Home Startup Story

इन युवाओं ने शुरू किया चाय का स्टार्टअप, अनेकों लोगों को मिला रोजगार और हो रही 2 लाख से ज्यादा की कमाई

भारत में अधिकतर लोगों के दिन की शुरूआत चाय से होती है। इसी लत को देखते हुए मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के रीवा के रहने वाले अनुभव दुबे (Anubhav Dubey) और उनके दोस्त आनंद नायक (Anand Nayak) ने इसका बिजनेस शुरू करने का फैसला किया।

इसके जरिए आज वे करोड़ों का कारोबार करने के साथ ही कई लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं।

UPSC की तैयारी करने के लिए गए दिल्ली

आठवीं तक की पढ़ाई गांव से करने के बाद अनुभव आगे की पढ़ाई के लिए इंदौर (Indore) चले गए। वहां उनकी दोस्ती उनके साथ पढ़ रहे आनंद नायक से हुई।

Know about the startup of tea business of these young entrepreneurs

शुरू किया बिजनेस

हालांकि आनंद ने कुछ साल बाद पढ़ाई छोड़ दी। वही दूसरी तरफ अनुभव के माता-पिता ने उन्हें UPSC की तैयारी के लिए दिल्ली (Delhi) भेज दिया क्योंकि वह अपने बेटे को आईएएस (IAS) बनाना चाहते थे।

दोनो दोस्तों ने मिलकर की नए बिजनेस की प्लानिंग

UPSC की तैयारी के दौरान अनुभव दुबे (Anubhav Dubey) के पास अचानक एक दिन आनंद का कॉल आया। उन्होंने बताया कि अपना बिजनेस कुछ अच्छा नहीं चल रहा है। क्या हम लोग साथ मिलकर कुछ नया काम शुरू कर सकते हैं?

ऐसी हुई थी शुरुआत

कभी अनुभव के मन में भी बिजनेस का ख्याल रहा था, इसलिए उन्होंने बिना देर किए हां बोल दिया और दोनों मिलकर नए बिजनेस की प्लानिंग करने लगे।

चाय की शॉप खोलने का किया फैसला

अनुभव कहते हैं कि हमारे देश में पानी के बाद चाय का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। इसमें बिजनेस के लिहाज से पोटेंशियल हाई है तथा इसकी डिमांड हमेशा बनी रहती है।

बिना लागत शुरू हुआ व्यापार

यह कारोबार शुरू करने में ज्यादा लागत नहीं लगती। इन्ही बातों पर ध्यान देने के लिए दोनों ने मिलकर चाय की शॉप खोलने का फैसला किया। वे चाहते थे कि मॉडल और टेस्ट दोनों यूनीक हो ताकि यूथ को टारगेट किया जा सके।

3 लाख की लागत से खोली पहली दुकान

अनुभव और आनंद ने मिलकर इंदौर में 3 लाख रुपए की लागत से अपनी पहली दुकान खोली। अनुभव कहते हैं कि हमने एक गर्ल्स हॉस्टल के बगल में किराए पर रूम लिया और सेकेंड हैंड फर्नीचर खरीद कर अपने आउटलेट को डिजाइन किया।

नहीं थे बैनर के पैसे

हालत ऐसी थी कि उनके पास बैनर लगाने तक के भी पैसे नहीं बचे थे। उन्होंने एक नॉर्मल लकड़ी के बोर्ड पर ही हाथ से अपनी दुकान का नाम लिखकर दिया। कुछ दिन तक तो उन्हें दुकान चलाने में बहुत दिक्कत हुई।

यह भी पढ़ें :- एक साधारण आईडिया से बन गई 1500 करोड़ की कम्पनी, जानिए Bisleri की सफलता की कहानी

सुट्टा बार नाम से शुरू हुई चाय की दुकान

इस दौरान कई लोग अनुभव दुबे (Anubhav Dubey) के पिता को ताना मारते थे कि आपका बेटा UPSC की तैयारी की जगह चाय बेचता है। ऐसे में उनके पिता भी नहीं चाहते थे कि अनुभव यह काम करे।

