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इंजीनियर की नौकरी छोड़कर शुरू की खेती, आज हाइड्रोपोनिक खेती से कमा रहे हैं लाखों रूपए

आधुनिक तकनीक के द्वारा खेती किया जाने वाला हाइड्रोपोनिक्स (Hydroponic) खेती का चलन वर्तमान समय में अधिक हो रहा है। आज बहुत सारे किसान इस विधि को अपनाकर खेती करके बहुत मुनाफा कमा रहे हैं।

नवीन शर्मा (Naveen Sharma) एक ऐसे ही कृषक (Farmer) हैं जो हाइड्रोपोनिक (Hydroponic) खेती के प्रति जागरूक होकर हाइड्रोपोनिक्स पॉलीहाउस (Hydroponic Polyhouse) के माध्यम से खेती करके अपनी पहचान बनाए हैं। सरकार के द्वारा इस खेती को बढ़ावा देने के लिए अनुदान देने की प्रक्रिया शुरू की गई है। नवीन शर्मा (Naveen Sharma) को अपनी नौकरी को छोड़ कर हाइड्रोपोनिक्स खेती के जरिए काम करने की दिलचस्पी हुई। जिसके कारण उन्होंने अपना करियर इस क्षेत्र में बनाने का सोचा।

नौकरी से लेकर खेती तक का सफर

नवीन शर्मा (Naveen Sharma) राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान हमीरपुर से इंजीनियरिंग करके नौकरी कर रहे थे। वे कई कंपनियों जैसे देश विदेश के अंतर्गत आने वाले सभी जगहों पर काम किये। 15 साल तक नवीन शर्मा कंपनियों मे ही काम करते रहे। उन्हें इस नौकरी से अच्छा खासा पैकेज मिल रहा था। नवीन शर्मा (Naveen Sharma) को खुद का रोजगार करना था और उससे अच्छी खासी कमाई भी करनी थी। जिसके अंतर्गत उनका रुझान हाइड्रोपोनिक्स खेती के ऊपर गया। उनको इस क्षेत्र में काम करना उचित लगा।

Naveen Sharma adopted hydroponic method earning lakhs

हाइड्रोपोनिक्स (Hydroponic) खेती के अंतर्गत उत्पादन प्रक्रिया

नवीन शर्मा (Naveen Sharma) इस खेती को करने के अनुभव के अनुसार बताते हैं कि हाइड्रोपोनिक्स खेती (Hydroponic) में केवल पानी का प्रयोग किया जाता है। यह पानी पौधों के लिए भरपूर मात्रा में आहार की पूर्ति करता है। इस खेती में सबसे पहले पॉली हाउस का निर्माण किया जाता है। नवीन शर्मा (Naveen Sharma) 500 वर्ग मीटर जगह में खेती की शुरुआत की। पॉलीहाउस में कई पाइपों को बैठाया जाता है। नर्सरी मैं तैयार पौधों को बैठाए गए पाइपों में रोप दिया जाता है। पौधों को पोषण पाइप में पानी के द्वारा मिल जाता है। यह पानी पौधों की जड़े को न्यूट्रिशन देने का काम करती है। इस खेती में कई तरह के फसल लगाए जाते हैं जिनमें निम्न है- कांगड़ा , पालमपुर, मैकलोडगंज आदि हैं। इस खेती में कई तरह की सब्जियां भी उगाई जाती है। यह खेती नए जमाने की खेती है जिसमें पानी की बचत लगभग 90 फ़ीसदी तक हो जाती है।

बेहतर कमाई

सब्जियों में टमाटर, शिमला मिर्च आदि का डिमांड बाजार में ज्यादातर होती है। इस खेती में तुलसी को भी उगाया जाता है जो ₹400 किलो बाजार में बिकती है। चेरी भी 450 रुपए किलो बिकता है। नवीन शर्मा बताते हैं कि उन्हें महीने का 50 से 60 हजार तक कमाई हो जाती है। नवीन शर्मा अपने अलावा अन्य 2 युवाओं को रोजगार दिए हुए हैं। युवाओं के लिए हाइड्रोपोनिक्स खेती के अंतर्गत कैरियर और कमाई का अच्छा अवसर मिल सकता है।

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सरकार के द्वारा अनुदान

नवीन शर्मा (Naveen Sharma) को हाइड्रोपोनिक (Hydroponic) खेती को पूरा रूप देने में लागत 10 लाख का खर्चा आया। पॉली हाउस को बनाने के लिए 85% की दर से सरकार ने 5•18 लाख रुपए का अनुदान दिया। इसके अंतर्गत सोलर युक्त बाङबंदी को भी सरकार ने 80 प्रतिशत की दर से 1•35 लाख का अनुदान दिया है। सरकार इस खेती को बढ़ावा देने के लिए युवाओं को अनुदान देकर अपना कैरियर बनाने हेतु जागरूक किया है।

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