यूपीएससी की परीक्षा मुश्किल तो हर एक कैंडिडेट के लिए होती है परंतु कुछ कैंडिडेट्स के लिए वह अनोखी बन जाती है। आज की हमारी कहानी एक ऐसे यूपीएससी के कैंडिडेट की हैं जिन्होंने हिंदी माध्यम से यूपीएससी करने का निश्चय किया। हिंदी विषय से यूपीएससी की परीक्षा देना बहुत हीं कठिन माना जाता है क्योंकि इसके लिए मैटेरियल्स आसानी से उपलब्ध नहीं होते। इन सबके बावजूद बिहार की एक लड़की ने अपनी कठिन मेहनत और लगन से सफलता प्राप्त की। आईए जानते हैं उनके बारे में…
रिचा रत्नम (Rheecha Ratnam)
रिचा रत्नम बिहार (Bihar) के सिवान जिले की रहने वाली हैं। रिचा ने दसवीं तक की पढ़ाई हिंदी मीडियम से की तो वहीं 11वीं और 12वीं की पढ़ाई इंग्लिश मीडियम से की। उसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग किया तथा बीटेक की डिग्री लेने के बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू की। हिन्दी और अंग्रेजी मीडियम दोनों में पढ़ाई करने से रिचा को हिंदी तथा इंग्लिश दोनों विषय की पूरा जानकारी थी। यूपीएससी की तैयारी करने वह अपने भाई के पास नोएडा चली गईं।
रिचा को पांचवें प्रयास में मिली सफलता
रिचा ने कुल पांच प्रयास किए जिसमें से वह तीन प्रयासों में प्री परीक्षा को भी पास ना कर सकीं परंतु चौथी बार में रिचा प्री परीक्षा को पास करने में सफल रहीं और पहली बार मेन्स तक पहुंची परंतु इस बार भी उन्हें सफलता नहीं मिल सकी। रिचा अपने पांचवें प्रयास में सभी चरणों को पास कर यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की।
स्टडी मैटीरियल खोजना है बहुत बड़ी चुनौती
रिचा यूपीएससी की परीक्षा में हिंदी माध्यम को बहुत बड़ी चुनौती मानती हैं क्यूंकि इसमें स्टडी मैटीरियल खोजना बहुत हीं मुश्किल होता है। उन्हें इससे बहुत दिक्कत हुई जिसके बाद वह इंग्लिश में उपलब्ध मैटीरियल के नोट्स अपनी भाषा में बनाने के बाद उसे पढ़ती थीं। रिचा दूसरे कैंडिडेट को यही सलाह देती हैं कि मैटीरियल खोजने में ज्यादा समय व्यर्थ ना करें बल्कि उनके द्वारा दी गई टिप्स को फॉलो करें।
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सिर्फ एक घंटे की पढ़ाई से सी-सैट में हो सकता है सेलेक्शन
रिचा बताती हैं कि वह इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से थीं जिसके चलते उनका सी-सैट में आसानी से सेलेक्शन हो गया। परंतु ज्यादातर हिंदी माध्यम वाले कैंडिडेट को सी-सैट में बहुत परेशानी होती है। रिचा कहती हैं कि सी-सैट बहुत ज्यादा कठिन नहीं है। अगर हर रोज आप इसे सिर्फ एक घंटा भी पढ़ते हैं तो सी-सैट में आपका सेलेक्शन आसानी से हो सकता है।
रिचा ने गिनाई पांच गलतियां
रिचा पांच गलतियां करने से हर कैंडिडेट्स को रोकती हैं। पहला जब आपको परीक्षा देने का पूरा मन हो और आप उसके लिए तैयार हों तभी आप यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी शुरू करें। दूसरी बात रिचा कहती हैं कि वह परीक्षा की पूरी तैयार घर पर हीं करती थी और केवल परीक्षा वाले दिन जाकर परीक्षा दे देती थी, जिससे उन्हें सफलता प्राप्त नहीं हो पाती थी इसलिए रिचा कहती हैं कि रियल लाइफ सिचुएशन में परीक्षा देने का अभ्यास करना बहुत जरूरी है। तीसरी बात रिचा कहती हैं कि ज्यादा किताबें इकट्ठा ना करें बल्कि लिमिटेड किताबों से हीं तैयारी करें और पढ़े हुए विषय को बार-बार रिवाइज करते रहें। चौथी बात रिचा बताती हैं कि उन्हें सिविल सर्विसेस की कोई जानकारी नहीं थी। जिसके लिए उन्होंने गाइडेंस प्रोग्राम ज्वॉइन किया और सारी जानकारी प्राप्त की। इसके अलावा रिचा बताती हैं कि इससे उन्हें बहुत मदद भी मिला। आखिरी तथा पांचवी बात रिचा कहती हैं कि यूपीएससी की परीक्षा में पास होने के लिए सबसे जरूरी हैं आंसर राइटिंग अभ्यास करना। इसके द्वारा मेन्स परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर यूपीएससी की परीक्षा में सफलता प्राप्त किया जा सकता है।
The Logically रिचा रत्नम के द्वारा किए गए कठिन परिश्रम की तारीफ करता है और उन्हें उनकी सफलता के लिए बधाईयां देता है।