Saturday, December 9, 2023

बुजुर्ग दंपत्ति को लोअर बर्थ नहीं दिया तो भारतीय रेलवे को देना पड़ा 3 लखा जुर्माना, जानिए क्या थी पूरी कहानी

भारतीय रेलवे को 11 साल पहले की लापरवाही के लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (Consumer Disputes Redressal Commission) की तरफ से 3 लाख जुर्माना देने का आदेश मिला है। देर से ही सही लेकिन याची को सालों बाद इंसाफ मिल ही गया। मामला सितंबर 2010 का है जब बुजुर्ग दंपत्ति ट्रेन में सफर कर रहे थे। लोअर बर्थ खाली होने के बावजूद भी टीटीई ने उन्हें मना कर दिया था।

दिव्यांग दंपत्ति को जमीन पर बैठकर करना पड़ा सफर

मीडिया रिपोर्ट अनुसार बुजुर्ग दंपत्ति ने 4 सितंबर 2010 को सोलापुर से बिरूर जाने के लिए दिव्यांग कोटे से थर्ड एसी बोगी में सीट बुक कराई, लेकिन उन्हें लोअर बर्थ नहीं दी गई थी। यात्रा के दौरान भी दंपत्ति ने टीटीई से लोअर बर्थ देने के लिए आग्रह किया। इसके बाद भी उन्हें नीचे की सीट नहीं दी गई। हार मानकर उन्हें सीट के पास नीचे बैठकर यात्रा करनी पड़ी, हालांकि बाद में एक यात्री ने उन्हें अपनी लोअर बर्थ दे दी।

Not providing lower berth to couple

डेस्टिनेशन से 100 किलोमीटर पहले रात में उतारा गया

बुजुर्ग दंपत्ति ने कोच अटेंडेंट और टीटीई से कहा कि बिरूर स्टेशन आने पर उन्हें बता दें। वह उनका डेस्टिनेशन पॉइंट था लेकिन यहां भी लापरवाही हुई और उन्हेंने बिरूर से करीब सौ किलोमीटर पहले ही चिकजाजुर में उतार दिया गया।

बुजुर्ग दंपत्ति ने रेलवे पर किया था मुकदमा

परेशानी के बाद बुजुर्ग दंपत्ति ने भारतीय रेलवे के खिलाफ मुकदमा दायर (Case against indian railways) कर दिया था। शिकायत में दंपत्ति ने बताया कि यात्रा के समय कोच में छह लोअर बर्थ खाली थी, लेकिन टीटीई ने उन्हें लोअर बर्थ नहीं दी और उन्हें 100 किलोमीटर पहले उतार दिया गया। उन्होंने रेलवे पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मुआवजा मांगा था।

इस मामले में जिला उपभोक्ता फोरम ने रेलवे को घोर लापरवाही का जिम्मेदार ठहराते हुए 3 लाख 2 हजार रुपये मुआवजा और 2500 रुपये मुकदमा खर्च देने का आदेश दिया।