हमारे डेली रूटीन में शहद की एक अलग हीं भूमिका है। कुछ लोगों के दिन की शुरुआत गरम पानी मे शहद डालकर पीने से होती है तो कुछ लोगों के चाय में शहद डालकर पीने से। गर्मी के मौसम में लोग ठंडे निम्बू पानी में भी डालकर इसे पीते हैं। परन्तु इसका लाभ हमें तब ही मिलेगा जब हमारा शहद शुद्ध हो। हालांकि अब तो बहुत सी कम्पनियां आ चुकी हैं जो शहद का निर्माण कर रही हैं परन्तु ये आवश्यक नहीं है कि वह शहद शुद्ध हो।
आज की हमारी यह कहानी एक ऐसे शख्स की है जो शहद के व्यवसाय से लाखों रुपए कमा रहें हैं। इस व्यवसाय से उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला है और वह ऑर्गेनिक शहद का निर्माण कर रहें हैं।
निमित सिंह जैविक शहद का करते हैं व्यवसाय
वह शख्स हैं निमित सिंह (Nimit Singh) जो 30 वर्ष के हैं और वह मधुमक्खी पालन कर रहे हैं। वह बताते हैं कि मेरे पास शहद के विभिन्न टेस्ट की लंबी श्रेणी है । उनका स्वयं का शहद का ब्रांड उत्तरप्रदेश में है जो मधुमक्खीवाला है। इस ब्रांड के तहत आप विभिन्न प्रकार के शहद के टेस्ट पा सकते हैं। उनका ये ब्रांड काफी प्रसिद्ध है क्योंकि वह जैविक शहद का निर्माण करते हैं। उनका शहद में कोई केमिकल नहीं मिला होता है जिससे इसकी बिक्री भी अधिक होती है। -Bee Keeping By Nimit Singh From Uttar Pradesh and brand name is madhumakakhiwala
कर चुके हैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई
निमित सिंह (Nimit Singh) ने इंजीनियरिंग की शिक्षा ग्रहण की है परन्तु वह टाइमटेबल वाली नौकरी नहीं करना चाहते थे। उनकी ख़्वाहिश थी कि वह नए सिरे से कोई कार्य करें। अब उनका ध्यान स्वयं का व्यवसाय शुरू करने का था। उन्होंने बताया कि मेरे पिता आर्मी से सेनानिवृत हो चुके हैं परन्तु जब पंजाब गए थे उन्होंने वहां देखा कि किस तरह वहां मधुमक्खी पालन हो रहा है। उन्होंने मुझे इसके विषय मे बताया और मुझे ये बहुत अच्छा लगा। -Bee Keeping By Nimit Singh From Uttar Pradesh and brand name is madhumakakhiwala
कम राशि से करें मधुमक्खीपालन का काम
निमित सिंह (Nimit Singh) ने अब इसका व्यापार शुरू किया और आज वह एक कामयाब हनीमेकर बने हैं। उन्होंने मधुमक्खीवाले ब्रांड को वर्ष 2016 में पंजीकृत करवाया था। वह बताते हैं कि मुझे इस कार्य से बहुत कुछ सीखने को मिला है। मुझे इसमें ना तो कुछ ज्यादा निवेश करना पड़ा और ना हीं जमीन के लिए किसी के पास जाना पड़ा। अगर आप भी चाहे तो मात्र 5000 से ऐसे कार्य की शुरुआत कर सकते हैं। वह बताते हैं कि इस कार्य की शुरुआत के लिए मैंने काफी शोध किया और बहुत से इलाकों में घूमने भी गया था ताकि वहां से कुछ सीख सकूं। इसके अतिरिक्त उन्होंने हर उस जगह का दौरा किया जहां मधुमक्खी पालन होता है। उन्होंने लगभग 2 वर्षों तक मधुमक्खी विशेषज्ञों के साथ वक्त बिताया था ताकि हर चीज को अच्छी तरह समझ सके और फिर अपना व्यवसाय शुरू करें। -Bee Keeping By Nimit Singh From Uttar Pradesh and brand name is madhumakakhiwala
कई राज्यों का दौरा कर जानकारी एकत्रित की
वह बताते हैं कि उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले राजीव सिंह जो मधुमक्खी पालन करते हैं वह मेरे लिए पहले सबक है। मुझे उनसे बहुत सारी जानकारियां मिली है उन्होंने मुझसे इससे होने वाले लाभ एवं मधुमक्खी पालन किस तरह करनी है यह सारी चीजें सिखाई है। फिर वह पंजाब के राजपुरा भी गए जहां उन्हें लाल बहादुर भाटिया से मधुमक्खी पालन के बारे में जानकारी ली। इसके अतिरिक्त उन्होंने चेन्नई कन्याकुमारी एवं हर क्षेत्र का दौरा भी किया। वह सारी जानकारी लेना चाहते थे ताकि उन्हें शुरुआती दौर में किसी भी स्टाफ को ना रखना पड़े।
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किसानों से की मित्रता और सीखी कृतज्ञता
