Tuesday, December 12, 2023

एक ऐसे डॉक्टर जो 15 वर्षो से 500 बुजुर्गों को भोजन के साथ उनकी सेवा भी करते हैं: महान कार्य

डॉक्टर को भगवान का रूप माना जाता है क्योंकि वह इन्सान को दूसरा जीवन प्रदान करता है। आमतौर पर आप डॉक्टर को उसके क्लिनिक या हॉस्पिटल में रोगियों का इलाज करते देखते हैं। ऐसे में यदि आपसे कहा जाए कि कोई डॉक्टर मरीजों का इलाज करने के साथ-साथ बेसहारा बुजुर्गों का पेट भी भरता है तो शायद यकीन नहीं होगा, क्योंकि एक डॉक्टर का जीवन काफी व्य्स्तता पूर्ण होता है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे डॉक्टर के बारें में बताने जा रहे हैं जो मरीजों का इलाज करने के साथ वैसे लोगों को भोजन कराते हैं जो अपने बच्चों द्वारा अलग कर दिए गए हों या किसी अन्य कारणों से अलग हो गए हों।

कौन हैं वह डॉक्टर?

दरअसल, हम बात कर रहे हैं डॉक्टर उदय मोदी (Dr. Uday Modi) की, जो गुजरात के रहनेवाले हैं लेकिन मुंबई (Mumbai) में रहते हैं और खुद का क्लिनिक चलाते हैं। एक डॉक्टर होने के अलावा वह समाज सेवा में भी अपना अहम सहयोग देते हैं। लगभग बीते 15 वर्षों से डॉ उदय मुम्बई के Mira Road Bhaynder इलाके में बेसहारा और जरुरतमंदों बूढ़ें लोगों को मुफ्त में भोजन मुहैया कराते हैं। बता दें कि, उन्होंने अपने इस सेवा को “Shravan Tiffin Service” नामक एक संगठन के तौर पर स्थापित कर दिया है।

कैसे हुई इस नेक काम की शुरूआत?

हर काम के पीछे एक वजह होती है। Shravan Tiffin Service शुरु करने के पीछे भी डॉ उदय का एक कारण था। वह बताते हैं कि एक बार की बात है वह अपने क्लिनिक में मरीजों का इलाज कर रहे थे उसी दौरान उनके क्लीनिक में एक बुजुर्ग आदमी जकार रोने लगा। उनके द्वारा कारण पूछने पर वह बुजुर्ग कहने लगा कि उसके तीन बेटे हैं, पत्नी को पैरालाइसिस की बिमारी हो गई है। इसके अलावा खुद के पास इतने पैसे नहीं है जिससे वे बाहर से खाना खरीद सकें या घर पर खुद से बना सकते हैं।

आप समझ सकते हैं कि तीन बेटा होने के बावजूद भी माता-पिता को दो वक्त खाना न मिलना कितना कष्टपूर्ण जीवन है। बुजुर्ग की बातों ने डॉ उदय को अंदर तक झकझोर के रख दिया और तभी उन्होंने फैसला किया कि चाहे कुछ भी हो जाएं वे बेसहारा बुजुर्ग लोगों का पेट भरेंगे। इसी सोच के साथ उन्होंने “Shravan Tiffin Service” की नींव डाली, जिससे आज हर दिन 500 बुजुर्गों को खाना मिलता है।

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बुजुर्गों से बात करके उनकी दुखभरी कहानी भी सुनते हैं डॉ मोदी

जरुरतमंद बेसहारा बुजुर्गों तक खाना पहुंचाने के साथ ही डॉ उदय उनसे बातचीत करते हैं और उनकी तकलीफें भी सुनते हैं। डॉ मोदी के अनुसार, कई बुजुर्ग लोग अपनी दुखभरी कहानी सुनाते हुए कहते हैं कि, एक समय उनका भी परिवार था। दिन रात एक करके माता-पिता अपने बच्चों को पाल-पोष कर बड़ा करते हैं, पढ़ा-लिखाकर काबिल बनाते हैं और फिर धीरे-धीरे शादी के बाद अलग-अलग रहने लग जाते हैं। उसके बाद कभी-कभार आकर हमें देख जाते थे लेकिन धीरे-धीरे वह भी बन्द हो गया। इन सबमें सबसे कष्ट वाली बात यह थी कि, जिस बच्चे को बड़ा किया वही बच्चा पेट भरने के लिए दो वक्त का भोजन भी नहीं देता है।

डॉ मोदी कहते हैं, कोई बेटा अपने माता-पिता को भोजन का एक निवाला भी नहीं देता, ये बात आजतक उन्हें समझ नहीं आई कि आखिर लोग ऐसा करते कैसे हैं। Mumbai doctor Uday Modi gives free food daily to destitute elderly

पत्नी का सुझाव आया काम

हालांकि, समाज सेवा का यह क्षेत्र काफी बड़ी जिम्मेदारी थी लेकिन इस नेक काम में उनकी पत्नी ने उनका पूरा साथ दिया। चूँकि, समाज में बुजुगों की यह कहानी सिर्फ एक बुजुर्ग की ही नहीं बल्कि कईयों की है। ऐसे में उनकी पत्नी ने बेसहारा बुजुर्गों तक पहुंचने और उनकी मदद करने के लिए अखबार और नोटिस के जरिए का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया।

डॉ मोदी को पत्नी द्वारा दी गई सलाह अच्छी लगी और उन्होंने दिवारों पर नोटिस लगवाने के साथ-साथ अखबारों में पैम्प्लेट्स भी दिए, जिसमें लिखा कि यदि किसी भी आदमी को बेसहरा बुजुर्गों के बारें में पता हो तो उनसे सम्पर्क करें। इस प्रकार लोग इससे जुड़ते गए और डॉ मोदी आज एक बड़ी संख्या में बुजुर्ग लोगों की सेवा कर रहे हैं। Mumbai doctor Uday Modi gives free food daily to destitute elderly.

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लगभग हर महीने आता है 3 लाख रुपये का खर्च

महंगाई के इस दौर में रोजाना भारी संख्या में भोजन तैयार करने में आनेवाले लगात की बात करें तो, महीने में प्रत्येक टिफिन सर्विस के लिए 1500 रुपये का खर्च आता है। वहीं यदि इस काम में कुल खर्च की बात करें तो डॉ उदय प्रति माह लगभग 3 लाख रुपये की बड़ी रकम खर्च करते हैं। इस सेवा में दो लोग खाना बनाने का काम करते हैं जबकी 20 लोग ऐसे हैं जो मुफ्त में सभी बेसहारा बुजुर्गों तक टिफिन पहुंचाते हैं। इसके अलावा डॉ मोदी के इस नेक कार्य में उनकी पत्नी और बच्चे भी उनकी मदद करते हैं।

खुद खाना चखते हैं डॉ उदय

बुजुर्गों को टिफिन में दिए जाने वाले खाने में पहले 8 रोटी, सब्जी और दाल दी जाती थी लेकिन अब उन्हें कस्टमाइज भोजन दिया जाता है, ताकि उनकी सेहत ठीक रहें। इसके अलावा जब टिफिन का खाना बनकर तैयार हो जाता है तो डॉ मोदी उसे चखते हैं उसके बाद वह खाना पैक होकर अपने गंतव्य तक पहुंचता है। Mumbai doctor Uday Modi gives free food daily to destitute elderly