जमाना बदल रहा है। लोग खुश रहने के लिए कोई भी काम करने को तैयार हैं। आधुनिकीकरण तो बढ़ रहा है साथ ही महंगाई भी बढ़ रही है। बहुत से लोग गलतियों को करतें हैं और उसका दोषी किसी और को बनाते हैं। लेकिन आज की यह कहानी एक ऐसे कलेक्टर की है जिसने खुद को दोषी साबित किया और खुद पर जुर्माना भी लगाया।
कलेक्टर नीरज कुमार
नीरज कुमार (Neeraj Kumar) मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के राजगढ़ (Rajgarh) जिले में कलेक्टर के पद पर अपना पदभार संभाल रहे हैं। उन्होंने अपने ऊपर यह जुर्माना लगाया कि उनके जनता ने जो कार्य दिया था उस कार्य को वह ना कर पाए और ना हीं वह समस्या का निवारण नहीं कर पाए। समीक्षा के बैठक में उन्होनें 1 हजार 140 शिकायत दिखाई और उनपर उन्होंने 1 लाख 1300 से ज्यादा का जुर्माना तय किया। हर जुर्माने पर 100 लगा।
100 रुपये का जुर्माना
जितने शिकायत हैं उसमें एक शिकायत CM से रिलेटेड थी। जब उन्होंने देखा तो यह कलेक्टर स्वयं को दोषी साबित किए और 100 रुपये का जुर्माना लगाया। साथ हीं उन्होंने उन अधिकारियों के खिलाफ भी सख्ती पेश किया जिन्होंने कार्य मे लापरवाही दिखाया था।
किया अधिकारी को सस्पेंड का ऑर्डर
उन्होंने कुछ अधिकारियों को सस्पेंड का भी ऑर्डर किया। वह अधिकार क्षेत्रीय पशु चिकित्सा पिपलिया, छापीहेड़ा, कलंक MS मंसूरी एवं PS दांगी के लिए यह ऑर्डर दिया। इसके साथ उन्होंने प्रधानमंत्री सड़क योजना के ऑफिसर को नोटिस भेजा और एक बैठक बुलवाई जिसमें तहसीलदार को मौजूद कर उन्हें भी नोटिस भेजा।
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एक मीडिया से संवाद के दौरान उन्होंने बताया कि CM हेल्पलाइन नंबर में डिस्ट्रिक्ट के सभी ऑफिसर होते हैं। इस नम्बर पर जो भी शिकायतें आतीं हैं वह प्रतिवेदन निश्चित वक्त पर अधिकार को दर्ज करना चाहिए। इसके लिए मैन अधिकारियों को 60 दिन पहले ही सूचित कर दिया था। लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया गया।
जिस तरह नीरज ने खुद को दोषी मानकर जुर्माना लगाया। उससे यह साबित किया कि दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं जो अपनी गलती स्वीकार कर गलती का प्रयाश्चित करते हैं। The Logically कलेक्टर नीरज को सलाम करता है।