आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर बेल लोगों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। बेल में वैसे बहुत से आयुर्वेद के गुण समाहित हैं, जो हमारे रोगी शरीर को निरोग बनाता है।
कोरोना काल में बेल रोगियों के लिवर के लिए बहुत ही लाभदायक सिद्ध हुआ है। भोपाल (Bhopal) से ताल्लुक रखने वाले आयुर्वेदाचार्य उमेश शुक्ला (Umesh Shulka) ने जानकारी दी कि अगर किसी को बहुत ही पुरानी पेचिश की समस्या है, तो वह बेल का सेवन करे तो यह ठीक हो जाएगा।
बेल में हैं बहुत से लाभकारी गुण
अगर बेल की पत्तियों को पीसकर शरबत बनाकर पिया जाए, तो यह मधुमेह के रोगियों के लिए भी काफी कारगर सिद्ध होता है। इसके पतियों में पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, लौह एवं टैनिन जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। बेल के शर्बत से हमारा कोलेस्ट्रॉल भी सही रहता है। अगर महिलाएं बेल के शर्बत का सेवन करें तो वह स्तन कैंसर से दूर रह सकती हैं। – bel juice
आखिर किस तरह लगाए बेल?
अगर हमें इस पेड़ को लगाना है, तो इसका तना एवं बीज दोनों को ही लगाया जा सकता है। पर्यावरणविद सुदेश बाघमारे ने यह जानकारी दिया कि अगर बेल के पौधों की रोपाई करनी है, तो इसे 6 से 8 मीटर के बीच पर लगाया जा सकता है लेकिन इसके लिए मिट्टी की उर्वरता मायने रखती है। जुलाई और अगस्त महीने में हम इसे 75-100 सेंटीमीटर गड्ढे की खुदाई कर लगा सकते हैं। – bel juice
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बेल के लाभ
- अगर किसी व्यक्ति को कब्ज की समस्या है, वह बेल का शरबत बनाकर पिए, तो वह समस्या दूर होगी और आंतों को मजबूती मिलेगी।
- अगर किसी व्यक्ति को मधुमेह है, तो वह बेल की पत्तियों को पीसकर, दिन में लगभग 2 बार पिए तो उसकी समस्या कम हो सकती है।
- अगर किसी के शरीर में खून की कमी है, तो इसके लिए वह बेल के फल को सूखने के उपरांत पीसकर चूर्ण बनाकर उसे दूध में डालकर पिए तो वह फायदेमंद होगा।
- अगर किसी व्यक्ति को लू लगी है, तो बेल के पत्तों को पीस उन्हें सिर, छाती हाथ, एवं तलवे पर मसाज करने से उसे लाभ मिलेगा। – bel juice
कभी भी लगाया जा सकता है बेल
आर्मी से रिटायर पीसी दुबे ने यह जानकारी दी बेल को हम किसी भी मौसम में लगा सकते हैं। हालांकि अगर बारिश का मौसम हो तो बहुत ही अच्छी बात होगी। दोमट मिट्टी में बेल की उपज अच्छी होती है। अधिकतर बेल हिमालय की तराईयों में देखने को मिलते हैं। वही दक्षिण एवं मध्य भारत में बेल वन में अधिक देखने को मिलेंगे। – know the benifits of bel juice