भारत का एक केन्द्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर, जो कि हमेशा आतंकी हमले को लेकर चर्चा का विषय बना रहता है। अगर हम जम्मू कश्मीर कि बात करे तो कुपवाड़ा जिला हमेशा देश विरोधी गतिविधियों को लेकर चर्चा में ही रहता है। इस सबके बावजूद वहाँ के लोग अब सामान विचारधारा से जुड़ते हुए पढ़ाई-लिखाई तथा नौकरी-पेशा के तरफ भी ध्यान देने लगे हैं। आज हम बात करेंगे, आईएएस रुवेदा सलाम ( IAS Ruveda Salam) की, जिसने पहले MBBS की पढ़ाई की, फिर IPS बनीं और अभी वर्तमान में IAS हैं।
कौन है रुवेदा सलाम?
आईएएस रुवेदा सलाम (IAS Ruveda Salam) जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले की रहने वाली है। उनकी उम्र 27 साल है। वे कश्मीर की पहली ऐसी महिला है, जो पहले एमबीबीएस (MBBS) की फिर बाद में आईपीएस (IPS) बनी और अब आईएएस (IAS) बनेंगी। वे युवाओ और महिलाओं के लिए रोल मॉडल बनी हुई है। वह जम्मू कश्मीर की पहली मुस्लिम महिला बन गई हैं, जिसने पहले एमबीबीएस पास किया और डॉक्टर बनीं फिर आईपीएस बनी और अब आईएएस बनीं।
रुवेदा की संघर्ष की कहानी
रुवेदा सलाम ने अपने सपने को साकार करने के लिए बहुत संघर्ष किया। उन्हें अपने मिशन को पूरा करने के लिए बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। सबसे पहले उन्होंने MBBS की परीक्षा पास की। इसके बाद वे अपने प्रयास से IPS बनीं। उसके बाद इस साल के UPSC की परीक्षा में सफल होने वाले 998 सफल उम्मीदवारों में रुवैदा ने 820वीं रैंक प्राप्त की है। अब रुवेदा पहली ऐसी भारतीय मुस्लिम लड़की बन गईं हैं, जिन्होंने भारतीय सिविल सेवा परीक्षा पास की है। रुवेदा ने मेडिकल की पढ़ाई 2009 में शुरू कर दी थी। उन्होंने श्रीनगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज से अपनी डिग्री हासिल की। उसके बाद श्रीनगर में लोक सेवा आयोग की परीक्षा के लिए आवेदन किया। यहां पर 398 पोस्ट थी, इसमे रूवैदा ने 25वीं रैंक हासिल की।
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शादी के लिए रिश्तेदार देते थे दबाव
रूवेदा का कहना है कि, MBBS करने के बाद उनके माता-पिता और रिश्तेदारों ने उनके ऊपर शादी करने के लिए दबाव डालना शुरू कर दिया। लेकिन MBBS में अपार सफलता हासिल करने के बाद शादी करके जिंदगी बिताने के बाद उनका खुद पर विश्वास बढ़ा और उनहोंने शादी करने के बजाय आगे बढ़ने का फैसला किया और अपनी मेहनत और लगन के साथ अपने बुलंद हौसलों के दम पर वे पहले IPS बनीं और एक बार फिर कामयाबी हासिल करते हुए अब IAS बनीं हैं।
कश्मीरी लड़कियों और महिलाओं के लिए बनी प्रेरणा
जम्मू के कुपवाड़ा जिले की रहने वाली रूवेदा सलाम महिलाओं के लिए प्रेरणा बनी हुई है। ऐसा कहा जाता है कि वह जम्मू-कश्मीर की प्रथम महिला आईपीएस है और उन्होंने अब अपने मेहनत के बदौलत आईएएस बनने का अपना सपना साकार किया है। रूवेदा सलाम की कामयाबी की कहानी बहुत ही संघर्षशील है। जम्मू कश्मीर में महिलाओं के लिए घर से निकल कर उच्च स्तर की पढ़ाई लिखाई करना मुश्किल होता है। रुवेदा का कहना है कि जब जम्मू कश्मीर की लड़कियां उन्हें वर्दी में देखा करती है तो वह उन्हें अपने प्रेरणा के रूप में देखती है। इससे उन्हें बहुत प्रसन्नता मिलती है कि वे बाकी लड़कियों और महिलाओं के लिए प्रेरणा बनी हुई हूं। इसके कारण उनका हौसला बुलंद है और अब वे अपने मेहनत के बदौलत आईएस बन गई।
अब कश्मीरी युवा भी पसंद करने लगे हैं नौकरी
बात अब पहले वाली नहीं रही। अब कश्मीर के युवा भी अपने भटके गतिविधियों को छोड़ते हुए मुख्य धारा में लौट आए हैं। रुवेदा सलाम के कामयाबी के बाद अब जम्मू और कश्मीर का हर युवा लड़के तथा लड़कियां सरकारी नौकरी के प्रयास में लगे रहते हैं। सभी अपने मन में पढ़ लिखकर कुछ करने का हौसला रखने लगे हैं। वहां के युवा पहले से ज्यादा समझदार हो चुके हैं, उनको अब समझ में आ रहा है कि कश्मीर विकास के राह पर चलने लगा, जिसके चलते उन्हें भी पढ़ाई-लिखाई करके नौकरी पेशा करना ही होगा। आज सभी रुवेदा सलाम के जज्बे को सलाम करते हैं जिन्होंने उन्हें अच्छी प्रेरणा दी तथा पढ़ लिखकर कुछ करने की अलख जगाई।