Sunday, December 10, 2023

वन लेग डांसर रेखा : हादसे में गवां दिया एक पैर लेकिन नहीं मानी हार, हौसलें से खुद लिख रही अपनी किस्मत

“उड़ान तो भरना है, चाहे कई बार गिरना पड़े।
सपनों को पुरा करना है, चाहे खुद से भी लड़ना पड़े।”

कई बार ऐसा होता है हमारे साथ कोई हादसा या कोई सपना टूट जाए तो हमारा आत्मविश्वास भी टूट कर बिखर जाता है और किस्मत को दोषी ठहराया जाता है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो बिना तकदीर को दोषी ठहराए सामने आ रही तमाम मुश्किलों का सामना करते हैं, उनसे लड़ते हैं और अपनी किस्मत खुद लिखते हैं।

आज की हमारी यह कहानी एक ऐसी ही लड़की की है जिसने एक दुर्घटना में अपने पैर गवां दिए, लेकिन अपने हिम्मत को टूटने नहीं दिया और आज वह अपनी मंजिल की तरफ आगे बढ़ रही है। आइए जानते हैं प्रेरणा की मिसाल पेश करने वाली उस लड़की के बारे में-

कौन है वह लड़की

दरअसल हम बात कर रहे हैं रेखा मिश्रा (Rekha Mishra) की, जो पिछड़े राज्य में गिने जाने वाले झारखंड (Jharkhand) के धनबाद जिले के बलियापुर मुख्यालय से 9 किमी दूर स्थित वीरसिंहपुर पंचायत की रहनेवाली हैं। उनके पिता का नाम कृष्णा मिश्रा है।

Motivational story of One leg dancer rekha mishra jharkhand

11 साल की उम्र में खोया एक पैर

कृष्णा मिश्रा बताते हैं कि उनकी बेटी रेखा को डांस का बहुत शौक था, लेकिन एक हादसे में 11 वर्ष की उम्र में उसे अपना एक पैर खोना पड़ा। वह कहते हैं कि, उनकी इच्छा थी बेटी शिक्षा के साथ-साथ अपने हुनर को भी आगे बढ़ाएं लेकिन रेखा के साथ हुए उस हादसे ने सबकुछ बदल दिया।

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घटना तब की है जब…

यह घटना तब की है, जब वर्ष 2014 में रेखा पश्चिम बंगाल के एक गांव में मेला देखने के लिए गई थी। उस समय वहां से वापस लौटने के दौरान सड़क हादसा हुआ जिसमें कई लोगों को चोटें आईं। हालांकि, सभी के जख्म तो भर गए लेकिन डॉक्टर को रेखा की जिंदगी बचाने के लिए उसके एक पैर को काटना पड़ा।

कृष्णा कहते हैं कि इस बात की जानकारी जब रेखा को हुई तो वह फूट-फूटकर रोई, उसे यह भरोसा करना मुश्किल था कि एक पैर के सहारे भी जीवन है। परिवार के सभी लोग भी हिम्मत हार चुके थे।

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धीरे-धीरे लौटने लगा इंटरेस्ट

रेखा के एक पैर की जगह बैसाखी ने ले ली, वह अप्ने दोस्तों के सहारे विद्यालय जाती, पढाई करती लेकिन घर आने के बाद वह निराश हो जाती है। ऐसे में उसका मन बहलाने के लिए घरवाले टीवी देखने, म्युजिक सुनने के लिए कहते। आहिस्ते-आहिस्ते रेखा वापस अपने जीवन लौटने लगी।

रेखा वैसे लोगों की स्पीच सुनती, वीडियों देखती जिन्होंने मुश्किल समय का सामना करके खुद को हौसलें की उड़ान दी। वर्तमान में रेखा SSLNT धनबाद में हॉस्टल में रहाकर B.Sc. की शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। उन्होंने सोशल मीडिया और टीवी पर डांस वीडियो से डांस करना सीखा।

लोग देखते थे दया की निगाह से

बीरसिंहपुर उत्क्रमित विद्यालय के शिक्षक अजीत मांझी ने रेखा की काफी मदद की। वह कहते हैं कि रेखा डांस की शौकीन थी और उन्होंने स्कूल के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए कहा। रेखा के डांस की शुरुआत स्कूल के छोटे-मोटे कार्यक्रमों में डांस परफोर्मेंस से हुई। शुरु में लोग उन्हें दया की निगाह से देखते थे लेकिन समय के साथ रेखा में विश्वास बढ़ने लगा और वे दिन-ब-दिन बेहतर करती गईं।

वीडियों देखें:-

बिखेरा सोशल मीडिया पर अपना जलवा

रेखा के दोस्तों ने उसके डांस के छोटे-छोटे वीडियोज बनाकर उन्हें फेसबुक, इंस्टाग्राम पर रील के तौर पर अपलोड करना शुरु किया और धीरे-धीरे फॉलोवर्स की सन्खा बढ़ने लगी। उसके बाद रेखा ने खुद का यूट्यूब चैनल शुरु किया। उनके डांस वीडियोज लोगो को काफी पसंद आ रहा है और हजारों की संख्या मे लाइक्स भी मिल रहे।

रेखा की कहानी यह शिक्षा देती है कि जीवन मे कितनी भी कठिनाइयां आ जाएं, हमें अपनी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए और अपने हौसलें को एक नई उड़ान देनी चाहिए।

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