किसी ने सही हीं कहा है कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती है। हमलोगों ने ऐसा अनेकों उदाहरण देखें होंगे जिससे यह कहावत चरितार्थ होता है। आज हम बात करेंगे एक ऐसे हीं शख्स की, जिसने इस कहवात को सही साबित करके पूरे समाज के सामने अपने संघर्ष को लोहा साबित किया है।
तो आइए जानते हैं उस शख्स से जुड़ी सभी जानकारियां :-
कौन है वह शख्स?
हम बात कर रहे हैं गुजरात (Gujarat) के मेहसाणा के एक छोटे से गांव के रहने वाले मगन भाई नकुम (Magan Bhai Nakum) की, जो कि एक एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनके पत्नी का नाम जमुना बेन है। इन दोनों के अलावे उनके परिवार में तीन भाई तथा भाईयों का परिवार भी है। वर्ष 2005 में मगन भाई नकुम तथा उनके तीन भाईयों ने कारोबार के तलाश में गांव छोड़ सुरत जाना पसंद किया।
शुरु किया डायमण्ड का कारोबार
वहाँ तीनों भाई मिलकर डायमंड फैक्ट्री में पहले काम किया करते थे। इसके बाद धीरे-धीरे उन्होंने खुद का बिज़नेस शुरू कर दिया। इस बीच उन्हें हमेशा खेती तथा पशु पालन का ही ख्याल रहता था। उनके दिमाग में हमेशा से कोई न कोई फायदे वाला बिज़नेस का ख्याल आते रहता था।
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लॉकडाउन में शुरु किए डेयरी बिज़नेस
आज से पाँच साल पहले मगन भाई नकुम ने अपने पत्नी से काफी राय विमर्श करने के बाद पार्ट टाइम काम करने के लिए 9 बीघा जमीन तथा दो गाय खरीदें। उस समय उनका पूरा ध्यान हीरा के कारोबार पर हीं था। क्योंकि, साल 2020 तक डायमंड बिज़नेस से उन्हें अच्छा मुनाफा भी हो रहा था। लेकिन कोरोना के कारण देश में लगी लॉकडाउन का असर उनके बिजनेस पर हुआ। जिसके कारण उन्होंने डेयरी से जुड़ने का फैसला किया फिर धीरे-धीरे और भी गाय खरीदे।
अब इनके पत्नी तथा तीनों भाईयों को भी गायों की सेवा में लगना पड़ा। कुल मिलाकर उन्होंने काफी मशक्कत की और इसके बाद 2020 में लॉकडाउन के समय तक अपनी गायों की संख्या 80 पूरा कर ली। इसके बाद उन्होंने पूरी तरीके से डेयरी का काम शुरु कर दिया, जिससे उन्हें काफी मुनाफा होने लगी।
दूध, जैविक खाद तथा गौ मूत्र भी बेचने का करते हैं काम
मगन भाई के यहां रोजाना 150 ग्राहक गाय का दूध लेने के लिए आते हैं और लीटर के हिसाब से दुध 90 रुपये में दिया जाता हैं। और साथ हीं पूरा परिवार साथ मिलकर देसी गाय का घी भी तैयार करता है, जिसे वे 1800 रुपये किलो बेचते हैं। उनके घर पर ही पनीर और पेड़ा सहित कई और प्रोडक्ट्स भी तैयार किए जाते हैं।
इसके अलावें इनके यहां गाय के गोबर से महीने के 200 बैग्स जैविक खाद बनाकर बेचा जाता है और एक बैग जैविक खाद की कीमत 250 रुपये है। साथ हीं जैविक खेती के लिए वे किसानों को गौमूत्र भी बेचते हैं।
अब कमाते हैं लाखों रूपये
आज के समय में अपने मेहनत और संघर्ष के बदौलत सफलता हासिल करते हुए पैसा कमाने वाले गुजरात के मगन भाई नकुक ने अच्छी-खासी आमदनी की है। पिछले साल अपनी कड़ी मेहनत से नकुम परिवार ने इस डेयरी से 25 लाख का शुद्ध मुनाफा कमाया है। इस तरह उन्होंने अपनी डेयरी को चलाने में सफलता की सीढ़ी चढ़ी है।
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कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
कोशिश करने वालों को सफलता जरुर मिलतीं है। वे और उनका परिवार सुबह तीन बजे से शाम सात बजे मिल-जुलकर काम करते हैं और करीब नौ बजे सो भी जाते हैं।
वे (Magan Bhai Nakum) बताते हैं कि, हमारे सभी ग्राहक भी हमसे खुश हैं और मेरा पूरा परिवार साथ है, इससे ज्यादा सफलता और क्या हो सकती हैं? कोरोना में कई लोगों के काम बंद हो गए, ऐसे सभी लोगों को मैं कहना चाहता हूँ कि कड़ी मेहनत से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। कोशिश कभी नहीं छोड़नी चाहिए।
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