Sunday, December 10, 2023

10 बैग से शुरू की मशरूम की खेती, आज 100 बैग से भी ज्यादा मशरूम उगाकर 3 लाख रुपए कमा रही हैं

कहा जाता है कि इंसान किसी काम को कर लेने की ठान ले तो वह काम कितना भी मुश्किल क्यों न हो उसे पूरा कर हीं देता है। किसी भी काम को मेहनत, लगन और शिद्दत के साथ किया जाए तो अंततः सफलता जरूर मिलती है।

आज हम आपको एक ऐसी ही कहानी के बारे में बताएंगे। लॉकडाउन लग जाने की वजह से एक महिला की प्राइवेट नौकरी छूट गई परंतु इन्होंने हार नहीं मानी और कर्ज लेकर इन्होंने मशरुम की खेती करना शुरु कर दिया। आज यह इस मशरुम की खेती से लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं।

जैनब बेगम (Jainab Begum) बिहार (Bihar) के मोतिहारी (Motihari) जिले के रहने वाली हैं। यह करीब 25 साल की हैं और उन्होंने MA तक पढ़ाई की है। वे साल 2020 में पटना में किराए के मकान में रहती थी। और यहां एक एजुकेशनल कंसल्टेंसी कंपनी में नौकरी करती थी। यह बताती हैं कि इनका पूरा परिवार और इनके पति गांव में रहते थे। और यह अपनी छः माह की बेटी के साथ पटना में रहती थी। इस नौकरी से मेरा जीवनयापन किसी भी तरह से चल रहा था। परंतु अचानक से कोरोना महामारी आ गई। और मैंने जो सपना देखा था वह चूर चूर हो गया। कोरोना महामारी की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन लग गया और इसी बीच मेरी नौकरी भी चली गई। नौकरी चली जाने के बाद हमें पटना में रहना काफी मुश्किल हो गया। क्योंकि यहां रहने के लिए हमें किराया देना पड़ता था। हमारे पास कोई नौकरी नहीं थी तो किराया कहां से देते। इसीलिए हमने पटना में रुम खाली कर दिया। और अपने गांव वापस चली आई। इसके बाद हम किसी काम से पटना जा रहे थे। जब हम बस में बैठे थे तो हमें एक शख्स से बातचीत हुई। बातचीत करने के दौरान उसने मुझे मशरुम की खेती करने के बारे में बताया। फिर मैंने इस मशरुम की खेती के बारे में youtube पर काफी सारी वीडियो देखें। इस मशरुम की खेती का वीडियो देखकर मुझे काफी अच्छा लगा। जिसके बाद हम समस्तीपुर के पूसा एग्रिकल्चर यूनिवर्सिटी में जाकर मशरुम की खेती के बारे में सारी जानकारियां प्राप्त की।

Mushroom Farming

जैनब बेगम (Jainab Begum) बताती हैं कि हमें मशरुम की खेती करने के बारे में काफी कुछ जानकारियां तो मिल गई परंतु इस मशरुम की खेती करने के लिए मेरे पास पैसे नहीं थे। पैसे ना रहने के कारण हम मशरुम की खेती की शुरुआत नहीं कर रहे थे। फिर मैंने अपने जान-पहचान के लोग से ₹400 उधार लिए। इसके बाद मैंने इन 400 रुपए लेकर पटना गए और वहां से 2kg मिल्की मशरुम का बीज खरीद कर ले आई। इसके बाद मैंने 10 बैग से मशरुम की खेती करना शुरु कर दिया। जैनब बेगम बताती हैं कि मैंने मशरुम की खेती करने के लिए लगन और काफी मेहनत की। जिसकी वजह से मेरा काम बढ़ता गया और मशरुम की खेती में लाभ भी होता गया। जब हम मशरुम की खेती करना शुरु किए थे तब सिर्फ 10 बैग बीज के साथ शुरुआत की थी। आज हम इन्हीं खेतों में 100 बैग से भी अधिक मशरुम की खेती कर रहे हैं। हम मशरुम की मार्केटिंग खुद करती हूं और मेरे मशरुम के बढ़ते उत्पाद को देखकर व्यापारी हमसे खुद मिलने आते हैं।

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जैनब बेगम (Jainab Begum) बताती हैं कि इस मशरुम की खेती करने से हमारी जिंदगी काफी बदल गई। अब हम अपना भविष्य इसी मशरुम की खेती में देखती हूं। इतना ही नहीं हमने छः लोगों को रोजगार भी दे रखी हूं। साथ ही साथ यहां के बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार देने के लिए हम इस काम को और अधिक बढ़ा रही हूं। जिसे यहां के कुछ युवाओं को रोजगार मिल सके। यह बताती हैं कि हमने इस मशरुम की खेती से एक सीजन में लगभग डेढ़ लाख रुपए का मुनाफा कमाई हूं और हमने जब पहली बार मशरुम की खेती की तब पहले साल खुद के दम पर हमने लगभग 3 लाख रुपए की कमाई की थी। जैनब बेगम बताती हैं कि हम अपने इस व्यवसाय को काफी आगे बढ़ाना चाहती हूं। इसके लिए हमने अपने देश के पड़ोसी देश नेपाल में अपने इस उत्पाद को बेचने के लिए वहां के बाजार तलाश रही हूं।

Mushroom

जैनब बेगम (Jainab Begum) लोगों के लिए एक प्रेरणा हैं। इन्होंने सारी मुश्किलों और समस्याओं को झेलते हुए अपना कदम आगे बढ़ाते गए। इन्होंने जग मशरुम की खेती करना शुरु किया था। तब से इन्होंने पीछे पलटकर एक बार भी नहीं देखा। यह अपने काम को लगन और शिद्दत के साथ करते रहे। और आज यह सफलता की चोटी पर पहुंच गई है। जैनब बेगम महिलाओं के लिए एक मिसाल बन चुकी है।