खेती में उपयोग किए हुए आधुनिक तकनीकों तथा अपनी नई सोच की वजह से आज हमारे देश के युवा भी खेती में अपना करियर बनाने के लिए अग्रसर हो रहे हैं। जहां पहले किसान पारंपरिक खेती कर घाटे का सौदा करते थे वही आज वे विभिन्न प्रकार की खेती कर लाभ प्राप्त कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले युवा किसान रविंद्र पांडेय ने भी विदेश की नौकरी को ठुकरा कर अपने स्वदेश में ही ड्रैगन फ्रूट की खेती प्रारंभ की और आज इससे अच्छी खासी कमाई कर अन्य लोगों को ड्रैगन फ्रूट की खेती की तरफ आकर्षित करने में सक्षम हो रहे हैं।
विदेश के ऑफर को छोड़ शुरू की खेती
रविंद्र पांडे ने अपने खेत में ड्रैगन फ्रूट की बुआई की है जो कैक्टस प्रजाति का पौधा है। उन्हें अपने इस खेती में लगभग 72 हज़ार रुपये की लागत आई जिससे उनकी कमाई 4 लाख रुपए हो रही है। रविंद्र ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा संपन्न करने के बाद मैथ से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। पढ़ाई संपन्न होते ही उन्हें विदेशों से नौकरी के लिए ऑफर आने लगे परंतु वे चाहते थे कि कृषि के क्षेत्र में अपना करियर बनाए जिसके लिए उन्होंने कृषि का ही चयन किया। -Dragon Fruit framing by Ravindra Pandey
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डीएम से मिली खेती की जानकारी
जानकारी के मुताबिक उन्हें ड्रैगन फ्रूट की खेती के बारे में पता डीएम अखंड प्रताप सिंह से मिली। इसके विषय में जानकारी प्राप्त कर उन्होंने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लगभग 10 बिस्वा जमीन में इसकी नर्सरी को तैयार कराया। यहीं से रविंद्र को इसके विषय में दिलचस्पी बढ़ी और आज भी इसकी खेती के अतिरिक्त नर्सरी से पौधे भी बेंचते हैं। -Dragon Fruit framing by Ravindra Pandey
असफलता के बाद मिली सफलता
खेती को प्रारंभ करने के दौरान उन्होंने इसके विषय में अपने पिता से बताया और उनसे सहायता ली। प्रारंभिक दौर में उन्हें अपनी खेती से निराशा मिली क्योंकि अपनी खेती में वह केमिकल युक्त उर्वरक का उपयोग करते थे। आगे उन्होंने इसकी खेती के विषय में उन किसानों से संपर्क किया जो इससे लाभ प्राप्त कर चुके थे। किसानों ने उन्हें ये बताया कि तुम केमिकल युक्त उर्वरक का उपयोग बंद करके ऑर्गेनिक कंपोस्ट का उपयोग करो तो तुम्हें अच्छी ऊपज मिलेगी आगे उन्होंने ऐसा ही किया और आज वह एक सफल किसान है। -Dragon Fruit framing by Ravindra Pandey