Wednesday, December 13, 2023

नेताओं के खिलाफ ऐक्शन लेने पर 40 बार हुआ तबादला, फिर भी बिना रुके सच्चाई के राह पर चलती है यह IPS अधिकारी

फिल्मों में दबंग पुलिस अफसरों को मंत्रियों और घूसखोरों से पंगे लेते हुए तो आपने बहुत देखा होगा। जहां कोई ईमानदार पुलिस ऑफिसर पूरी सच्चाई से अपनी ड्यूटी निभाते हुए ऊंचे ओहदे पर गलत काम कर रहे लोगों को भी नहीं बक्षता। खैर ये तो रही रील लाइफ की बातें लेकिन क्या रियल लाइफ में भी ऐसा होता है? जी हां! ये कहानी कर्नाटक की आईपीएस D. Roopa (रूपा दिवाकर मौदगिल) की है, जो कि कर्नाटक कैडर के 2000 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं।

IPS D Rupa Maudgil

20 साल की नौकरी के दौरान 40 बार ट्रांसफर

यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया 43वीं रैंक मिलने के बाद उन्हें आईएएस पद पर नियुक्ति मिली पर वह आईपीएस बनना चाहती थी, इसलिए उन्होंने आईएएस छोड़ आईपीएस चुना। बता दें 20 साल के सर्विस में उनका 40 बार ट्रांसफर हो चुका है।

IPS D Rupa Maudgil

AIDMK नेता शशिकला से लेकर उमा भारती के खिलाफ कर चुकीं हैं करवाई

रूपा को हाल ही में राज्य के गृह विभाग से हैंडलूप एम्पोरियम में ट्रांसफर किया गया है। वह प्रदेश की पहली महिला होम सेक्रेटरी भी रह चुकी हैं। डी. रूपा पर ये कार्रवाई तब हुई है, जबकि उन्होंने एक बड़े अफसर के कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई थी। रूपा के लिए ये बात नई नहीं है। वो तमाम राज्यों में नौकरी के दौरान ऐसे कई ऐक्शंस में शामिल रही हैं, जिसके कारण उनके काम की चर्चा होती रही है। फिर चाहे वो जेल में बंद AIDMK की नेता शशिकला के खिलाफ आवाज उठाने की बात रही हो, या साल 2003-2004 के दौरान एमपी की तत्कालीन सीएम उमा भारती को गिरफ्तार करने का मामला…रूपा की कार्यशैली पर कई बार सवाल और विवाद दोनों हुए हैं।

IPS D Rupa Maudgil

नृत्य में माहिर और शार्प शूटर भी

Roopa पुलिस सर्विसेज के अलावा एक बेहतरीन ट्रेंड भरतनाट्यम डांसर भी हैं। उन्होंने भारतीय संगीत की ट्रेनिंग भी ली हैं। सिर्फ़ इतना ही नहीं बयालाताड़ा भीमअन्ना नामक कन्नड फिल्म में रूपा ने एक प्लेबैक सिंगर के रूप में गीत भी गाया है। साथ ही रूपा एक बेहतरीन शार्प शूटर भी हैं, जिसमें वह बहुत से पुरस्कार से सम्मानित भी हो चुकी हैं। रूपा की शादी आईएएस अफसर मुनीश मुद्गील (Munish Mudgal) से साल 2003 में हुई। रूपा की छोटी बहन रोहिणी दिवाकर (Rohini Diwakar) भी 2008 बैच की आईआरएस ऑफिसर हैं।

रूपा एक इंटरव्यू में कहती हैं कि तबादला होना हर सरकारी नौकरी का हिस्सा है। रूपा ने जितने साल नौकरी की है उसके दुगुने बार उनका ट्रांसफर हुआ है। रूपा जनती हैं कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना विवाद और जोखिम का काम है। इसके चलते हीं उनका ट्रांसफर भी होता हैं, परंतु वह इससे हिम्मत नहीं हारती और ना ही अपने काम करने के तरीके को बदलती हैं। रूपा के तबादले पर राज्य के अलग-अलग वर्ग में मिलीजुली प्रतिक्रिया हुई थी तथा सोशल मीडिया पर भी बहुत से लोग उनके ट्रांसफर के फैसले के खिलाफ थे।