बढ़ने लगी ग्राहकों की संख्या

समय के साथ धीरे-धीरे ग्राहक बढ़ने लगे और उन्हें अच्छी आमदनी होने लगी। अनुभव कहते हैं कि हमने अपने बिजनेस का नाम चाय सुट्टा बार रखा था। बहुत ही जल्द यह नाम फेमस हो गया, यहां तक की मीडिया में भी उनकी चर्चा होने लगी।

250 परिवारों को दे चुके हैं रोजगार

साल 2016 में चाय सुट्टा बार की शुरुआत हुई थी। अब उनका कारोबार बढ़कर लगभग 100 करोड़ रुपए का हो गया है। पूरे देशभर में उनके 165 आउटलेट्स है और विदेशों में उनके 5 आउटलेट्स हैं।

कुल्हड़ से जोड़ा कुम्हारों को

इसके अलावा वह 250 कुम्हार परिवारों को भी रोजगार दिया है। पूरे देश में हर दिन सुट्टा बार के करीब 18 लाख कस्टमर्स है।

9 तरह की मिलती है चाय

सुट्टा बार में हर रोज 9 अलग-अलग स्वाद की चाय बनती है। जिसमें अदरक, इलायची, पान, केसर, तुलसी, नींबू और मसाला चाय शामिल है। यहां 10 रुपए से लेकर 150 रुपए तक की चाय मिलती है।

जल्द बढ़ेगी संख्या

अनुभव जल्द ही अपने आउटलेट्स की संख्या बढाएंगे। उनकी कोशिश है कि देशभर के हर छोटे शहर में उनके चाय का एक ऐसा मॉडल हो।

ओपनिंग के दिन करते हैं चाय का भंडारा

अनुभव बताते हैं कि हम लोग अपने नए आउटलेट की ओपनिंग के दिन चाय का भंडारा आयोजित करते हैं, जिसमें सबको मुफ्त में चाय और कॉफी पिलाई जाती है।

मुफ्त में मिलती है चाय

मुफ्त में चाय के लिए भारी मात्रा में लोग इकाठा होते है और उन्हें हमारे बिजनेस के बारे में भी पता चलता है और बाद में वे हमारे चाय के कस्टमर बन जाते हैं। du

अनुभव बताते हैं कि जो लोग हमारे साथ मिलकर काम करना चाहते हैं, उसके लिए हम फ्रेंचाइजी मॉडल पर काम करतेे हैं।

लॉकडाउन में शुरू हुआ चाय का कारोबार

अनुभव अपनी चाय का फॉर्मूला उन्हें भेज देते हैं, जिसके बदले वह कमीशन चार्ज करते हैं, जो उनके आउटलेट में चला जाता है।

इंजीनियर चाय वाला से शुरुआत

मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा के रहने वाले अंकित नागवंशी (Ankit Nagvanshi) पिछले साल लगे लॉकडाउन के बाद अगस्त में इंजीनियर चायवाला नाम से एक स्टार्टअप की शुरुआत किए थे। अब उनके हजारों कस्टमर्स हैं, जिससे हर दिन वह तीन हजार रुपए से ज्यादा का बिजनेस कर रहे हैं।

छोटा सा था स्टॉल

अंकित हर रोज सुबह 7 बजे से शाम 8 बजे तक एक चौराहे पर अपने चाय का छोटा सा स्टॉल लगाते हैं।

हो रही चाय की होम डिलीवरी

कुछ ऐसी ही कहानी महाराष्ट्र (Maharashtra) के सोलापुर जिले के रहने वाले रेवन शिंदे (Revan Shinde) की। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी इसलिए उन्होंने 12वीं तक पढ़ने के बाद सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करने लगे।

दो लाख की कमाई

आज रेवन चाय की होम डिलीवरी का बिजनेस करते हैं। हर दिन एक हजार से ज्यादा उनके पास ऑर्डर आते हैं, जिससे हर महीने वह 2 लाख रुपए से ज्यादा की कमाई कर रहे है।

बिहार के ग्रामीण परिवेश से निकलकर शहर की भागदौड़ के साथ तालमेल बनाने के साथ ही प्रियंका सकारात्मक पत्रकारिता में अपनी हाथ आजमा रही हैं। ह्यूमन स्टोरीज़, पर्यावरण, शिक्षा जैसे अनेकों मुद्दों पर लेख के माध्यम से प्रियंका अपने विचार प्रकट करती हैं !

Exit mobile version