कोरोना महामारी के कारण हुए लॉकडाउन ने सभी की कामकाजी जिंदगी पर ब्रेक लगा दिया था. इससे पहले न तो किसी ने ऐसा कुछ अनुभव किया था न ही किसी को अंदाजा था कि सब कुछ वापस पटरी पर कब लौटेगा. लेकिन हम भारतीय है हमें हर परिस्थिति में खुद को ढालना बखूबी आता है. लॉकडाउन के दौरान लोग भले ही घर में कैद हो गए थे लेकिन आए दिन कुछ मजेदार और ऑब्जेक्टिव चीजें भी सामने आ रही थी. ज्यादातर लोगों ने कुकिंग में हाथ आजमा कर सोशल मीडिया पर साझा किया. वहीं एक परिवार ऐसा भी था जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान घर की छत पर ही खेती शुरू कर दी!
ताजुब की बात है न ? लेकिन इसे मुमकिन कर दिखाया केरल के कोट्टायम जिले के रहने वाले टाइटस सैम जोसेफ और उनकी पत्नी सेलीन ने, दरअसल इस कपल ने लॉकडाउन के दौरान चावल उगाने का एक नया तरीका खोज निकाला है!
बोतलों में उगाए धान, जानिए तकनीक
सैम और उनकी पत्नी ने धान की खेती, अपने छत पर करने के लिए 175 मिनरल वॉटर की बोतलों का का यूज किया. इसके लिए उन्होंने कोई खर्च भी नहीं करना पड़ा.सैम ने मीडिया से बातचीत में बताया कि –
“इन बोतलों को हमने होरिजेंटली काटा और बोतल के निचले हिस्से में पानी भर दिया. इसके बाद, इसके ऊपरी भाग को उल्टा कर, इसमें गाय के गोबर और मिट्टी को भरा गया और फिर इसे बोतल के निचले हिस्से में डाला गया, ताकि यह पानी में डूब जाए. इसके बाद इसमें धान के बीज लगाए गए.”
कुछ दिनों के बाद ही, इसमें धान के बीज अंकुरित होने लगे. सैम का दावा है कि उन्होंने इस तकनीक से धान उगाने के लिए एक बूँद कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल नहीं किया!
सैम और उनकी पत्नी के सामने बोतल में धान उगाने के दौरान कुछ चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा, जैसे –
पौधों की सिंचाई करना और यह जाँचना कि बोतलें पौधे का भार उठाने में सक्षम हैं या नहीं!
साथ ही समय – समय पर बोतल चेक करना ताकि वे हवा के झोंके से गिर न जाए!
सैम का कहना है कि उन्होंने पिछले महीने अपने टैरेस गार्डन में लगे धान की कटाई की जिससे चार किलोग्राम चावल तैयार किया गया. इतना चावल कुछ समय तक के लिए उनके परिवार के लिए काफी था।”
यह भी पढ़ें :- एक विशेष तरह का धान जो ठंडे पानी मे पकता है, बिहार का यह किसान ‘मैजिक धान’ की खेती कर रहा है
किसानी के अलावा इन चीजों का भी शौक
अपने इस तकनीक के सफल होने पर सैम काफी खुश हैं और अब वो इसे दोबारा ट्राई करने के लिए जून – जुलाई का इंतजार कर रहे हैं. सैम को धान की खेती के अलावा सब्जियों की खेती, मछली और मधुमक्खी पालन का भी शौक है. मछली पालन के लिए उनके पास दो तालाब हैं, जिनमें नैटर और तिलपिया किस्म की 700 से अधिक मछलियाँ हैं. वह मुख्य तौर पर पाला केएसआरटीसी के स्टेशन मास्टर है और उन्हें किसानी का अत्यधिक शौक है!
सैम का मानना है कि उनकी धान की खेती की तकनीक अगर आगे भी सफल रही तो तो मतलब हम अपने घर की छत पर किसी भी फसल की खेती कर सकते है!