यूं तो आप कई कहानियां सुने और पढ़े होंगे लेकिन उनमें से कुछ कहानियां आप के अंदर से हो कर गुजरती है तो कुछ कहानियां आपको बड़े मुकाम तक पहुंचने का हौसला देती है। इनमें से कुछ कहानियां आपको इतना प्रेरणादायक लगता है। जो आपके जीवन के लिए एक अलग सीख प्रदान करता है। इसी तरह आज मैं आपको एक ऐसी बेटी के बारे में बताने जा रहा हूं जिसकी कहानी आपको अंदर से झकझोर देगा। साथ हीं आप जब इस बेटी की वीरता को समझ लेंगे तो निश्चित तौर पर ये आपके लिए प्रेरणादायक है। आईए जानते हैं…
दरअसल, ये कहानी एक ऐसी बेटी “संगीता” की है जिसकी मां खेतों में काम करती थी, और सबसे दुख की बात ये थी कि जब वे महज नौ वर्ष की थी तभी उनके पिता जी दुनिया को छोड़कर चले गए थे। जिसके बाद इनकी मां ने खेतों में काम कर के पाला। इससे साफ समझ सकते हैं की इनके लिए ये जीवन कितना कठिन रहा है।
संगीता का जन्म मेरठ में बुलंदशहर के पिछड़े गांव भड़कउ में हुआ था। जब आप संगीता की कहानी को जानेंगे उसके बाद आप को पता चलेगा कि वास्तव में कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती है। संगीता बेहद आम परिवार में जन्मी थी और जैसे-तैसे घर का खर्च चलता है। माता-पिता ने इस उम्मीद के साथ बेटी को स्कूल भेजा कि वो बड़ी होकर उनका सहारा बनेगी। संगीता ने भी अपने घरवालों को निराश नहीं किया और पूरी तरह से पढ़ाई के लिए खुद को समर्पित कर दिया। वो घीरे-धीरे आगे बढ़ रही थी, इसी दौरान महज नौ साल की उम्र में उनके सिर से पिता का हाथ उठ गया। जिसके बाद घर में और मुश्किलें बढ़ने लगी।
पिता के निधन के बाद मां के पास इतने पैसे नहीं थे कि संगीता के स्कूल की फीस भर सके। ऐसी स्थिति में संगीता ने खेतों में मां के साथ काम करना शुरू किया और अपनी पढ़ाई जारी रखी हर तरह की बाधा को पार करते हुए वो आगे बढ़ती रहीं। जिसके बाद जरूरत पड़ने पर उन्होंने बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाया मगर अपनी पढ़ाई को रुकने नहीं दिया। हाई-इंटर में अच्छे नंबरों से पास होने के बाद वो उच्च शिक्षा में भी अव्वल रहीं और एमफिल में गोल्ड मेडल जीतकर परिवार का नाम रोशन कर दिया। ये पल संगीता और इनके मां के लिए बहुत हीं खास था।
जागरण के एक रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा समय में संगीता एनएएस कालेज में शोधार्थी हैं। फेलोशिप में मिलने वाले पैसों से वो न सिर्फ अपनी पढ़ाई कर रही हैं, बल्कि अपने परिवार को भी सहारा दे रही हैं। एक समय में मुसीबतों से घिरी नजर आने वाली संगीता अब अपने इलाके की शान बन चुकी हैं।
संगीता के जीवन की कहानी दर्शाता है कि कोशिश करनेवालों की कभी हार नही होती। जिस तरह उन्होंने जीवन के कठिन से कठिन परिस्थिति को झेला है, वह समाज के लिए प्रेरणादायक है।