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त्रिपुरा में स्थित है भारत का सबसे बड़ा जलमहल, अद्भूत खुबसूरती देख मन मोहित हो जाएगा

know about India's Largest Water Palace Neermahal tripura

हमारे देश में अनेकों ऐसी जगहें मौजूद हैं जिनके बारें में दुनिया ही नहीं बल्कि अधिकांश भारतवासी भी अनजान है। भारत में स्थित उन जगहों के बारें में न तो अधिक एक्सप्लोर किया गया है और न ही पर्यटकों को उसके बारें में जानकारी है। ऐसे में वे जगहें खुबसूरत और अद्भूत होने के बावजूद भी लोगों की पहुंच से दूर है। उन्हीं जगहों में से एक जगह है “नीरमहल” (Neermahal) जिसके बारें में बहुत ही कम लोग जानते हैं।

दुनिया से छिपा है यह जल महल

नीरमहल एक वॉटर पैलेस (Water Palace) है जो त्रिपुरा (Tripura) की राजधानी अगरतला (Agartala) में स्थित एक झील के एकदम बीचों-बीच में बसा हुआ है। भारत में सिर्फ दो वाटर पैलेस है पहला राजस्थान के उदयपुर में स्थित है जल महल और दूसरा त्रिपुरा में स्थित है जिसका नाम नीरमहल है। हालांकि, उदयपुर में स्थित जलमहल को देखने के लिए तो पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है लेकिन नीरमहल अभी भी दुनिया से छिपा हुआ है।

भारत का सबसे बड़ा जलमहल है

त्रिपुरा शहर प्रकृति की गोद में बसा हुआ है जिससे इसकी खुबसूरती देखने लायक होती है। हालांकि, यहां पर्यटन के लिए कम ही बढ़ावा दिया जाता है इसलिए उत्तर भारत के पर्यटकों को यहां स्थित आकर्षक और शानदार जलमहल अर्थात नीरमहल के बारें में बहुत कम जानकारी है। नीरमहल को भारत का सबसे बड़ा जल महल भी कहा जाता है। (India’s Largest Water Palace NeerMahal) इतना ही नहीं बल्कि इसकी गिनती त्रिपुरा की राजधानी अगरतला के सबसे खूबसूरत महल में भी की जाती है।

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त्रिपुरा साम्राज्य के महाराजा ने बनवाया था यह आलिशान नीरमहल

अगरतला से लगभग 53 किमी दूरी पर स्थित मेलाघर त्रिपुरा के साम्राज्य के महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य देबबर्मण बहादूर (Mahraja of Tripura Kingdom Bir Bikram Kishore Manikya Bahadur) की एक शाही सीट थी। ये बात सन 1930 की है जब महाराजा ने फैसला किया कि उसका आलिशान महल रुद्रसागर तालाब के बीच में बनेगा। महल को बनवाने की जिम्मेदारी उसने 1921 में मार्टिन एंड बंर्स नामक ब्रिटिश कम्पनी को सौंपा। बता दें कि समय के उस दौर में रूद्र सागर तालाब को ट्विजिलिक्मा भी कहा जाता था। नीरमहल के बारें में यह कहा जाता है कि इस भव्य महल को बनाने में 8 वर्षों का समय लगा था।

24 कमरे हैं इस भव्य महल में

महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य देबबर्मण बहादूर (Mahraja of Tripura Kingdom Bir Bikram Kishore Manikya Bahadur) हिन्दू और मुगल आर्किटेक्चर काफी मनमोहक लगते थे। ऐसे में नीरमहल का आर्किटेक्चर भी इसी का मिला जुला रूप है जिसकी खुबसूरती किसी को भी मोहित कर लेगी। इसकी बेमिसाल आर्किटेक्चर की वजह से ही उस समय में इसे महाराजा की प्राइड भी कहा जाता था। इस आलिशान महल में 24 कमरें है और इसे भारत का सबसे बड़ा जलमहल कहा जाता है।

महल के पश्चिमी हिस्से को अंदर महल कहा जाता है

इसके अलावा त्रिपुरा साम्राज्य के महाराजा आर्ट्स और कल्चर से बेहद शौकीन थे। इसी शौक के वजह से नीरमहल के बाएं हिस्से को ओपन एयर थियेटर के लिए छोड़ दिया गया था, जहां रोजाना नृत्य, नाटक, थियेटर और अन्य प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम होती थी। वहीं इस महल के पश्चिमी भाग को अंदर महल कहा जाता है जो केवल रॉयल परिवारों के लिए ही है।

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इंटीरियर है बेहद शानदार

यदि इस महल के इंटीरियर के बारें में बात करें तो यह बेहद ही आकर्षक है। नीरमहल के अंदर मीनारें, मंडप, पुल, गुम्बद और बालकनियां बनी हुई है जिसे देखने के बाद यह बिल्कुल किले जैसा प्रतीत होता है। इसके अलावा इसमें बगीचा, आंगन और फव्वारे भी बने हुए हैं। यदि किसी को त्रिपुरा के इतिहास और कल्चर के बारें में जानने का शौक है तो वह नीरमहल घूम सकता है क्योंकि यहां की सैर करने के बाद सैलानी यहां के बारें में जानकारी जुटा सकते हैं।

कैसे पहुन्चा जा सकता है नीरमहल?

यदि आप यहां ट्रेन से सफर करके आना चाहते हैं तो यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन कुमारघाट और धर्म नगर है। यहां पहुंचने के बाद नीरमहल तक का सफर बस से तय करना होगा। वहीं यदि आप हवाई मार्ग से आना चाहते हैं तो यहां का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट अगरतला हवाईअड्डा है। (India’s Largest Water Palace Neermahal)

उम्मीद करते हैं भारत के सबसे बड़े जलमहल के बारें में जानकर आपको अच्छा लगा होगा। ऐसे ही रोचक जानकारी के लिए The Logically के साथ जुड़े रहें।

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