मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और शिक्षा के बिना धरती पर जीना इसके लिए जानवरों के समान है। शिक्षा के माध्यम से ही उज्ज्वल भविष्य की कामना की जा सकती है। अब बात ये उत्पन्न होती है, शिक्षा प्राप्त कहां से हो? शुरुआती दौर में शिक्षा माता-पिता और परिवार के सदस्यों से प्राप्त होती है। आगे शिक्षक जो स्कूल, कॉलेज, विश्वविधालय में शिक्षा प्रदान कराते हैं। साथ हीं सबसे ज़रूरी है, सेल्फ स्टडी। अगर किसी बच्चे या बड़े में ख़ुद कुछ करने की चाह नहीं है तो वह शिक्षा प्राप्त नहीं कर पायेगा। आज की हमारी यह कहानी एक सरकारी शिक्षिका ‘ममता मिश्रा’ की है जिन्होनें अपने लगन से अपने स्कूल के प्रत्येक बच्चे को शिक्षा की बेहतरीन तालिम प्रदान की है।
ज़्यादातर देखा जाये तो सरकारी स्कूल की शिक्षा बस नाम की रह गई है। शिक्षकों को अब सिर्फ अपनी सैलरी से मतलब रह गया है। लेकिन ममता ने जो शिक्षा अपने सरकारी स्कूल के बच्चों को दी है, वह सभी सरकारी शिक्षकों के लिए मिसाल बन गई।
ममता का परिचय
ममता मिश्रा (Mamta Mishra) उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) प्रयागराज (Prayagraj) की निवासी हैं और वहीं एक स्कूल में शिक्षिका के तौर पर कार्यरत हैं। उन्होंने वहां के स्कूल को प्राइवेट स्कूल जैसा बना रखा है। उस स्कूल के बच्चों को वह “दीक्षा एप” के मदद से पढ़ाती हैं। हमारे प्रधानंत्री “नरेंद्र मोदी” ने उनकी तारीफ़ “मन की बात” में की। साथ ही ममता को उन्होंने प्रोत्साहन पत्र भी लिख कर दिया है।
ममता की स्कूलिंग
ममता (Mamta) ने शुरुआती शिक्षा “केंद्रीय स्कूल” से सम्पन्न की और आगे की पढ़ाई कानपुर के “छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय” से पूरी की। उन्होंने अपनी मां से शिक्षिका बनने की प्रेरणा ली है। उनकी मां भी एक शिक्षिका हैं। ममता उन बच्चों पर ज़्यादा ध्यान देती हैं जिनके माता-पिता बच्चों को पढ़ाना नहीं चाहते।
स्कूल में पढ़ाई के अलावा खेल और स्मार्ट क्लासेज भी है
ममता ने अपने स्कूल को नायाब तरीके से तैयार किया है। ममता गरीब बच्चों को पढ़ाने से पहले उनके माता-पिता को शिक्षा के बारे में बताती है। ममता ने अपने स्कूल में पढ़ाई के अलावा बच्चों के लिए खेल के साथ नई-नई वस्तुओं का निर्माण भी कराई है। इन्होंने स्मार्ट क्लास की मदद से बच्चों को इनोवेटिव एजुकेशन के बारे में बताया है। इन बच्चों को बैठने और पढ़ाने के लिए ममता ने डेस्क व बेंच, प्रोजेक्टर टैबलेट, मोबाइल यह सारी चीजें अपनी ख़ुद की तनख्वाह से खरीदी है। इन सब अच्छाइयों और शिक्षा के कारण प्रधानमंत्री को उनका स्कूल बेहद पसंद आया ।
ममता का YouTube चैनल भी है
ममता का मानना है कि प्रधानमंत्री के “डिजिटल इंडिया” वाले सपने को साकार करने की ज़रूरत है। इसलिए हम बच्चों को ऑडियो-विडियो तकनीक, कंप्यूटर साइंस, अंतरिक्ष व सामरिक अध्ययन करा रहीं हैं और उनका प्रयास है कि वह उन बच्चों को बेहतर शिक्षा दे पाएं। शायद वह इसमें सफल भी हो रही है। ममता ने बच्चों को ऑनलन क्लास देने के लिए यूट्यूब चैनल भी बनाया है जो Mamta Ankit नाम से है।
एक गवर्नमेंट शिक्षिका होने के बावजूद उन्होंने अपने स्कूल को जिस तरह से तैयार किया है, वह सराहनीय है इसके लिए The Logically ममता को शत-शत नमन करता है और उम्मीद करता है की हमारे समाज में ममता से प्रेरणा लेकर और भी शिक्षक बच्चों का भविष्य संवारेंगे।