देश में जब कोरोना ने लोगों की जिंदगी मुहाल कर रखी है ऐसे में सिविल सर्वेंट्स लोगों की मदद कर इंसानियत की मिसाल पेश कर रहे हैं। महिला अधिकारी भी कोरोना वायरस से लगाए गए लॉकडाउन में चार कदम आगे बढ़कर लोगों की सेवा में जुटी हैं। ऐसी ही एक अफसर आजकल बहुत चर्चा में हैं। ये हैं छत्तीसगढ़ की आईएएस ऑफिसर डॉ प्रियंका शुक्ला (IAS Priyanka Shukla)। जो सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। वह इन दिनों फील्ड के साथ ही ट्विटर के जरिए कोरोना के खिलाफ जिस तरह से जगरुकता फैला रही हैं लोग उनकी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। प्रियंका शुक्ला IAS बनने से पहले एमबीबीएस डॉक्टर थीं। हालांकि डॉक्टरी के दिनों में उनके साथ एक ऐसी घटना हुई कि उन्होंने IAS बनने की ठान ली।
कभी एमबीबीएस डॉक्टर थीं प्रियंका
प्रियंका महिला सशक्तिकरण की अनोखी मिसाल हैं। 2009 बैच की इस प्रशासनिक ऑफिसर की कहानी युवा पीढ़ियों के लिए एक मिसाल है। हरिद्वार में जन्मीं और पली-बढ़ी प्रियंका के पिता चाहते थे कि डीएम के नेमप्लेट पर उनकी बेटी का नाम हो। पिता के सपने को पूरा करने के लिए उनकी दिलचस्पी भी इस ओर हुई, लेकिन प्रोफेशनल डिग्री की वजह से उन्हें मेडिकल फील्ड चुनना पड़ा। इसके बाद उनकी जिन्दगी में एक ऐसी घटना घटी जिसने उन्हें देश का एक युवा आईएएस बना दिया।
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लखनऊ के किंग्स जॉर्ज मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने इंटर्नशिप शुरू किया। इंटर्नशिप के दौरान उन्हें पास के एक स्लम में इलाज़ के लिए जाना होता था। इस दौरान उनकी मुलाकात एक महिला से हुई, जो इलाज़ के लिए यहां आया करती थी। वह महिला खुद भी गंदा पानी पी रही थी और अपने बच्चों को भी पिला रही थी। यह देखकर प्रियंका ने उसे ऐसा करने से मना किया तो उस महिला ने जवाब में कहा, तुम कहीं की कलेक्टर हो क्या? प्रियंका को यह शब्द अंदर तक चुभ गए और उन्होंने उसी दिन तय किया कि वे सच में कलेक्टर बनकर दम लेंगी।
निश्चय कर लिया कि अब IAS ही बनेंगी
उस महिला की यह बात प्रियंका के दिल में चुभ-सी गई और उन्होंने मन ही मन यह निश्चय कर लिया कि अब कुछ भी करके वे आईएएस अवश्य बनेंगी। फिर वह बिना देर किए यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने में लग गई। एक बार परीक्षा देने पर तो वे सफल नहीं हो पाई लेकिन वर्ष 2009 में दूसरी बार जब उन्होंने परीक्षा दी तो उन्हें कामयाबी प्राप्त हुई।
सोशल मीडिया पर रहती है खुब एक्टिव
सोशल मीडिया में प्रियंका एक्टिव रहती हैं। अभी वे फील्ड वर्क के साथ ट्विटर पर भी कोरोना की महामारी के बारे में जागरूकता फैलाने का कार्य कर रही हैं, जिसके लिए सभी उनकी बहुत सराहना कर रहे हैं। प्रियंका सोशल मीडिया में काफ़ी लोकप्रिय हैं और उनके बहुत से फैन हैं। उनकी फैन फॉलोइंग निरन्तर बढ़ रही है। अगर केवल ट्विटर की ही बात करें तो इसमें उनके लगभग 70 हज़ार फ़ॉलोअर्स हैं। इतना ही नहीं, बॉलीवुड के कई प्रसिद्ध कलाकार भी उन्हें फॉलो करते हैं।
अत्यंत प्रतिभाषाली हैं IAS प्रियंका
प्रियंका शुक्ला केवल आत्मा विश्वासी और मेहनती ही नहीं हैं, बल्कि वे कई तरह की प्रतिभाओं की धनी भी हैं। उन्हें कविता लिखना पसंद है, वे कंटेम्पररी डांस में पारंगत हैं, इसके अलावा प्रियंका एक अच्छी गायिका व पेंटर भी हैं। वे इन विभिन्न प्रतिभाओं द्वारा सोशल मीडिया पर अपने फैंस को हैरान कर देती हैं।
कई पुरस्कार से हो चुकी हैं पुरस्कृत
ब्यूरोक्रेसी में एक बात कही जाती है- “अगर कोई आईएएस इनोवेशन नहीं करता ..कुछ नया नहीं करता.. लीक पर चल रहे सिस्टम को बदलने की कोशिश नहीं करता तो उसमें और किसी बाबू (क्लर्क) में कोई फर्क नहीं है।” मगर प्रियंका शुक्ला देश की उन चुनिंदा आईएएस अफसरों में शुमार हैं, जो अपने इनोवेशन के लिए जानीं जातीं हैं। इस वजह से अब तक दो-दो बार राष्ट्रपति से लेकर कई पुरस्कार हासिल कर चुकीं हैं। जशपुर-एक प्रण अभियान के साथ इस अफसर ने लोगों को मतदान के प्रति जागरूक किया। उन्होंने मोटरसाइकिल पर रैली निकाली और लोगों से वोट डालने की अपील की।
बेटियों के लिए कुछ करना चाहती थीं प्रियंका
IAS प्रियंका ने पिछले साल एक और उल्लेखनीय शुरुआत की। पिछले अगस्त, स्थानीय प्रशासन ने एक स्व-सहायता समूह की स्थापना की जिसमें मानव तस्करी के पीड़ितों को शामिल किया गया था, जिन्हें जशपुर जिले के कंसबेल शहर में अपनी बेकरी खोलने के लिए प्रोत्साहित किया गया। बेकरी को ‘बेटी जिंदाबाद’ नाम दिया गया और इसे 20 लड़कियों ने शुरू किया है। बच्चे अफसर शुक्ला से काफी प्रभावित रहते हैं। जब वो निकलती हैं तो लोग डरते नहीं बल्कि स्माइल के साथ सैल्यूट करते हैं।