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न्यूयॉर्क छोड़ गांव लौटे कपल, अब आर्गेनिक फसलों की खेती कर एक उदाहरण पेश कर रहे हैं: Organic Farming

आपने गांव से रोजगार के लिए लोगो को शहर का रुख करते हुए देखा होगा लेकिन बहुत कम लोग ऐसे देखने को मिलते है जो शहर का हाई-प्रोफाइल ज़िन्दगी को छोड़ कर गांवो में अपना रोजगार स्थापित कर साधारण सा जिंदगी जीना पसंद करते हैं। इन्ही लोगो मे एक ऐसा जोड़ा देखने को मिला है ,जिन्होंने “न्यू यॉर्क” को छोड़ अपने गांव में जैविक खेती की शुरुआत की है।

Oganic farming by couple



‌कौन है ये दम्पति :-

‌एक ऐसे दंपति जिन्होंने शहर की जिंदगी को छोड़ कर गांव में अपना जीवन बसर करना शुरू किया और जैविक खेती कर उन लोगो के लिए मिसाल बने हुए है, जिनको ऐसा लगता है कि शहरों में ही रोजगार मिल सकता है। उन हसीन दंपति का नाम अंजलि रुद्राराजु (Anjali rudraraju और कबीर करियप्पा (kabir cariappa) है। कबीर करियप्पा का बचपन गांवो में गुजरा जबकि अंजलि रुद्राराजु शहर में ही पली-बढ़ी है। कबीर के माता-पिता जुली और विवेक करियप्पा(Juli and vivek cariappa) गांवो में तीन दशक से जैविक खेती कर रहे है, जिसके कारण कबीर को पहले से ही खेती के बारे में जानकारी थी, लेकिन अंजलि ने हैदराबाद से प्रबंधन की पढ़ाई करने के बाद न्यू यॉर्क में फाइनेंसियल सर्विस में काम किया। कुछ सालों तक वहां जॉब करने के बाद अंजलि भारत लौट आई तथा कुछ महीनों बाद उसकी शादी कबीर करियप्पा से हो गई। कबीर का परिवार पहले से ही जैविक खेती कर रहा था लेकिन अंजलि को जैविक खेती के बारे में पहले से कोई अनुभव नही था फिर भी उन्होंने परिवार के साथ दिया और धीरे-धीरे उनको जैविक खेती की अच्छी जानकारी हो गई तब इन्होंने परिवार का पूरा साथ दिया और जैविक खेती की शुरुआत एक छोटे से जमीन पर की।

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‌इन जोड़ो ने गांव के लोगो को सिखाई जैविक खेती :-

‌इन जोड़ो ने गांव के किसानों की मदद भी की। इन्होंने गांव के किसानों को जैविक खेती करना सिखाया तथा लोगो को काम भी दिया। इन्होंने 50 एकड़ की जमीन पर 7 लोगो की मदद से जैविक खेती की। इन्होंने एक फार्म हाउस बनवाया जो कर्नाटक राज्य के मैसूर शहर के नजदीक कोटे तालुका के हलासुरु गांव में स्थित है, इस फार्म हाउस का नाम यररोवे फार्म(Yarroway farm) है।


‌बाजार में है इनकी सब्जियों की डिमांड :-

‌यह दंपति अपने 50 एकड़ की जमीन पर कुछ अनाजों तथा सब्जियों की खेती भी करते हैं। यह जैविक तरीको से अनाज उगाते है। कपास,चावल,गन्ना, गेंहू , मूंगफली, सरसो, ज्वार-बाजरा जैसे कई अनाज इनके खेतो में देखने को मिलेंगे तथा साथ मे मसाले तथा दाल की भी जैविक तरीको से उपज करते है। इन अनाजों तथा सब्जियों को मैसूर और बैंगलोर के बाजार में बेचते भी है और बाज़ारो में इनकी फलों तथा सब्जियों की बहुत अच्छी डिमांड है।


‌इस दम्पत्ति को देखकर आज लोगो के मन मे एक प्रेरणा जागृत होती है कि कोई भी काम आप लगन तथा निष्ठा से करोगे तो सफलता जरूर मिलेगी। आज अंजलि (Anjali) और कबीर (Kabeer) उन सबके लिए मार्गदर्शक है जिनको ऐसा लगता है कि शहर में ही रोजगार है।





निधि बिहार की रहने वाली हैं, जो अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अभी बतौर शिक्षिका काम करती हैं। शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने के साथ ही निधि को लिखने का शौक है, और वह समाजिक मुद्दों पर अपनी विचार लिखती हैं।

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