सीखने और कुछ नया करने की कोई उम्र नहीं होती। अल्विन टोफ्फ्लर ने भी कहा है, “भविष्य में वह अनपढ़ नहीं होगा जो पढ़ ना पाए. अनपढ़ वह होगा जो ये नहीं जानेगा की सीखा कैसे जाता है।” आज की हमारी कहानी एक ऐसी ही महिला की है जिन्हें अपने जीवन में नई-नई चीजें सीखने में बड़ा मजा आता है।
भारत (India) के विशाखापट्टनम (Visakhapatnam) में रहने वाली माधवी गुट्टिकोंदा (Madhavi Guttikonda) एक गृहिणी थी। अब वह Youtuber भी हैं। वह कहती हैं, बागवानी ऐसी चीज है जो उन्हें सबसे ज्यादा उत्साहित करती है। इसलिए उन्होंने अपने 1750 वर्ग फीट के दो तल के टैरेस गार्डन पर बागवानी शुरू की। सबसे पहले उन्होंने फूलों और सजावटी पौधों को लगाया। फिर घर के नवीनीकरण के बाद कुछ पत्तेदार साग और सब्जियां भी उगाने की कोशिश की। माधवी कहती हैं, पहली बार जब ख़ुद की फसल तैयार हुई तो इसने उन्हें अपने परिवार के लिए जैविक और ताजा भोजन उगाने के लिए प्रेरित किया।
ख़ुद तैयार करती हैं कीटनाशक
अब वह कई प्रकार की पत्तेदार सब्जियां उगाती हैं। जैसे- पालक, शर्बत, अमरनाथ, गाजर, मूली, बैंगन, भिंडी, ककड़ी इत्यादि। सब्जियों के साथ-साथ वह अपने छत पर फल, मसाले, जड़ी-बूटियां और फूल भी उगाती हैं। इन फल, फूल, सब्जियों को कीटों से बचाने के लिए माधवी ख़ुद की तैयार की गई जैविक कीटनाशकों का इस्तेमाल करती हैं। वह “जीवामृत” जैसे पारंपरिक भारतीय जैविक कीटनाशक तैयार करती हैं और उन्हीं का उपयोग करती हैं। इसके साथ ही वह कोरियाई प्राकृतिक खेती के तरीकों का भी पालन करती हैं।
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बागवानी से मिलती है अपार संतुष्टि, इसके लिए दूसरों को करती हैं प्रेरित
टेरेस गार्डनिंग (terrace gardening) में माधवी को कुछ दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा। उनके साथ मुख्य चुनौती थी- कंटेनर, पौधों, मिट्टी और बागवानी के लिए ज़रूरी उपकरणों को सीढ़ियों का उपयोग कर छत तक ले जाना। पर उन्होंने हार नहीं मानी और सफल बागवानी के लिए लगातार प्रयास करती रहीं। उन्हें अपने इस काम से अनुभव के साथ-साथ अपार संतुष्टि और खुशी भी मिलती है। उन्होंने अपने ज्ञान और अनुभव को दूसरों के साथ साझा करने के बारे में सोचा। इसलिए उन्होंने अपना YouTube चैनल बनाया। अपने इस चैनल के जरिए वह दूसरों को बागवानी करने के लिए प्रेरित करती हैं। उन्हें अपने YouTube फॉलोवर्स से उनका मार्गदर्शन करने के लिए बहुत प्यार भी मिलता है।
1000 से अधिक बागवानी प्रेमियों को मुफ्त में कई किस्म के बीज वितरित कर चुकी हैं
माधवी बीजों को अपने ‘सीड बैंक’ में एकत्र कर सही तरीके से सहेजती भी हैं। इतना ही नहीं बागवानी को प्रोत्साहित करने के लिए अपने सोशल मीडिया फॉलोवर्स को बीज बांटती भी हैं। पिछले कुछ वर्षों में, माधवी 1000 से अधिक बागवानी प्रेमियों को मुफ्त में 20 से अधिक किस्मों के बीज वितरित कर चुकी हैं। उनके सोशल मीडिया फॉलोवर्स इस कार्य के लिए उनका आभार भी व्यक्त करते हैं।
माधवी दूसरों से भी खुद का भोजन उगाना शुरू करने का आग्रह करती हैं। वह कहती हैं, अपने परिवार के लिए स्वयं के उगाए हुए जैविक और स्वादिष्ट सब्जियों को पकाएं और आनंद लें। साथ ही, अपने आस-पास वालों को भी अपना भोजन उगाने के लिए प्रेरित और मदद करें। The Logically माधवी गुट्टिकोंदा (Madhavi Guttikonda) को उनके कार्यों के लिए नमन करता है।