Home Gardening

इन टिप्सों को अपनाकर आसानी से घर पर उगाएं खीरा, होगा बेहतर उत्पादन

हम सभी जानते हैं की जब भी खाने में सलाद की बात की जाती है तो खीरा का नाम निश्चित ही आता है। क्योंकि खीरा सलाद के लिए उत्तम माना जाता है। अगर हम इसके समय अवधि की बात करें तो जून से अक्टूबर माह का वक्त खीरे के बुआई के लिए ज्यादा अनुकूल होता है।

खीरे के संबंध में एक खास बात यह है कि खीरे की उत्पत्ति भारत में ही हुई है। सलाद में सबसे लोकप्रिय खीरा सेहत के साथ-साथ खेती के लिए भी फायदेमंद हैं। इसकी खेती से कम लागत में अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। देश के लगभग सभी क्षेत्रों में इसकी खेती आसानी से की जा सकती है। तो आइए विस्तार से जानते हैं कि खीरे की खेती कैसे किया जाता है।

खीरे की खेती को करने के लिए तापमान 20 डिग्री सेल्शियस से 40 डिग्री सेल्शियस तक होना चाहिए। इसे अधिक वर्षा और आर्द्रता वाला मौसम नहीं चाहिए क्योंकि ऐसा होने पर कीटों के होने की संभावनाएं बढ़ जाती है और खेती पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

How to grow cucumber at home know methods

अगर हम इस खेती के मिट्टी का बात करें तो इस खेती को बलुई दोमट या दोमट मिट्टी पर आसानी से किया जा सकता है। ध्यान रहे कि खेती करने से पहले जल के निकास का उचित प्रबंध कर लिया गया हो। भूमि में कार्बन की मात्रा के साथ-साथ गर्म जलवायु की जरूरत है।

यह भी पढ़ें :- अब अपने घर में लगाएं करोंदा का पौधा, बेहतर उत्पादन के लिए अपनाइए ये टिप्स

अगर हम इसके किस्म की बात करें तो खीरे की फसलों को मुख्य रूप से तीन किस्मों में बांटा जा सकता है। जैसे- विदेशी किस्मे, उन्नत किस्मे और संकर किस्मे. विदेशी किस्मो की बात करें तो इसमे जापानी लौंग ग्रीन के साथ-साथ चयन और स्ट्रेट-8 की मांग है। वहीं उन्नत किस्मों में स्वर्ण अगेती, स्वर्ण पूर्णिमा, पूसा उदय और पूना खीरा की अच्छी मांग है। वैसे पंजाब सलेक्शन, पूसा संयोग, पूसा बरखा, खीरा 90 भी इन दिनों बाजार पर अपनी पकड़ बनाए हुए है। इसी तरह संकर किस्मों में पंत संकर खीरा-1, प्रिया, हाइब्रीड प्रिया सबसे प्रमुख है।

खीरा की खेती करने से पहले मिट्टी की जुताई पलटने वाले हल से करना बेहतर माना जाता है। उसके बाद दो या तीन बार से हैरो या कल्टीवेटर से मिट्टी को भुरभुरा बनाना चाहिए। ऐसा करने के बाद पाटा लगा दें, ताकि खेत समतल हो जाए। आखिरी बार जुताई करने से पहले 12 से 20 टन गोबर की गली सड़ी खाद का प्रयोग करें। ये अत्यंत जरूरी माना जाता है और अच्छी फसल का गारंटी प्रदान करता है।

अब अच्छी तरह से तैयार हो जाने के बाद खेत में 1 मीटर की दूरी पर मेड़ बनाते हुए 60 से 90 सेंटीमीटर की दूरी पर बीज बोने के लिए गढ्ढे तैयार कर लें। अब प्रत्येक गड्डों में 1 सेंटीमीटर की गहराई पर बुआई का काम प्रारंभ कर दें।

गर्मी की फसल को 5 दिन पर जबकि सर्दी की फसल को 10 से 15 दिनों पर पानी की जरूरत पड़ती है। ध्यान रहे कि तने की वृद्धि के समय या फूल आने के दौरान पानी प्रर्याप्त मात्रा में मिलता रहे। इसके बाद इसके फलों को कोमल अवस्था में तोड़ लेना चाहिए। मुलायम खीरों को 2 से 3 दिनों के अन्तराल पर तोड़ना उत्तम है। अगर आप ज्यादा दिनों तक खीरे को छोड़ देंगे तो उसमे बीज ज्यादा बड़ा हो जाता है जिसे खाने में दिक्कत होती है। इसलिए इसे हमे जल्दी तोड़ लेना चाहिए। तो इस तरह से आप आसानी से खीरे की खेती कर सकते हैं और अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

सकारात्मक कहानियों को Youtube पर देखने के लिए हमारे चैनल को यहाँ सब्सक्राइब करें।

Shubham वर्तमान में पटना विश्वविद्यालय (Patna University) में स्नात्तकोत्तर के छात्र हैं। पढ़ाई के साथ-साथ शुभम अपनी लेखनी के माध्यम से दुनिया में बदलाव लाने की ख्वाहिश रखते हैं। इसके अलावे शुभम कॉलेज के गैर-शैक्षणिक क्रियाकलापों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।

Exit mobile version