Wednesday, December 13, 2023

किन्नर होते हुए लीला 150 बच्चों की हैं पालनहार, उठाती हैं सारे खर्चे: मातृत्व को सलाम

कुछ लोगों कि यह सोच होती है कि, जिस तकलीफ से उन्हें गुजरना पड़ा उस तकलीफ से किसी और को ना गुजरना पड़े। कुछ ऐसी हीं सोच रखते हैं किन्नर लीला (Lila)। इसका सबसे बड़ा सबूत है कि एक किन्नर होने के बावजूद भी आज वह 150 बेटियों की मां है। यह सुनकर हैरानी तो हर किसी को होगी कि किन्नर होने के बावजूद लीला 150 बेटियों की मां कैसे हैं, परंतु यह सच है। यह बेटियां भले ही उनकी अपनी कोख से पैदा ना हुई हो, परंतु उन्हें लीला एक सगी मां से भी ज्यादा प्यार करती हैं। – Despite being a eunuch, Lilabai remains the mother of 150 daughters because of her work.

  • पिछले 30 साल से चल रहा है यह सिलसिला

जो लड़कियां गरीबी और मुफलिसी में पल कर बड़ी होती हैं और उनके माता-पिता उन्हें विदा तक करने में असमर्थ रहते हैं, तो लीला एक मां की तरह उन बेटियों को गोद लेती है और उन्हें दहेज देकर तथा बड़े धूमधाम से अच्छे घर में उनका शादी कराती हैं। यह सिलसिला करीब तीस साल पहले शुरू हुआ, जब लीला अपने पास की ही बस्ती के रहने वाली एक गरीब परिवार की बेटी को गोद ली। उन्होंने उस बच्ची के पढ़ाई से लेकर शादी तक का हर खर्च उठाया।

  • लीला गरीब लड़कियों की कराती हैं शादी

ऐसा करने से किन्नर लीला को काफी सुकून मिला और इसके बाद उन्होंने एक नई पहल की शुरूआत की। लीला बाड़मेर जिले के बालोतरा शहर सहित जिले भर में जहां कहीं भी गरीब घर की बेटी के बारे में सुनती है तो उनसे जा कर मिलती हैं और उनके बेटी की सारी जिम्मेदार खुद ले लेती है। ऐसे में उन बेटियों के शादी का खर्चा भी स्वयं लीला ही उठाती हैं। इससे गरीब परिवार को मदद मिल जाती है तथा उनकी बेटियों को अच्छा घर मिल जाता है।

Kinner Leelabai Is Nurture 150 Daughters
किन्नर लीलाबाई
  • लीला 150 से अधिक बेटियों को ले चुकी हैं गोद

जब किन्नर लीला ने उन बेटियों के लिए एक मां का फर्ज अदा किया तो वह बेटियां भी उन्हें पालनहार के रूप में देखने लगी। जिन लड़कियों की लीला में शादी कराई है वह आज भी अपने ससुराल से आती है, तो मायके जाने से पहले लीला के पास आती है और उनका आशीर्वाद लेती है। इस प्रकार लीला उन्हें अपनी बेटियों मानती हैं और यह लड़कियां भी उन्हें अपनी मां की तरह मानती है। इस 30 साल की सफर में लीला 150 से अधिक बेटियों को गोद ले चुकी हैं। – Despite being a eunuch, Lilabai remains the mother of 150 daughters because of her work.

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  • गाय माता का संरक्षण का है लक्ष्य

लीला गोद ली गई लड़कियों की हर जरूरत को पूरा करती हैं तथा उनके शादी तक के खर्चे वह खुद उठाती हैं। लीला का कहना हैं कि वह जब तक वह जिंदा है इसी प्रकार उन बेटियों की मदद करेगी और उनका भविष्य उज्ज्वल बनाने का प्रयास करते रहेगी। इसके अलावा लीला का एक और बड़ा सपना है कि गाय माता का संरक्षण किया जाए। इस दिशा में लीला कार्य करना शुरू कर चुकी है। वह लोगों से मिले पैसों में से एक हिस्सा गो सेवा के लिए इस्तमाल करती हैं।

  • लीला गरीब बच्चों की पूरी जिम्मेदारी खुद उठाती है

सबकी मदद करने वाली लीला खुद एक कच्ची बस्ती में रहती हैं और आस-पड़ोस में रहने वाले गरीब परिवारों के बच्चों के लिए पाठ्यसामग्री, पोशाक सहित शिक्षण का इंतमाज करती हैं। लीला हर चीज का पूरा खयाल रखती हैं, चाहें वह स्कूलों में बच्चों की जरूरी सामग्री हो या गायों के लिए हरा चारा-पानी हो। बता दें कि बालोतरा किन्नर समाज की अध्यक्ष लीलाबाई के घर में आधा दर्जन शिष्य रहते हैं, जिन्हे वह एक आम जिंदगी देना चाहती हैं। लीला ना केवल गरीब बेटियों की बल्कि हर जरूरतमंद की मदद के लिए हमेशा सामने आती है।

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लीला अपनी कमाई का एक चौथाई हिस्सा गो सेवा और शिक्षा पर खर्च करती है। लीला जहां रहती हैं उनके आसपास काफी गरीब लोग हैं, जिनके आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि वह ना तो अपने बच्चों को पढ़ा पाते हैं और ना उन्हें अच्छे कपड़े तथा जूते दे पाते हैं। ऐसे में लीला उन बच्चों की पूरी जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली हुई है। साथ ही वह स्कूलों में स्वेटर, जूते, पोशाक और पुस्तक भी बाटती है। साथ ही लीला प्रतिदिन गायों के लिए हरा चारा और पानी का भी इंतजाम कराती हैं और इसकी जिम्मेदारी वह खुद ली है। उनके इस कार्य से प्रेरित होकर किन्नर लीलाबाई के नाम से गोभक्त भी लगाया जाता है। – Despite being a eunuch, Lilabai remains the mother of 150 daughters because of her work.