चुकंदर को बीटरूट के नाम से भी जाना जाता है। इसे सब्जी के रूप में खाने या जूस के तौर पर पीने से रक्त संचार और हीमोग्लोबिन बढ़ता है तथा साथ ही यह ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करता है।
लेकिन आमतौर पर बाजार में मिलनेवाला चुकंदर (Beetroot) रासायनों का प्रयोग करके उगाया हुआ रहता है जिसका लाभ नहीं होता है। रासायनिक पदार्थों के सेवन से स्वास्थ्य सम्बंधी नुकसान होता है। ऐसे में रासायन रहित और ताजे फल-सब्जियों का सेवन करने के लिए ज्यादातर लोग हरि साग-सब्जियों की घर पर ही उगाना चाहते हैं लेकिन तरीका न मालूम होने की वजह और समय की कमी के कारण वे चुकंदर का पौधा नहीं उगा पाते हैं।
यदि आपको भी ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है तो अब नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि आज के इस लेख में आपकों बागबानी करने वाली स्वाति द्विवेदी से घर पर चुकंदर उगाने के बारे में विस्तृत जानकारी मिलेगी, जिसकी सहायता से आप रासायन रहित चुकंदर का सेवन का सकेंगे। आइए जानते हैं-
बचपन से ही बागबानी का शौक रखनेवाली 35 वर्षीय स्वाति द्विवेदी बेंगलुरु की रहनेवाली हैं। नौकरी करने के बाद भी उन्होंने अपने इस शौक को मरने नहीं दिया और बागबानी के शौक को पूरा करने के लिए उन्होंने अपने घर के बैकयार्ड में 200 से अधिक पौधे लगाए हैं। वह अपने इस शौक को यूट्यूब पर गार्डनिंग के वीडियोज बनाकर आगे बढ़ा रही हैं। इसी कड़ी में उन्होंने बाजार से खरीदे गए चुकंदर से बीज तैयार कर ऑर्गेनिक तरीके से घर पर चुकंदर उगाने (Grow Beetroot at home) की एक वीडियो बनाई है जिसमें चुकंदर उगाने के तरीके को विस्तार से बताया गया है।
चुकंदर से ऑर्गेनिक बीज बनाने के लिए आवश्यक सामग्री
- एक चुकंदर
- एक कटोरी
- पानी
- पॉटिंग मिक्स
- एक डिब्बा
बीज बनाने की विधि
सबसे पहले बाजार से खरीदे गए चुकंदर (Beetroot) की सूखी पत्तियों को हटाकर उसके ऊपरी हिस्से को काट लें। अब इस कटे हुए हिस्से को एक कम गहरी प्लेट या एक कटोरी में रखकर उसमें पानी डाल दें। इस बात का विशेष ध्यान रखे हैं कि ऊपरी हिस्सा पानी में डूबने न पाए वर्ना वह सड़ने लगेगा। अब इसे किसी ऐसी जगह पर रखें जहां सीढ़ी धूप न आती हो। 3 से 4 दिन बाद आप देखेंगे कि उसमें नई पत्तियां आनी शुरू हो गई है।
इसके साथ ही इस बात का ध्यान रहे कि हर तीसरे दिन बाद इसका पानी बदलते रहना है। उसके 15 दिन बाद आप देखेंगे कि पत्ते बड़े होने लगेंगे तब आप इसे गमले में पॉटिंग मिक्स के साथ रोप सकते हैं। इसे छाया में ही रखें। चुकंदर उगाने के लिए सर्दियों का सर्दियों का मौसम अच्छा होता है इसलिए आप चाहे तो बीज को स्टोर करके रख सकते हैं
पौधें की लगातार सिंचाई करते रहें। अगले तीन से चार महीने बाद इसमें फूल लगने शुरू हो जाएंगे। उसके बाद इसके फूल और तनों को काटकर छाया में सुखा लें, बस अब आपका बीज तैयार है।
गमले में चुकंदर उगाने की सरल विधि
यदि आप चाहें तो बाजार से भी चुकंदर के बीच खरीद कर ला सकते हैं। बीजों को गमले में लगाने के लिए नमी युक्त मिट्टी में 1 इंच की दूरी पर बीजों को डाल दें। अब इसके ऊपर मिट्टी डालकर थोड़ा दबा दे और पानी का छिड़काव करें। आप देखेंगे कि 24 दिनों के अंदर ही बीज अंकुरित होने लगेंगे। -Grow beetroot in pots easily at home
वीडियों देखें –
अब आप इस छोटे पौधें को बड़े गमले या अपने बगीचे में भी लगा सकते हैं। चुकंदर ( Beetroot) के पौधों को अधिक धूप की आवश्यकता नहीं होती है इसलिए इसे किसी ऐसी जगह पर लगाएं जहां 4 से 5 घंटे की ही धूप आती हो। इसमें सप्ताह में एक बार ही पानी डालें और घर पर बनी खादों का इस्तेमाल करें। जब पौधें बढ़ने शुरु हो जाएं उसके एक सप्ताह बाद ही उसमें खाद डालना शुरु कर दें। 3 माह के अंदर ही आपका तैयार हो जाएगा।