Sunday, December 10, 2023

1-2 घण्टे में मरीज का हार्ट ट्रांसप्लांट करना था, हैदराबाद मेट्रो ने एक विशेष कॉरिडोर बनाकर मरीज की जान बचा ली

आपातकालीन स्थिति(Emergency Condition) में किसी मरीज के शारीरिक अंग को प्रत्यारोपित (Body Organ Transplant) करने के बारे में तो आपने ज़रुर ही सुना होगा। इसके अलावा प्रतिदिन समय की बचत के लिए मेट्रो ट्रेन से हज़ारों लोगों को आते-जाते भी देखा होगा। लेकिन, इमरजेंसी में किसी ह्रदय रोगी के दिल को ट्रांसप्लाट करने के लिए मेट्रो द्वारा रास्ता तय करने की खबर आपने यकीनन ही आज तक नही सुनी होगी। दरअसल, फरवरी के आरंभ में हैदराबाद के अपोलो हॉस्पिटल(Apollo Hospital Hyderabad) से एक चौंका देने वाली लेकिन प्रंशसनीय घटना सामने आई है। जिसमें एक गंभीर ह्रदय रोगी मरीज के ह्रदय को ट्रांसप्लाट करने के लिए दूसरे हॉस्पिटल से एक अन्य ब्रेन डेड घोषित हो चुके मरीज का ह्रदय लाने के लिए दो अस्पतालों के बीच की दूरी मेट्रो ट्रेन द्वारा तय की गई थी।

क्या है पूरा मामला

तेलगांना के कामिनेनी अस्पताल (Kamineni Hospital of Telangana) में डॉक्टरों द्वारा एक मरीज को कम्पलीट ब्रेन डेड घोषित होने की स्थिति में उस मरीज के परिवारवालों ने अंगदान का फैसला लेते हुए उसका ह्रदय डोनेट करने की बात कही। वहीं दूसरी ओर जुबली हिल्स अस्पताल(Jublee Hills Hospital)) के एक गंभीर ह्रदय रोगी को अति शीघ्र ह्रदय प्रत्यारोपण की आवश्यकता थी। इन तमाम हालातों के चलते हैदराबाद मैट्रो ने एलबी नगर स्थित कामिनेनी अस्पताल से लेकर जुबली हिल्स अस्पताल तक एक विशेष मेट्रो कोरिडोर (Metro Corridor) बनाया।

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यूनीक रहा हैदराबाद मेट्रो अथॉरिटी का यह प्रयास

दो अस्पतालों के बीच की दूरी तय करने के लिए अलग से मेट्रो चलाने का यह प्रयास बेशक ही काफी अद्भूत व सराहनीय है। बता दें देश में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी मेट्रो ने एक ब्रेन डेड मरीज के सुचारु व घड़कते दिल (Live Heart) को ले जाने के लिए न केवल एक स्पेशल ट्रेन चलाई बल्कि अपने प्रयास में सफलता भी हासिल की। इस प्रयास का एकमेव मकसद किसी की जान बचाना था जिसमें जीत हासिल हुई।

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अपोलो हॉस्पिटल तक पहुचने के लिए बना गया अलग मेट्रो कोरिडोर

हार्ट ट्रांसप्लाट के लिये धड़कते दिल को दूसरे अस्पताल तक पहुचाने के लिए हैदराबाद मेट्रो सेवा के ज़रिये एक नया कोरिडर बनाया गया। जिसमें हैदराबाद मेट्रो अधिकारियों ने एलबी नगर स्थित कामिनेनी अस्पताल से शहर के जुबली हिल्स स्थित अपोलो हॉस्पिटल तक लाइव हार्ट को पहुंचाने के लिए एक विशेष कोरिडोर बनाया। जिससे ह्रदय को शीघ्र ले जाते हुए अपोलो हॉस्पिटल में एडमिट एक अन्य ह्रदय रोगी मरीज को ट्रासप्लाट भी कर दिया गया।

पुलिस द्वारा ग्रीन चैनल बनाने का फैसला लिया गया

इन दो हॉस्पिटल के बीच 21 किलोमीटर की दूरी तय करने व काम को शांतिपूर्ण अंजाम देने के लिए कामिनेनी अस्पताल से नागोले मेट्रो स्टेशन(Nagole Metro Station) तक राचकोंडा पुलिस(Rachkonda Police ) द्वारा एक ग्रीन चैनल (Green Channel)बनाया गया। ठीक इसी तरह हैदराबाद पुलिस ने (Hyderabad Police)जुबली हिल्स चेकपोस्ट स्टेशन(Jublee Hills Checkpost Station) से अपोलो अस्पताल तक एक ग्रीन चैनल की स्थापना की।

