसे में हर्षित कहते हैं कि, एवाकाडो की खेती (Avocado Farming) के लिए ऐसी कोई सुविधा उप्लब्ध नहीं है, सरकार को इस बारें में सोचना चाहिए।

एवाकाडो के फायदें (Benefits Of Avocado)-

  • इसका सेवन करने पाचन तंत्र ठीक रहने के साथ-साथ हृदय भी स्वस्थ रहता है।
  • यह डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है साथ ही वजन को भी कम करने में मददगार साबित होता है।
  • यह त्वचा की सुन्दरता और आंखों की रौशनी बढ़ाने में मदद करता है।
  • कैंसर से पीड़ित रोगियों के लिए यह बेहद लाभदायक सिद्ध होता है।
  • बालों को झड़ने से रोकता है औए उन्हें मजबूत बनाता है।

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