वह बताते हैं कि मैंने अपने सफर की शुरुआत में सबसे पहले वह काम सीखा है जिसे कहते ही मुझे हंसी आती है। उन्होंने सबसे पहले तंबू गाङना सीखा, क्योंकि यह बेहद आवश्यक कार्य था। वह घर से बाहर रहते थे जिस कारण यह जरूरी था। वह बताते हैं मैं दिन भर हर चीज की जानकारी एकत्रित करता था और फिर रात को तंबू गाड़कर सो जाया करता था। इन सबके अतिरिक्त उन्होंने यह भी बताया कि मैंने गांव के किसानों से मित्रता की एवं उनसे कृतज्ञता भी सीखी। किसानों ने भी उनकी मदद की और जिससे वह बहुत खुश भी हुए। -Bee Keeping By Nimit Singh From Uttar Pradesh and brand name is madhumakakhiwala
शहद में क्षेत्र के आधार पर होती है भिन्नता
मधुमक्खी के व्यवसाय के लिए उन्हें बक्से की जरूरत थी जिसकी 50 मधुमक्खी के बक्से उन्हें पश्चिम बंगाल से मिली। इस दौरान उन्होंने यह जानकारी हुआ कि अगर कोई मधुमक्खी पालन का व्यवसाय करना चाहता है तो वह बिना ढंग के नहीं होता। हालांकि शुरुआती दौर में उन्हें निराशा हाथ लगी और उन्होंने अपने मधुमक्खियों को खो दिया। परंतु उन्होंने हार नहीं मानी और अपने कार्यों को जारी रखा। वह बताया कि कोई 2 शहद एक जैसे नहीं होते, जिस क्षेत्र में मधुमक्खी अपने शहद का निर्माण करती है वह उसी के आधार पर खुशबू एवं स्वाद में तब्दील होता है। अगर आप मुजफ्फरपुर के खेत में रखे मधुमक्खियों के बक्से से बने शहद का सेवन करते हैं तो उसका स्वाद एवं खुशबू लीची की तरह होगी क्योंकि यह शहर लीची के लिए प्रसिद्ध है। वहीं अगर आप सुंदरवन के शहद खरीदें तो इसमें जंगली फूलों की मदद सुगंध आएगी और वही अगर शहद पंजाब है तो उससे सरसों के फूलों की सुगंध आएगी। -Bee Keeping By Nimit Singh From Uttar Pradesh and brand name is madhumakakhiwala
6 माह में 1 किलोग्राम मोम एवं 25 किलोग्राम शहद का उत्पादन होता है
जानकारी के अनुसार 6 महीने में लगभग 25 किलोग्राम शहद एवं 1 किलोग्राम मोम का उत्पादन मधुमक्खियों से होता है। जिस क्षेत्र में फूल अधिक होते हैं हम मधुमक्खियों के बक्से को उधर ही घुमाया करते हैं। हमारा दौरा अन्य क्षेत्रों में होता है कभी उत्तर प्रदेश तो कभी जंगलों में भी। वह कहते हैं कि मैं किसानों की उदारता के लिए उन्हें तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं और धन्यवाद के तौर पर मैं उन्हें 25 किलो शहद वहीं खेतों में ही छोड़ देता हूं। उन्होंने बताया कि शहद की मार्केटिंग के लिए मैंने स्पेशल तरीका अपनाया है क्योंकि शुरुआती दौर में जब मैंने इसे बेंचना प्रारंभ किया था तो मुझे कुछ अधिक लाभ नहीं हुआ। इसीलिए मैं अब शहद को बोतलों में भरकर बाइक पर घूम कर बेचता हूं। -Bee Keeping By Nimit Singh From Uttar Pradesh and brand name is madhumakakhiwala
यूकेलिप्टस शहद है बेहद प्रसिद्ध
वह बताते हैं कि मैं अपने शहद को पैक करके सुबह के दौरान बाइक पर लेकर घूमने चला जाया करता था क्योंकि मैं जानता था कि लोग सुबह में टहलने आते हैं जिन्हें अपने सेहत से बेहद प्रेम है वह मेरे शहद को अवश्य खरीदेंगे। मुझे जो लोग सुबह में मिला करते थे मैं उन्हें अपने शहद का स्वाद चखाया करता था। अब शहद का स्वाद लोगों को पसंद आई और धीरे-धीरे इसका डिमांड बढ़ने लगा। अब उनके पास 1000 मधुमक्खी के बक्से हैं एवं उन्होंने 1 एकड़ जमीन भी खरीदी है जहां पर मधुमक्खी पालन कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार उनकी मधुमक्खियों से 10 प्रकार के अलग-अलग शहद का निर्माण होता है। जिनमे यूकेलिप्टस सहद बेहद ही प्रसिद्ध है। -Bee Keeping By Nimit Singh From Uttar Pradesh and brand name is madhumakakhiwala
मिला को मिला रोजगार
वह अब महिलाओं के लिए आजीविका का स्रोत भी बने हुए हैं। बाराबंक़ी के चैनपुरवा गांव में लगभग 114 परिवारों के 25 महिलाओं को मोम दिया जाता है जिससे वे सब दीये का निर्माण करती है और उनका आजीविका चलता है। दीवाली में महिलाओं ने पिछले वर्ष लगभग 9 लाख दीयों का निर्माण किया था और वही इस बार 10 लाख के करीब दिए बने हुए थे। अब वह अपने एरिया के लोगों को प्रशिक्षण दे रहे हैं और अन्य लोग भी मधुमक्खी पालन से जुड़ रहे हैं। -Bee Keeping By Nimit Singh From Uttar Pradesh and brand name is madhumakakhiwala