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औषधीय खेती कर इस किसान ने बदल डाली अपनी किस्मत, अधिक उत्पादन से कर रहे खूब कमाई

आज के दौर में हर किसी का स्वास्थ्य खराब होना निश्चित है। इसका एक कारण प्रदूषण है तो दूसरा खेती में केमिकल युक्त खाद से उगाए गए उत्पादों का सेवन करना है। अधिकतर किसान खेती में अधिक उत्पादन के लिए रासायनिक उर्वरकों का छिड़काव करते हैं जिसका हमारे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। जब किसी का स्वास्थ्य बिगड़ेगा तो निश्चित है कि वह दवाईयों का सेवन भी करेगा ताकि वह अस्वस्थ हो जाए।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि हम जो ये इंग्लिश दवाओं का सेवन करते हैं वह भी हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक ही है। इसलिए यह आवश्यक है कि आप औषधीय पौधे से निर्मित दवाओं का सेवन करें। औषधीय पौधों का डिमांड भी मार्केट में अधिक है जिस कारण किसान बुआई भी जोड़-तोड़ से कर रहे हैं। -Prasenjeet Kumar of Jharkhand is earing more by cultivation medicinal plants and giving employment to people

आज की हमारी यह कहानी एक ऐसे किसान की है जो औषधीय पौधों की खेती से अधिक कमाई कर रहे हैं। आज उनका बिजनेस बहुत से राज्यों में फैला हुआ है और वह सबके लिए उदाहरण बने हुए हैं। -Prasenjeet Kumar of Jharkhand is earing more by cultivation medicinal plants and giving employment to people

प्रसेनजीत कुमार (Prasenjeet Kumar) के आय का स्रोत है खेती

वह किसान हैं प्रसेनजीत कुमार (Prasenjeet Kumar) जो झारखंड (Jharkhand) से ताल्लुक रखते हैं। उनका निवास स्थान बोकारो जिले के कसमार प्रखंड का दांतू है। उन्होंने एग्रीकल्चर से ग्रेजुएशन किया हुआ है। उन्होंने अपनी आमदनी का स्रोत खेती को ही बनाया है और आज वह सैकड़ों लोगों को रोजगार दे रहें हैं। -Prasenjeet Kumar of Jharkhand is earing more by cultivation medicinal plants and giving employment to people

Prasenjeet from Jharkhand farming medicinal plants earning lakhs

दिया है 250 युवाओं और महिलाओं को नौकरी

आज उन्होंने अपने इस कार्य में लगभग 250 युवाओं और दर्जनों महिलाओं को रोजगार दिया है और अभी भी ये कार्य जारी है। शुरुआत में उन्होंने अपने खेत में स्टीवीया यानि मीठी तुलसी के कुछ पौधों को ही लगाया था। इसके लिए उन्होंने चेन्नई से इसे मंगवाया और अपने खेतों में इसकी बुआई की। वह चेन्नई गये ताकि इसके विषय में अधिक जानकारी हासिल कर सकें और स्वयं इसका व्यापार प्रारंभ कर सकें। वर्तमान में वह लगभग 14 एकड़ जमीन में स्टीविया की खेती कर अत्यधिक लाभ अर्जित कर रहे। -Prasenjeet Kumar of Jharkhand is earing more by cultivation medicinal plants and giving employment to people

उत्पादों का होता है ऑनलाइन बिक्री

जानकारी के अनुसार पौधे की ट्रिमिंग एवं पैकिंग यहां महिलाएं ही करती हैं। वर्ष 2020 के फरवरी महीने में उन्होंने लगभग 1 एकड़ भूमि पर नोनी के करीब 50 पौधे लगाएं जिससे आज वह जूस का उत्पादन करते हैं। वर्तमान में उनका व्यवसाय बहुत से राज्यों में फैला हुआ है और वह अपने उत्पादों की बिक्री के लिए ई-कॉमर्स वेबसाइट का यूज करते हैं और अपने उत्पाद ऑनलाइन देखते हैं। -Prasenjeet Kumar of Jharkhand is earing more by cultivation medicinal plants and giving employment to people

सैलरी है 4 हजार रुपए

स्टीविया के पत्ते की कटाई हर 3 महीने में होती है फिर इसे सुखाने के उपरांत पैक किया जाता है। इस कार्य के लिए प्रतिदिन 15 महिलाएं तत्पर रहती हैं जिनकी सैलरी 3 से 4 हजार रुपए है। यहां पर जो युवाएं कार्य करते हैं वह कमीशन एजेंट के तौर पर है। -Prasenjeet Kumar of Jharkhand is earing more by cultivation medicinal plants and giving employment to people

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