ऐसे तो हमलोगों ने अनेकों आईएएस और आईपीएस की सफलता की कहानी सुनी है। लेकिन जब बात किसी बड़े सामुहिक समस्या से निजात पाते हुए समस्या के समाधान की बआए तो IAS उमाकांत उमराव की बात जरुर होती है। जी हाँ, यह वही आईएएस है जो कि मध्यप्रदेश के देवास जैसे सूखाग्रस्त जिले को हरा-भरा बनाने के लिए श्रेय ले चुके हैं
तो आइए जानते हैं देवास के सूखाग्रस्त और उसके निराकरण के लिए किए जाने वाले आईएएस उमाकांत उमराव के प्रयासों के बारे में-
आईएएस अधिकारी उमाकांत उमराव (IAS officer Umakant Umrao)
आईएएस अधिकारी उमाकांत उमराव (IAS officer Umakant Umrao) वर्ष 2006 में मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के देवाश के जिलाधिकारी के रुप में अपना योगदान दे चुके हैं। वे IIT रुड़की से ग्रैजुएट हैं, इसके साथ हीं साथ उन्होंने अर्थशास्त्र की भी शिक्षा प्राप्त किया हुआ है।
उन्होंने वर्ष 2006 में 40 किसानों के साथ मध्यप्रदेश के देवास में सूखाग्रस्त से बच-बचाव के लिए देवास प्लान शुरु किया, इस प्लान के तहत उन्होंने किसानों के हित में काम करते हुए पानी के बचाव के लिए अनेकों तालाबों का निर्माण करवाया।
जल बचाव के लिए की पहल
बता दें कि, मध्यप्रदेश का देवास एक ऐसा जगह है, जिसकी पहचान सूखाग्रस्त इलाके के रुप में होती है। वर्ष 2006 में जब उमाकांत उमराव मध्यप्रदेश के देवास में आईएएस अधिकारी के रुप में कार्यरत थे। कुछ किसानों की समस्या थी कि उन्हें पानी के इंतजाम के लिए तालाबों का निर्माण करवाना था लेकिन बैंकों के खराब रवैये से किसानो का लोन पास नहीं हो पा रहा था। किसानो की कम आय तथा परेशानियों को देखते हुए उन्होंने कुछ किसानो के सामने मानसून तालाब की योजना रखी। इसके बाद उन्होंने पानी बचाने के लिए देवास में तालाब खोदना शुरु किया और इस तालाब में उन्होंने बरसात के पानी को जमा करवाने का काम शुरु करवाया।
समस्या का हुआ समाधान
किसानों के भलाई का सोच रख कर काम करने वाले आईएएस अधिकारी उमाकांत उमराव ने अपने सकारात्मक प्रयास से आज के समय में देवास के 60-80 एकड़ में 16000 से ज़्यादा तालाब खुदा चुके हैं। इस तरह से किसानो की समस्या एक हद तक खत्म हो चुकी है और किसान अब अच्छी फसल का उपज कर रहे हैं। उनके प्रयासों के बदौलत देवास में सिंचित भूमि भी 18000 हेकटेयर से बढ़कर 4 लाख हेकटेयर से ज़्यादा हो गई है।
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जल बचाओ, मुनाफा कमाओं का दिया नारा
आईएएस उमराव (IAS officer Umakant Umrao) के इस सफल प्रयास से देवास जिले के बड़े किसान अपने क्षेत्र का 90 प्रतिशत पानी इस्तेमाल कर लेते हैं और उन्हें भूमिजल स्तर बढ़ाने के लिए प्रेरित करना पानी बचाने का बहुत सटीक तरीका है। आज वहाँ के बड़े किसान खुद से तालाब बनाने के लिए पैसे निवेश करने में सक्षम हैं तथा छोटे किसानों के लिए सहयोग भी कर सकते हैं।
लोगों के बीच हुए मशहूर
अपने नेक काम के बदौलत मध्यप्रदेश के देवास में मशहूर हुए आईएएस अधिकारी उमाकांत उमराव (IAS officer Umakant Umrao) ने देवास मॉडल के जरिये पूरे देश में अपनी एक अलग हीं पहचान बनाई है। उनके देवास मॉडल की पूरे देश भर में जमकर सराहना हो रही है। इस कार्य से उनकी एक अलग हीं पहचान बनी है, जो कि उन्हें एक नेक दिल इंसान के रुप में जाना जाने लगा है। उनके इस सहयोगात्मक भावना हम सभी लोगों के लिए प्रेरणा बनीं हुई है।
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