महिलाओं का सशक्तीकरण आज की आवश्यकता है। अभी तक भारत में महिलाएं शिक्षा, राजनीति, मीडिया, कला व संस्कृति तथा विज्ञान व प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में भागीदारी निभा रही हैं। लेकिन अब महिलाएं कृषि संबंधित कार्यों का भी निर्वहन करने लगी हैं। आज हम बात करेंगे एक ऐसी महिला की, जिसने कृषि के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए समाज का ध्यान अपने तरफ आकर्षित करवाया है।
कौन है वह महिला ?
हम महिला किसान संगीता पिंगले (Sangeeta Pingle) की बात कर रहे हैं, जो मूल रूप से महाराष्ट्र (Maharashtra) के नासिक की रहने वाली है। आज के समय में खेती के बदौलत लाखों रूपये कमाने वाली संगीता पिंगले की कहानी बहुत हीं संघर्षशील रहा है।
दोहरे सदमें के डूबी
वर्ष 2004 में संगीता पिंगले (Sangeeta Pingle) के एक बेटे का अचानक मृत्यू हो गया जिसके कारण वह शोक में थी। अभी वह पूरी तरह से इससे उबड़ भी नही पायी थी कि 2007 में उनके पति की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। उस समय वे 9 महीने की गर्भवती थी। इसके बाद से उन्हें किसी कारणवश संयुक्त परिवार से अलग भी होना पड़ा।
वह (Sangeeta Pingle) अपने बढ़े सास-ससुर तथा अपने एक बेटी और एक बेटे के साथ अलग रहने लगी। उनके ससुर के हिस्सें में 13 एकड़ खेत था, जिसमे उनके ससुर परंपरागत खेती करके किसी तरह परिवार का खर्च उठाते थे। इसके बाद भी उनके परिवार से मुश्किलों का सामना होता रहा तथा कुछ समय बाद उनके ससुर की भी मृत्यू हो गई।
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शुरु की किसानी
ससुर के मृत्यू के बाद उन्होंने (Sangeeta Pingle) अपने दो बच्चों तथा एक बूढ़ी सास का देखभाल का जिम्मा उठाया। इसके लिए उन्होंने अपने पैतृक 13 एकड़ जमीन में खुद से खेती करने का निर्णय लिया। ऐसे एक महिला होने के नाते उनके लिए यह काम करना बहुत हीं कठिन था, लेकिन उन्होंने हार नहीं माना। कुछ समय बाद उन्होंने किसी के सलाह पर अंगूर की खेती करने का मन बनाया तथा खेती शुरु कर दी।
शुरुआती दिनों में उन्हें (Sangeeta Pingle) काफी मशक्कत करनी पड़ी, लेकिन आज के समय में वह संघर्ष करते-करते खुद से ट्रैकटर चलाने के साथ हीं साथ खेती की सभी तरह का कामों को बखुबी जानती है।
अंगूर तथा टमाटर की है खेतिहर
मुसीबत के दिनो में संगीता पिंगले (Sangeeta Pingle) ने खेती का निर्णय किया जो कि उनके लिए काफी कठिन था। आज वह अपनी 13 एकड़ की जमीन पर अंगूर और टमाटर की खेती (Grapes farming) करती हैं। सही दिशा में प्रयास तथा अच्छे-खासे जानकारियों के साथ ही साथ वे अपने सूझ-बुझ से अच्छी उपज कर रही हैं।
मोटी कमाई
महिला किसान संगीता पिंगले (Sangeeta Pingle) ने आज के समय में बड़े पैमानें पर अंगूर तथा टमाटर की खेती कर अपने संघर्षो के बदौलत सफलता हासिल की है। आज के समय में 13 एकड़ में लगे अंगूर तथा टमाटर के फसलों ने उपज देना शुरु कर दिया है। अब उनके खेत में से 800 से 1000 टन अंगूरों की उपज (Grapes farming) होती है, जिसे बेचकर वह 25 से 30 लाख रुपये सालाना कमा लेती हैं। उनकी इस मोटी कमाई के बदौलत उनके तथा उनके बेटा-बेटियों का खर्च चलता है।
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लोगों के लिए बनी प्रेरणा
अपने मेहनत और संघर्ष के बदौलत सफलता हासिल करते हुए तमाम परेशानियों को झेलने के बाद भी खुद और अपने परिवार को संभालने वाली महिला किसान संगीता पिंगले (Sangeeta Pingle) ने कृषि के क्षेत्र में एक बड़ी भूमिका निभाई है। एक महिला होने के बावजूद भी उनकी यह कदम बहुत हीं सराहनीय तथा प्रेरणादायी है। जिस तरह उन्होंने 13 एकड़ खेतों में अंगूर तथा टमाटर की खेती करके लाखों की कमाई की है, वह उनकी संघर्ष का हीं परिणाम है। आज के समय में उनकी यह सफलता लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बनीं हुई है।
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