चंदन के बारे में तो हम सभी जानते हैं। इसकी लकड़ी बहुत महंगे दामों पर बिकती है तथा इसका उपयोग पूजा, हवन जैसे कार्यों में इसका विशेष रूप से इस्तेमाल किया जाता है। जिस तरह अन्य फसल की खेती करके किसान लाखों की आमदनी कमा रहे हैं, उसी प्रकार यदि कोई चंदन की खेती करता है, तब उसे एक पेड़ से 5 लाख रुपये की आमदनी कमाई जा सकती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि चंदन की खेती कैसे होती है? और इससे कितनी आमदनी हो सकती है? इस आर्टिकल में जानेंगे चंदन की खेती से जुड़ी सभी बातें।
हरियाणा के किसान ने शुरु की चंदन की खेती
हरियाणा (Haryana) के घरोंडा के एक किसान अपने खेतों में चंदन की खेती (Sandalwood Farming) करते हैं। वे कई बीघा जमीन पर चंदन के पौधे लगाए हैं, जो धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि चंदन के पौधे को तैयार होने में लगभग 12 वर्ष का समय लगता है। यदि कोई चंदन का एक पौधा लगता है, तो उसे 5-6 लाख रुपए की कमाई हो सकती है। एक एकड़ में 600 चंदन के पेड़ लगाए जा सकते हैं तथा 12 वर्ष बाद इसे 30 लाख रुपए की आमदनी की जा सकती है। उनके अनुसार वे पिछ्ले 3 वर्षों से इसकी खेती कर रहे हैं और दूसरों से भी करवा रहे हैं।
चंदन के एक पौधे की कीमत
खेत में चंदन का पौधा लगाने के लिये इसके सीडलिंग की आवश्यकता होती है, जो काफी महंगी मिलती है। यदि इसे थोक में खरीदा जाए तो लगभग 400-500 रुपये प्रति दर से खरीद सकते हैं, और खेतों में लगा सकते हैं। चंदन की खेती (Sandalwood Farming) के साथ होस्ट की खेती करना आवश्यक हैं। होस्ट भी एक तरह से पौधा है जो चंदन के साथ लगाया जाता है। यदि होस्ट का पौधा मर जायेगा तो चंदन का पौधा भी मर जायेगा। एक एकड़ भूमि पर 600 चंदन के पौधे तथा 300होस्ट के पौधे लगाए जाते हैं।
पानी से करें बचाव
बाकी पौधे की तरह चंदन के पौधे को अधिक पानी की जरुरत नहीं होती है इसलिए चंदन की खेती (Sandalwood Farming) वैसे क्षेत्रों में नहीं करनी चाहिए जहां पानी रुकता हो। इससे पौधे के सड़ने का खतरा रहता है। इसके पौधे सरकार की तरह से बेचे जाते हैं तथा इसमें प्राइवेट एजेंसी का कोइ रोल नहीं है। प्राइवेट एजेंसी चंदन का निर्यात नहीं कर सकती हैं, क्योंकि सरकार ने रोक लगा रखी है। चंदन की लकड़ी का निर्यात सिर्फ सरकार ही करेगी।
चंदन के पौधे तैयार होने के बाद वन विभाग को जानकारी देनी होती है कि पेड़ कटने के लिये तैयार हैं। उसके बाद वह आगे निर्देश देती है। चंदन विश्व का सबसे महंगा पेड़ है, इसकी लकड़ी 27 हजार रूपये प्रति किलो बिकती है। चंदन के एक पेड़ से 15-20 किलों लकड़ी निकल जायेगी, जिससे 6 लाख की आमदनी होती है।
तेजी से होता है पौधे का विकास
ढ़ाई वर्ष तक के चंदन के पौधे को लगाना उपर्युक्त माना जाता है। दो-ढ़ाई साल में इसका पौधा दो-ढ़ाई फुट बढ़ जाता है। इसे किसी भी मौसम में लगाया जा सकता है लेकिन सर्दियों में इसे लगाने की सलाह नहीं दी जाती है। इसे अधिक देखभाल की जरुरत नहीं होती है। पानी कम और सफाई अधिक रखनी होती है ताकि पौधे तेजी से बढ सके। पौधे पर मेढ लगा दिये जाते हैं, जिससे पानी ना चढ़े। चंदन के एक पौधे को हफ्ते में 2-3 लीटर पानी की जरुरत होती है। (Sandalwood Farming)
सांप लटकने की बात झूठी
कहा जाता है कि चंदन के पेड़ पर सांप लटकते हैं, जो गलत है। यह अफवाह इसलिए फैलाई जाती था ताकि कोई चंदन की लकड़ी की चोरी ना कर सके। 8 वर्षों तक चंदन की लकड़ी की चोरी नहीं हो सकती, क्योंकि उसमें कोई खुशबू नहीं होती है, लेकिन 8 वर्ष से 12-15 वर्ष तक चंदन के पौधे की निगरानी करनी होती है।
ऐसे करें चंदन की खेती
चंदन की खेती के साथ अन्य फसल भी उगाए जा सकते हैं। चंदन के पौधे को 20 फीट की दूरी पर लगाकर उसके बीच में अन्य फसल को उपजाकर कमाई की जा सकती है। चंदन की खेती (Sandalwood Farming) के साथ गन्ने और चावल की खेती नहीं करनी चाहिए, इससे पौधे को नुकसान पहुंचता है। चंदन का पौधा बढ़ने पर अमरूद के पेड़ जैसा होता है लेकिन इसकी टहनियां छोटी होती है।
लाल और सफेद चंदन
चंदन की लकड़ी धीरे-धीरे पकती है, जिसके बाद उसमें से खुशबू आने लगती है। पेड़ से खुशबू आने का मतलब है कि लकड़ी में वजन बढ़ रहा है। चंदन दो प्रकार के होते हैं, एक लाल चंदन और दूसरा सफेद चंदन। भारत में सफेद चंदन की खेती होती है, क्योंकि यहां की मिट्टी उसी के हिसाब से अनुकूल है। यदि मिट्टी का पीएच 4.5-6.5 तक है तो लाल चंदन की खेती की जा सकती है। यदि पीएच इससे ऊपर है तो सफेद चंदन लगा सकते हैं। चंदन की खेती 5 डिग्री से लेकर 46 डिग्री तापमान तक में की जा सकती है। (Sandalwood Farming)