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सरकारी नौकरी छोड़ आर्गेनिक फार्मिंग शुरू की, आज ‘नबनिता दास’ घर रहकर लाखों रुपये हर महीने कमाती हैं

अब हमारे समाज की महिलाएं किसी भी मामले में पुरूषो से थोड़ा भी कम नहीं है, चाहे वो पढ़ाई का मामला हो या नौकरी-पेशा का। लगभग सभी क्षेत्रों में महिलाओं ने अपना परचम लहराते हुए समाज में अपना मान बढ़ाने का काम किया है।

आज हम बात करेंगे एक ऐसी हीं महिला की, जिन्होंने अपने मेहनत और संघर्ष के बदौलत सफलता हासिल करते हुए खेती के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धी हासिल की है।

कौन है वह महिला?

हम नबनीता दास (Nabnita Das) की बात कर रहे हैं, जो मूल रूप से असम (Assam) के जोरहाट जिले की रहने वाली हैं। वे एक किसान परिवार से ताल्लुक रखती है। सहायक नर्स के रूप में ट्रेनिंग करने के बाद वे सरकारी नर्स के रुप में कार्यरत थी। इसके साथ हीं साथ किसान परिवार से ताल्लुक रखने के कारण उन्हें शुरु से हीं अपने मिट्टी और खेती से बेहद लगाव रहा है।

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नर्स की नौकरी छोड़ की जैविक खेती

वर्ष 2010 में नबनिता दास (Nabnita Das) नर्स के रूप में सरकारी अस्पताल में काम करती थीं। अक्सर अपनी ड्यूटी पर आते जाते वह लहलहाते हरे खेतों को देखती थी, जिसकी हरियाली उन्हें हमेशा खेती के तरफ आकर्षित करते थे। आखिरकार उन्होंने 2010 में अपनी नर्सिंग की नौकरी छोड़कर जैविक खेती करना शुरू कर दिया।

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जैविक खेती के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन

नर्स की नौकरी छोड़ने के बाद नबनीता ने पूरे मन से जैविक खेती शुरू कर दी। उनकी मेहनत ने ऐसा रंग दिखाया कि अब वह अपने क्षेत्र की एक प्रतिष्ठित प्रगतिशील किसान के रुप में उभरी चुकी है। उनके खेतों में पारंपरिक फसलों से लेकर तरह-तरह के फूल भी उगाए जाते हैं। पारंपरिक फसलों में धान के अलावा, फल, सब्जी, दलहन और तिलहन की फसलों की खेती हो रही है। इसके साथ ही वह एक ऑर्गेनिक फार्म की मालिक भी हैं।

जैविक खेती के साथ पशु पालन भी करती है

आज नबनीता (Nabnita Das) के खेत को छोटे कृषि केंद्र के नाम से जाना जाता है। वे अपने खेतो में फूलों की भी खेती करती हैं। इसके अलावा अपने खेतो में कई तरह की सब्जियाँ, फल, धन, तिलहन जैसी कई फसलों को उगाती हैं तथा इसके साथ साथ न पशुपालन भी करती है।

कृषि क्षेत्र में नबनिता ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है तथा साथ ही साथ नारी सशक्तिकरण की मिसाल को भी पेश किया है। आज अपने इस काम से नबनीता अच्छा खासा मुनाफा भी कमा रही हैं।

कई पुरस्कारों से हो चुकी हैं सम्मानित

नबनीता दास (Nabnita Das) ने जैविक खेती के साथ हीं साथ पशुपालन भी किया है। उनके फार्म में मुर्गियों की बहुत सी नस्लें है, इसके साथ अन्य तरह की पशु-पक्षी के भी कई नस्ले है। कृषि के क्षेत्र में योगदान देने के लिए नबनीता दास (Nabnita Das) को राज्य सरकार की तरफ से कई पुरस्कारों से सम्मानित भी किया जा चुका है।

लोगों के लिए बनी प्रेरणा

नबनीता दास (Nabnita Das) अपने कार्यो से आज कई किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बन गई हैं। उन्होंने एक महिला होने के बावजूद भी काफी संघर्ष और मेहनत किया है, जिसके बदौलत उन्होंने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए अपना नाम रौशन किया है।

निधि बिहार की रहने वाली हैं, जो अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अभी बतौर शिक्षिका काम करती हैं। शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने के साथ ही निधि को लिखने का शौक है, और वह समाजिक मुद्दों पर अपनी विचार लिखती हैं।

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