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पैरों में पहने जाने वाले हवाई चप्पल का इतिहास,जानिए क्यों पड़ा ‘हवाई’ नाम?

चप्पलों में हवाई चप्पल एक प्रसिद्ध नाम है, जिसका इस्तेमाल हर कोई करता है। यह चप्पल नई नहीं है बल्कि यह पिछले कई दशकों से चलती आ रही है। धीरे-धीरे समय के साथ अब ये काफ़ी स्टाइलिश हो चुकी है। आज भी हवाई चप्पलें लोगों की पहली पसंद है। यह दुनिया के बहुत से देशों में मिलता हैं, परंतु इसे अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है। जैसे- भारत में इसे ‘हवाई चप्पल’ कहा जाता है। इसके अलावा चीन, इजिप्ट, जापान और अमेरिका सहित तमाम देशों में इसे देखा जा सकता है।

आखिर क्यों पड़ा हवाई चप्पल का नाम हवाई?

इस चप्पल का नाम ‘हवाई चप्पल’ हवाई जहाज़ को ध्यान में रखकर नहीं रखा गया है। इसकी स्ट्रिप्स अंग्रेज़ी के अक्षर V या Y आकार की होती है, जो हवाई जहाज़ के आकर से मिलती जुलती है। इतिहासकारों की मानें तो ‘हवाई चप्पल’ को यह नाम अमेरिका के ‘हवाई आईलैंड’ की वजह से मिला है। अमेरिका में ‘हवाई आईलैंड’ में ‘टी’ नाम का एक पेड़ होता है। इस पेड़ से जो रबरनुमा फ़ैब्रिक बनता है, उससे चप्पलें बनाई जाती हैं। इसी कारण इसका नाम ‘हवाई चप्पल’ पड़ा।

Know the history of hawai chappal slippers

हवाई चप्पल का इतिहास

कुछ लोगों का यह भी कहना है कि यह हवा जितनी हल्कि होती हैं, इसलिए इसे ‘हवाई चप्पल’ कहा जाता है। हवाई चप्पलों के तार केवल ‘हवाई आईलैंड’ से ही नहीं बल्कि जापान (Japan) से भी जुड़े हुआ है। हवाई चप्पलों का डिज़ाइन जापान में पहनी जाने वाली फ़्लैट स्लिपर्स ‘ज़ोरी’ या हाईहील सैंडल्स ‘गेटा’ से भी मिलता है। कहा जाता है कि साल 1880 में खेत और कारख़ानों में काम करने के लिए जापान के ग्रामीण इलाक़ों से मज़दूरों को अमेरिका (America) के ‘हवाई आईलैंड’ लाया गया था। उन्हीं के साथ चप्पलों का यह डिज़ाइन भी ‘हवाई’ पहुंचा था।

हवाई चप्पल को लेकर किया जा रहा कई प्रकार का दावा

साल 1932 में कोबलर एल्मर स्कॉट ने हवाई में चप्पल बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले रबरनुमा फैब्रिक को जापानी डिज़ाइन में ढाला और हवाई चप्पलें बनाई। इन चप्पलों का ‘प्रथम विश्वयुद्ध’ और ‘द्वितीय विश्वयुद्ध’ के दौरान अमेरिकी सैनिकों द्वारा बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया था। उसके बाद यह चप्पल दुनियाभर में मशहूर हो गईं। कुछ इतिहासकारों का यह भी मानना है कि अमेरिकी सैनिक ही जापान से ‘ज़ोरी’ लेकर आए थे जो बाद में बेहद मशहूर हो गया।

बहुत से देशों में होता है हवाई चप्पल का इस्तेमाल

हवाइनाज़ ने भी ‘हवाई चप्पल’ के इस नाम को लोकप्रिय बनाया है। यह एक ब्राजीलियन शू-ब्रांड है, जो फ़्लिप-फ़्लॉप चप्पलें बनाती हैं। साल 1962 में ‘हवाइनाज़’ ने कामकाजी लोगों के लिए रबर के फ़्लिप-फ़्लॉप चप्पलें लॉन्च की थीं, जो सफ़ेद या नीले रंग के नीली स्ट्रिप वाली चप्पलें थीं, जो हवाई चप्पलों का सबसे पॉपुलर और कॉमन डिज़ाइन है।

भारत और दुनिया के अन्य देशों में इन चप्पलों को ‘हवाइनाज़’ के कारण ही ‘हवाई चप्पल’ कहा जाता है। भारत में ‘बाटा’ ने ‘हवाई चप्पल’ को और प्रसिद्ध बना दिया है।

बिहार के ग्रामीण परिवेश से निकलकर शहर की भागदौड़ के साथ तालमेल बनाने के साथ ही प्रियंका सकारात्मक पत्रकारिता में अपनी हाथ आजमा रही हैं। ह्यूमन स्टोरीज़, पर्यावरण, शिक्षा जैसे अनेकों मुद्दों पर लेख के माध्यम से प्रियंका अपने विचार प्रकट करती हैं !

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