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इस बदंर ने कुत्ते के बच्चे को गोद ले लिया, उसे आवारा कुत्तों से बचाने के साथ ही एक माता-पिता जैसा पाल रहा है

अक्सर जब हम जानवरों को देखते हैं तो हम सोचते हैं कि क्या जानवरों में फीलिंग्स होती हैं? क्या जानवरों को अपनी संतानों या प्रजातियों से प्यार होता है? जानवरों को कभी किसी से भी लगाव होता है या नहीं।

इन सारे सवालों के जवाब के लिए आपको एक बार ये आर्टिकल जरूर पढ़ना चाहिए। हम आज आपके सामने एक ऐसी घटना ले कर आये हैं जो जानवरों में मानवता को दर्शाता है।

Monkey adopts puppy

ये घटना भारत की है जहां एक बंदर ने एक कुत्ते के बच्चे को बचाने के लिए अपना पूरा एफर्ट लगा देता है। लेकिन फिर वही सवाल एक जानवर दूसरे जानवर के बच्चों से प्यार कर सकता है या नहीं यानी एक अलग प्रजाति से? यह एक ऐसी मानसिकता है जिसके बारे में हमें सोचने की जरूरत है। बहुत कम संभावनाएं होती हैं कि वे उन्हें पसंद करे।

एक बंदर ने कुछ ऐसा किया जो लगभग अकल्पनीय था। एक रीसस मकाक प्रजाति के बंदर ने सड़क पर एक छोटे से कुत्ते के बच्चे को अकेला देखकर तुरंत उसे अपना लिया। वो भी एक मां की तरह। यहां तक कि वो उसके लिए अन्य आवारा कुत्तों से भी लड़ रही थी। ये देखकर किसी ने उनके करीब आने की हिम्मत नहीं की।

इस अद्भुत दृश्य को देखकर स्थानीय लोग आश्चर्य के साथ ही बहुत खुश थे। एक दूसरे के लिए उनका स्नेह लगभग एक माँ और बच्चे की तरह था। ये दृश्य वहां मौजूद लोगों के दिल को पिघला देता है।

स्थानीय लोगों ने बंदर और कुत्ते के बच्चे के लिए आस-पास भोजन रखना शुरू कर दिया। तब लोग और हैरान थे जब बंदर ने कुत्ते के बच्चे को पहले खाने दिया।

यह वास्तव में हमें प्यार की मौलिकता को समझाता है। हमें वास्तव में इस बंदर-बच्चे के बीच के बॉन्ड से रिश्तों के बारे में सीख लेने की जरूरत है।

नेहा श्रीवास्तव गोरखपुर की रहने वाली हैं जिन्होंने अपनी एकेडमिक शिक्षा के बाद पत्रकारिता के तरफ अपना रुख किया। मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई करने के बाद नेहा ने देश के कुछ प्रतिष्टित मीडिया संस्थानों के साथ काम किया और अब The Logically के साथ सकारात्मक खबरों पर अपनी हुनर आजमा रही हैं। नेहा फिलहाल देश की राजधानी दिल्ली में रहती हैं और देश दुनिया मे होने वाले सकारात्मक पहलुओं पर नज़र रखते हुए Social Heroes की कहानियां लिखती हैं।

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