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34 साल की महिला, जिसने ट्रांसजेंडर के लिए पाकिस्‍तान में खोला पहला मदरसा: रानी खान

ना केवल भारत (India) बल्कि दुनिया के कई देशों में ट्रांसजेंडर (Transgender) समुदाय के साथ भेदभाव किया जा रहा है। हमारे समाज में उन्हें अपनी पहचान बनाने तक का मौका नहीं दिया जाता। ऐसे हालत में भी पाकिस्तान (Pakistan) में इस समुदाय के लिए एक आम महिला द्वारा मदरसा खोला गया ताकि ट्रांसजेंडर्स (Transgender) को समाज में बराबरी का हक मिल सके। वह भी पढ़-लिखकर अपनी अलग पहचान बनाने में सफल हो सकें।

Rani Khan who opens first transgender only madarsa in Pakistan

पाकिस्तान में ट्रांसजेंडर के लिए पहला मदरसा खुला

पाकिस्तान की रहने वाली 34 साल की रानी खान (Rani Khan) ने ट्रांसजेंडर (Transgender) के लिए एक मदरसा खोला है। रानी ने पाकिस्तान में पहला मदरसा खोला है, जो की पूरी तरीके से ट्रांसजेंडर (Transgender) के भलाई के लिए खोला गया है। रानी यहां आकर ट्रांसजेंडर (Transgender) समुदाय के लोगों के साथ वक्त बिताती हैं। साथ ही उन्हें पढ़ाती भी हैं। रानी ने अपनी पूरी जिंदगी की कमाई से यह मदरसा खोला है।

रानी कर रही हैैं ट्रांसजेंडर्स की मदद

13 साल जैसी कम उम्र में रानी के परिवार ने उन्हें भीख मांगने के काम में लगा दिया था। 17 साल की उम्र में रानी एक ट्रांसजेंडर्स ग्रुप का हिस्सा बन गई। उसके बाद रानी ट्रांसजेंडर्स (Transgender) के जीवन को बेहतर करने के लिए उनकी मदद करने का निश्चय किया। रानी ने सिलाई, कढ़ाई जैसे काम करके पैसा इकठ्ठा किया। अक्‍टूबर साल 2020 में उन्‍होंने दो कमरों वाले एक घर को मदरसा बना दिया। अब वह ट्रांसजेंडर्स (Transgender) समुदाय के लोगों को पढ़ाती हैं। साल 2018 में पाकिस्‍तान ने थर्ड जेंडर को मान्‍यता दे दी है।

बिहार के ग्रामीण परिवेश से निकलकर शहर की भागदौड़ के साथ तालमेल बनाने के साथ ही प्रियंका सकारात्मक पत्रकारिता में अपनी हाथ आजमा रही हैं। ह्यूमन स्टोरीज़, पर्यावरण, शिक्षा जैसे अनेकों मुद्दों पर लेख के माध्यम से प्रियंका अपने विचार प्रकट करती हैं !

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