Sunday, December 10, 2023

पैसे बचाने के लिए अपनाया देसी जुगाड़, साइकिल की मदद से शुरू की खेत की जुताई

आजकल खेती करना अधिकतर व्यक्तियों का पेशा बन गया है। अधिकतर मामलों में लोगों को खेती से लाभ हो रहा है, लेकिन अधिक आमदनी के लिए हमें खेतों में बेस्ट क्वालिटी की खाद का उपयोग एवं कम वक़्त में फसल की कटाई और बुवाई करने के लिए अधिक लागत वाली मशीनें आवश्यक है।

हमारे देश के किसान हमेशा कुछ-न कुछ-जुगाड़ तकनीक को अपनाकर खेती करना चाहते हैं, जिससे उन्हें थोड़ी लागत में मदद मिल सके। जुगाड़ तकनीक का उपयोग कर कुछ ऐसा ही कार्य कर रहे हैं, हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के लखविंद्र कुमार (Lakhvindra Kumar), जो साइकिल के पहियों द्वारा हल का निर्माण कर खेतों की जुताई कर रहे हैं। (Bicycle Plough)

Himachal Pradesh farmer is doing Bicycle Plough

लखविंद्र कुमार ने अपने घर में रखें एक पुरानी साइकिल (Bicycle Plough) को निकाला और उसकी पहियों को निकालकर हल का निर्माण किया। अब वह उस हल से खेतों की जुताई भी कर रहे हैं, ताकि उन्हें ट्रैक्टर की मदद ना लेनी पड़े और अधिक लागत भी नहीं ना लगे। अब हिमाचल प्रदेश के सभी किसान अपने खेतों की जुताई इसी तकनीक द्वारा कर रहे हैं। (Bicycle Plough)

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ऐसा नहीं है कि यह हल सिर्फ पुरूष ही चला रहे है, बल्कि इस क्षेत्र में सभी महिलाएं भी इस तकनीक द्वारा अपने खेतों की बुवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि इस तकनीक से एक तो कम लागत में खेतों की जुताई होती है और हमारे फसल के उपज भी बहुत अच्छी हो रही है। (Bicycle Plough)

Himachal Pradesh farmer is doing Bicycle Plough

लखविंद्र ने यह जानकारी दिया कि हमारे एरिया के सभी किसानों को यह तकनीक बेहद पसंद आ रही है। अब अन्य ज़िलों में भी इसकी मांग शुरु हो चुकी है। मुझे इस बात की बहुत खुशी है मैंने पुरानी चीज़ का उपयोग सही कार्यों के लिए किया है। (Bicycle Plough)

पुरानी साइकिल के पहियों से हल का निर्माण कर खेतों की जुताई कर किसानों की मदद करने के लिए The Logically लखविंद्र कुमार की तारीफ करता है।