भारत अभी पूरी तरह से कोरोना के चपेट में है। भारत मे कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। सभी जगह तबाही का मंजर देखने को मिल रही है। इस महामारी से बचने का अब एक ही सही तरीका है कि कोरोना गाइड लाइन का पालन करना। आज हम भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के एक गांव का जिक्र करेंगे, जो इस महामारी में भी पूर्ण रूप से सुरक्षित है। जी हां, हम बात कर रहे है उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) के इछावर गांव (ichhavar Village) की। जहाँ अभी तक एक भी लोग कोरोना महामारी से संक्रमित नही है।
यहां हर संभव होता है कोरोना नियम का पालन
इछावर गांव (Ichhavar Village), यूपी के बांदा जिले में आता है। इस गांव की आबादी करीबन 3 हजार है। जहां पूरा देश कोरोना के चपेट में है उस समय मे यह गांव पूरी तरह सुरक्षित है। यहां के निवासी पूरी तरह से जागरूक है और सभी हर संभव कोरोना के सभी गाइड लाइन का पालन करते है। यहां के लोग कोरोना के मामले में इतना सतर्क है कि बिना कोरोना जांच करवाएं या बिना कोविड जांच रिपोर्ट देखे ये किसी प्रवासी तथा रिश्तेदार को गांव में घुसने नही देते और साथ ही बाहरी लोगों को कोरोना सुरक्षा नियमों का पालन करने की हिदायत भी देते हैं। यहां तक कि इसी गांव के जो लोग दूसरे राज्य से यहां लौटे थे उनपर भी सभी नियम लागू किये गए ,जो नियम रिश्तेदारों तथा अन्य के साथ लागू किये जाते है।
गांव में बाहरी लोग घुस न पाए, इसलिए बारी-बारी देते है पहरा
इस गांव के लोग पूरी तरह से सतर्कता बरतते है। गांव में कोई बाहरी लोग कोरोना लेकर घुस नही पाए इसलिए बारी-बारी सभी गांववाले पहरा देते है। इस गांव में कभी किसी को खांसी, बुखार होता है तो पहले ये घरेलू नुस्खे अपनाते है। अगर फिर भी ठीक नही होते तो सभी उनको सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाकर कोरोना जांच करवाने की सलाह देते है। लेकिन खुशी की बात तो यह है कि यहां अभी तक कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित नही पाया गया।
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चुनावी भीड़ को भी गांव में जाने की नही देते है अनुमति
इस गांव में सभी लोग बहुत जागरूक है और सब मिलकर कोरोना नियम का पालन भी करते है। इस गांव में किसी भी चुनावी भीड़ तथा रैली को जाने की अनुमति नही है। चुनावी प्रचार के लिए प्रत्याशी के साथ केवल एक व्यक्ति ही इस गांव में प्रवेश कर सकता है।
दुकानदार भी है जागरूक
इस गांव के लोगों के साथ-साथ यहां के दुकानदार भी बहुत जागरूक और सतर्क है। सभी अपने दुकानों में सेनेटाइज किया हुआ सामान बेचते हैं। सभी दुकानदार नगद पैसे के जगह नेट बैंकिंग का उपयोग करते है। अगर मजबूरी में नगद में रुपए लेने पड़ गए तो उन रुपयों को सेनेटाइज करके ही अपने पास रखते है। जब ये लोग बाजार से सामान खरीदते है तो रखने से पहले सभी सामान को सेनेटाइज करवा लेते है।