क्षेत्रीय पुलिस की मदद से लाइव ऑर्गन ले जाने में मिली सफलता

2 फरवरी को एलबी नगर के कामिनेनी अस्पताल से जुबली हिल्स स्थित अपोलो हॉस्पिटल तक दोपहर बाद लाइव ऑर्गन को सफलतापूर्वक पहुंचाया गया। इस प्रयास को बेहतरीन अंजाम देने के लिए व सभी मेडिकल औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए हैदराबाद मेट्रो अथॉरिटी ने राचकोंडा पुलिस और हैदराबाद पुलिस के साथ तारत्मय स्थापित किया गया ।

21 किलोमीटर की दूरी को 30 मिनट में तय किया गया

नागोले मेट्रो स्टेशन से शुरु होने वाली इस खास ट्रेन ने 16 मेट्रो स्टेशनों को पार करते हुए 21 किलोमीटर की दूरी केवल 30 मिनट से भी काम समय में पूरी की। इस पूरे ऑपरेशन की सबसे खास बात यह रही कि मेट्रो के ज़रिये यह दूरी बेहद कम समय में तय कर ली गई। इसके विपरित नॉर्मल तरीके से अगर सड़क के रास्ते इस प्रयास को अंजाम दिये जाने के बारे में सोचा गया होता तो 1:30 घंटे से भी ज़्यादा का समय लग सकता था। इस ट्रेन पर पूरी निगरानी रखने के लिए सभी स्टेशनों पर स्पेशल चौकसी व्यवस्था भी की गई थी। इसके अलावा हार्ट को लेने और अस्पताल तक ले जाने के लिए जुबली हिल्स चेक पोस्ट स्टेशन पर एक एंबुलेंस की व्यवस्था भी की गई थी।

भारी ट्रैफिक की वजह से मेट्रो से लाइव हार्ट ले जाने का किया गया था फैसला

डॉक्टरों द्वारा मेट्रो से लाइव हार्ट ले जाने के निर्णय के पीछे का मुख्य कारण दोपहर के रश आवर्स (rush hours) में शहर की सड़कों पर भारी लगा जाम व ट्रैफिक है। ऐसे में मेट्रो के ज़रिये 21 किलोमीटर की दूरी तय करने का फैसला लिया गया।

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डालयेटिड कोर्डियोमायोपैथी से पीड़ित था ह्रदय रोगी मरीज

अपोलो हॉस्पिटल के हार्ट एंड लीवर ट्रांसप्लाट सर्जन व सीनियर कंसलटेंट डॉ. अल्ला गोपाला कृष्णा गोखले (Dr Alla Gopala Krishna) का कहना है – “जब तक प्रत्यारोपण के लिए ह्रदय का प्रबंध नही हुआ था मरीज को जीवित रखने के लिए 45 दिनों से दवाई की हेवी डोज़ दी जा रही थी। 44 वर्षीय सिंगारेड्डी ककनकारेड्डी(SinghaReddy Kankareddy) पिछले साल दिसंबर में डालयेटिड कोर्डियोमायोपैथी (Dilated Cardiomyopathy) से ग्रसित पाये गये थे, जिसकी वजह से उन्हे ब्रीदिंग इश्यूज तो थे ही वे बार-बार बेहोश हो जाया करते थे, उनकी अवस्था ये थी कि बहुत जल्दी उनके हार्ट को ट्रांसप्लाट करने की ज़रुरत थी, ऐसे में हमने सिंगारेड्डी को ‘जीवनधन’( Jeevandhan) में रजिस्टर करवाने की सलाह दी जिससे किसी हार्ट डोनेर से संबंधित जानकारी जल्द मिल सके, एक किसान परिवार ने ये कदम उठाया उसकी जितनी तारीफ हो कम है”

अपोलो ग्रुप हॉस्पिटल्स प्रिसिडेंट ने आभार प्रकट किया है

अपोलो ग्रुप हॉस्पिटल्स(Apollo Group Hospitals) के प्रिसिडेंट ने डोनर फैमिली के ह्रदय दान के फैसले का सत्कार करते हुए कामिनेनी अस्पताल के डॉक्टरों, दोनों क्षेत्रीय पुलिस विभागों और हैदराबाद मेट्रो अथारिटी के इस प्रयास की सराहना करते हुए आभार प्रकट किया है। इसके अलावा उन्होनें नोडल एजेंसी ’जीवनधन’
जो अंगदान से संबंधित मामले देखती है का भी आभार प्रकट किया है।